बारह महीने बाद सूर्य करेंगे अपनी राशि में प्रवेश, सोने की तरह चमक उठेगी इन राशियों की किस्मत!

बारह महीने बाद होगा सूर्य का सिंह राशि में गोचर, सोने की तरह चमक उठेगी इन राशियों की किस्मत!

सूर्य का सिंह राशि में गोचर: नवग्रहों के जनक के नाम से विख्यात सूर्य ग्रह मनुष्य जीवन में विशेष महत्व रखते हैं जो पुरुष स्वभाव के उग्र ग्रह हैं। ऐसे में, मानव जीवन के साथ-साथ संसार के लिए भी सूर्य को महत्वपूर्ण माना जाता है। इनकी राशि और स्थिति में होने वाला हर बदलाव भी विशेष मायने रखता है और अब जल्द ही हमें इनकी राशि में परिवर्तन देखने को मिलेगा।

बता दें कि सूर्य देव सिंह राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। इसी क्रम में, एस्ट्रोसेज एआई का यह लेख आपको “सूर्य का सिंह राशि में गोचर” के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, सूर्य की राशि में होने वाला यह परिवर्तन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे करियर, व्यापार, प्रेम और वैवाहिक जीवन पर अपना प्रभाव डालेगा। इस बारे में भी हम विस्तार से बात करेंगे। तो चलिए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं आपके जीवन पर पड़ने वाले सूर्य के प्रभाव को। 

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यह हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि सूर्य को ग्रहों के राजा कहा जाता है, पर क्यों? इसके पीछे का कारण है कि यह संसार को अपनी रोशनी से रोशन करते हैं और इनके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती हैl साथ ही, सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं जो उनकी ऊर्जा का स्रोत है। इसके अलावा, सभी नवग्रहों में सूर्य एकमात्र ऐसे ग्रह हैं जो कभी भी उदित, अस्त, वक्री और मार्गी नहीं होते हैं। सूर्य देव की इन ख़ूबियों को जानने के बाद आइए अब हम नज़र डालते हैं सूर्य गोचर के समय पर।

सूर्य का सिंह राशि में गोचर: तिथि और समय 

सूर्य महाराज के सिंह राशि में गोचर को बहुत ख़ास माना जाता है क्योंकि इस राशि में इनकी स्थिति मज़बूत होती है। बता दें कि सूर्य ग्रह का गोचर हर महीने होता है। सरल शब्दों में कहें तो, सूर्य देव हर 30 दिन में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं।

अब सूर्य 17 अगस्त 2025 की रात 01 बजकर 41 मिनट पर कर्क राशि से निकलकर अपने स्वामित्व वाली सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे और अगले एक महीने इसी राशि में रहेंगे। ऐसे में, सूर्य इस राशि में बैठकर अनेक युतियों और योगों का निर्माण करेंगे। साथ ही, कुछ राशियों को शुभ फल भी प्रदान करेंगे। आइए अब हम आपको रूबरू करवाते हैं सूर्य की सिंह राशि में उपस्थिति के बारे में।

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सूर्य का सिंह राशि में गोचर: विशेषताएं

सूर्य अग्नि तत्व के उग्र ग्रह हैं जिन्हें एथलीट, मनोरंजन और रचनात्मकता का कारक माना गया है। सूर्य का सिंह राशि में गोचर अपनी स्वयं की राशि में होता है जो राशि चक्र की पांचवीं राशि है। वहीं, काल पुरुष कुंडली में सिंह पांचवें भाव के अंतर्गत आती है और सूर्य ग्रह का संबंध रचनात्मकता से होता है। ऐसे में, सूर्य की सिंह राशि में मौजूदगी जातक के जीवन को कुछ इस तरह प्रभावित करती है।

  • सूर्य की सिंह राशि में उपस्थिति जातक को एक अच्छा चित्रकार, डॉक्टर या सर्जन बनाने का काम करती है। 
  • ऐसे लोग प्रतिद्वंदियों पर अपना दबदबा बनाए रखते हैं और ये लोग विरोधियों पर आसानी से जीत हासिल करने में माहिर हैं।
  • यह लोग आत्मविश्वास से भरे होते हैं और इनमें नेतृत्व करने की क्षमता कूट-कूट कर भरी होती है।
  • कुंडली में सूर्य ग्रह पिता के भी कारक माने गए हैं, इसलिए इन लोगों को हर कदम पर अपने पिता का साथ मिलता है। 
  • ऐसे जातक उन लोगों के प्रति समर्पित रहते हैं जो इनके दिल के करीब होते हैं। इनका सारा ध्यान उनको अपनी तरफ आकर्षित करने पर होता है।
  • यह लोग जिनकी परवाह करते हैं, उनकी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने से चूकते नहीं हैं।
  • सूर्य की सिंह राशि में मौजूदगी व्यक्ति को सरकारी अधिकारी बनाने का भी काम करते हैं।

आइए अब हम आपको अवगत करवाते हैं उन योगों के बारे में जिनका निर्माण सूर्य ग्रह द्वारा किया जाता है। 

सूर्य का सिंह राशि में गोचर: सूर्य ग्रह द्वारा निर्मित शुभ योग 

शायद ही आप जानते होंगे कि जब सूर्य देव कुंडली में मित्र ग्रहों के साथ बैठे होते हैं या फिर युति करते हैं, तो उस समय अनेक शुभ योग बनते हैं।

बुधादित्य योग: ज्योतिष में बुधादित्य राजयोग को बेहद शुभ माना जाता है। कुंडली में यह राजयोग तब बनता है, जब किसी राशि या भाव में सूर्य और बुध एक साथ बैठकर युति करते हैं। जहाँ सूर्य सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो वहीं बुध देव को बुद्धि, वाणी और व्यापार के कारक कहा गया है। ऐसे में, इन दोनों की युति से बनने वाला बुधादित्य राजयोग जातक की बुद्धि को तेज़ बनाता है और सरकारी क्षेत्र में अच्छी नौकरी की संभावनाओं को मज़बूत करता है। 

वेशी योग: वेशी योग सूर्य से बनने वाला एक बहुत ही शुभ योग है जिसका निर्माण कुंडली में उस समय होता है जब चंद्र ग्रह के अलावा कुंडली में सूर्य से दूसरे भाव में कोई ग्रह बैठ होता है। वेसी योग के प्रभाव से इंसान देखने में सुंदर और आकर्षक होता है। साथ ही, यह सुयोग्य, साहसी, धनवान और गुणवान होते हैं।

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सूर्य का सिंह राशि में गोचर: सूर्य गोचर से बनने वाले अशुभ योग  

सूर्य ग्रह भले ही नवग्रहों के जनक कहे जाते हैं, लेकिन कुंडली में इनकी नकारात्मक स्थिति में या पापी ग्रहों के साथ बैठे होने पर सूर्य कई अशुभ योगों को भी जन्म देते हैं।      

सूर्य ग्रहण योग: कुंडली में बनने वाला सूर्य ग्रहण योग अशुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि कुंडली में ये योग उस समय बनता है जब सूर्य देव, पापी ग्रह राहु या केतु के साथ युति करते है। सूर्य ग्रहण योग के प्रभाव से जातक को पूर्व जन्म के कर्मों के प्रभाव से समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

वैधृति योग: सूर्य ग्रहण योग की तरह ही वैधृति योग को भी अशुभ माना गया है। इस योग का निर्माण कुंडली में उस समय होता है जब सूर्य और चंद्रमा पापी ग्रहों जैसे राहु-केतु और शनि के साथ बैठ हों। वैधृति योग आपके जीवन को कठिन बनाने का काम करता है और आपको हर कदम पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

अब हम आपको रूबरू करवाने जा रहे हैं सूर्य देव से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्यों के बारे में। 

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सूर्य ग्रह से जुड़े रोचक ज्योतिषीय तथ्य  

ज्योतिष की दुनिया में सूर्य देव की स्थिति का उपयोग व्यक्ति की कुंडली का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है। साथ ही, सूर्य संसार के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं और इसी क्रम में हम आपको नीचे सूर्य ग्रह से जुड़ी विशेष बातें बताने जा रहे हैं। 

  • ग्रहों के राजा सूर्य देव को पूर्व दिशा का स्वामित्व प्राप्त है और धातुओं में यह सोने और तांबे के स्वामी हैं।
  • कुंडली में सूर्य देव आत्मा, पिता, नेतृत्व क्षमता, मान-सम्मान, सरकारी पद और अधिकारी के कारक होते हैं। 
  • सूर्य ग्रह स्त्री की कुंडली में पति और पुरुष की कुंडली में पिता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • सप्ताह में सूर्य देव को रविवार का दिन समर्पित होता है और इस दिन इनकी पूजा करना बहुत कल्याणकारी होता है।
  • किसी व्यक्ति पर सूर्य की महादशा लगातार 6 वर्षों तक चलती है।
  • राशि चक्र में सूर्य ग्रह सिंह राशि के शासक हैं। वहीं, इनकी स्थिति मेष राशि में उच्च होती है जबकि तुला राशि में सूर्य नीच अवस्था में होते हैं।   
  • जिनकी कुंडली में सूर्य लग्न भाव में बैठे होते हैं, तो ऐसे जातक का चेहरा गोल और बड़ा होता है। साथ ही, सूर्य देव पुरुषों में दायीं और महिलाओं में बायीं आंख दर्शाते हैं। 
  • कालपुरुष की कुंडली में सूर्य महाराज ह्रदय के भी कारक माने गए हैं। साथ ही, कुंडली में सूर्य को मज़बूत करने के लिए माणिक्य धारण करना चाहिए। 
  • बता दें कि मकर राशि से मिथुन राशि तक सूर्य ग्रह उत्तरायण होते हैं जबकि कर्क से धनु राशि में इनका गोचर दक्षिणायन होता है।

आइए अब हम आपको अवगत करवाते हैं सूर्य को मज़बूत करने के उपायों से। 

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सूर्य का सिंह राशि में गोचर: सरल एवं प्रभावी उपाय

पिता और बड़ों का करें आदर 

पिता के कारक माने जाने वाले सूर्य देव को मज़बूत करने के लिए अपने पिता और बड़े बुजुर्गों का आदर करें। साथ ही, नियमित रूप से उनका आशीर्वाद लेने से सूर्य कृपा की प्राप्ति होती है। 

सूर्य का सिंह राशि में गोचर: रविवार को करें व्रत और दान

रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन व्रत रखने से सूर्य ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा, रविवार को तांबा, गुड़, माणिक्य और लाल रंग से जुड़ी वस्तुओं का दान फलदायी होता है।

आदित्य हृदय स्तोत्र का करें पाठ

आदित्य हृदय स्तोत्र को बहुत शक्तिशालो माना जाता है जिसको मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम ने ऋषि अगस्त्य से प्राप्त किया था। इसकी नियमित रूप से पूजा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और जीवन से जुड़ी सभी समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही, साहस और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। 

सूर्य का सिंह राशि में गोचर: माणिक्य रत्न धारण करें 

माणिक्य को सूर्य का रत्न माना जाता है, इसलिए इस रत्न को धारण करने से सूर्य की ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है। हालांकि, इस रत्न को पहनने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है।  

सूर्य को दें अर्घ्य

रोज़ाना सुबह के समय सूर्य को तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें रोली, लाल फूल और चावल मिलाकर अर्घ्य दें। साथ ही, जल देते समय “ऊं सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें। 

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सूर्य का सिंह राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

सूर्य आपकी कुंडली में पंचम भाव के स्वामी होते हैं और सूर्य का सिंह राशि में गोचर आपके पंचम भाव… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

सूर्य आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होते हैं तथा सूर्य का सिंह राशि में गोचर… (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

सूर्य आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होते हैं तथा ये गोचरवश… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

सूर्य आपकी कुंडली में धन भाव अर्थात दूसरे के स्वामी होकर आपके दूसरे भाव … (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सूर्य आपके लग्न या राशि के स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में सूर्य का सिंह… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और द्वादश भाव के… (विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

तुला राशि के लिए सूर्य आपके लाभेश होकर लाभ भाव में ही गोचर करने वाले हैं। लाभ भाव… (विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

दशम भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके दशम भाव में ही गोचर कर रहे हैं। सूर्य… (विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

भाग्य भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके भाग्य भाव में ही गोचर करने वाले हैं। वैसे… (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

सूर्य आपके अष्टमेश होते हैं और वर्तमान में ये आपके अष्टम भाव ही गोचर कर रहे हैं। अष्टम…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

सप्तमेश सूर्य आपके सप्तम भाव में ही गोचर करने वाले हैं। सप्तम भाव में सूर्य… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

सूर्य आपके छठे भाव के स्वामी हैं और सूर्य का सिंह राशि में गोचर  आपके छठे भाव… (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सूर्य का सिंह राशि में गोचर कब होगा?

सूर्य देव अपने स्वामित्व वाली राशि सिंह में 17 अगस्त 2025 को गोचर कर जाएंगे। 

सूर्य कब अस्त होंगे?

ग्रहों के राजा सूर्य कभी अस्त नहीं होते हैं। 

सूर्य ग्रह का मित्र कौन है?

सूर्य ग्रह के मित्र चंद्र देव को माना जाता है।