शुक्र के मेष राशि में गोचर से, इन राशियों को होगा ज़बरदस्त लाभ; जानें 12 राशियों पर प्रभाव!

शुक्र के मेष राशि में गोचर से, इन राशियों को होगा ज़बरदस्त लाभ; जानें 12 राशियों पर प्रभाव!

शुक्र का मेष राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में शुक्र देव को प्रेम, ऐश्वर्य, विलासिता, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है। मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, उन्हें अपने जीवन में लगभग सभी क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। सामान्य शब्दों में कहें, तो शुक्र ग्रह ज्योतिष के साथ-साथ मनुष्य जीवन में भी अत्यधिक महत्व रखते हैं क्योंकि इनकी चाल, दशा, या राशि में होने वाला कोई भी बदलाव संसार सहित राशियों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। इसी क्रम में, अब शुक्र देव जल्द ही गोचर करने जा रहे हैं। 

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बता दें कि शुक्र ग्रह मेष राशि में गोचर करने जा रहे हैं और इस राशि के स्वामी ग्रहों के सेनापति कहे जाने वाले मंगल ग्रह हैं। ऐसे में, यह देश-दुनिया और सभी राशियों को निश्चित रूप से प्रभावित करेंगे। एस्ट्रोसेज एआई का यह विशेष ब्लॉग आपको “शुक्र का मेष राशि में गोचर” से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि कब और किस समय  होगा शुक्र का यह गोचर। इस गोचर से किन राशियों को मिलेगा शुक्र देव का आशीर्वाद और किन्हें करना होगा इनके प्रकोप का सामना? आप कैसे बच सकते हैं शुक्र गोचर के नकारात्मक प्रभाव से? इन सभी सवालों का जवाब पाने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें। 

शुक्र का मेष राशि में गोचर: तिथि और समय 

सबसे पहले हम बात करेंगे शुक्र गोचर के समय की, तो धन-वैभव एवं ऐश्वर्य के कारक ग्रह शुक्र देव 31 मई 2025 की सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर अपनी उच्च राशि मीन से निकलकर मेष राशि में गोचर कर जाएंगे। एक राशि में शुक्र देव लगभग 23 दिनों तक रहते हैं और उसके बाद दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं। बता दें कि मेष राशि मंगल ग्रह की राशि है और मंगल-शुक्र के बीच रिश्ते ज्यादा अच्छे नहीं माने गए है। हालांकि, मंगल और शुक्र के बीच तटस्थ संबंध हैं, लेकिन फिर भी इस गोचर को अनुकूल नहीं माना जा सकता है। 

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चलिए अब नज़र डालते हैं और जानते हैं शुक्र मेष राशि में होने पर कैसे फल देते हैं।

शुक्र मेष राशि में विशेषताएं

  • शुक्र ग्रह को भावनाओं के ग्रह के नाम से जाना जाता है क्योंकि इनके बिना व्यक्ति के जीवन में आकर्षण, प्रेम, और रोमांस की कल्पना नहीं की जा सकती है। 
  • जब शुक्र ग्रह मेष राशि में मौजूद होते हैं, तो वह जातक के भीतर उत्साह को बढ़ाते हैं। मेष राशि जोश और उत्साह से भरी राशि है इसलिए इस राशि में शुक्र ग्रह की उपस्थिति इनके गुणों को बढ़ाती है। 
  • बता दें मेष राशि के शासक मंगल देव हैं और यह उग्र स्वभाव की गतिशील राशि है जबकि शुभता और आनंद का प्रतीक शुक्र स्त्री ग्रह हैं। इस प्रकार, ज्योतिष के अनुसार, मेष राशि में शुक्र देव की मौजूदगी रोमांचक और अनुकूल मानी जाती है। 
  • मेष राशि में शुक्र की उपस्थिति जातकों के अंदर उमंग का संचार करती है। साथ ही, मंगल की राशि होने के कारण मेष राशि की ऊर्जा शुक्र ग्रह के साथ मिलकर जातकों को शुभ परिणाम देने का काम करेगी। 

ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व 

बात करें शुक्र ग्रह के ज्योतिषीय महत्व की, तो सभी नवग्रहों में शुक्र सबसे चमकीला ग्रह है। शुक्र ग्रह के स्वामित्व वाली महिलाएं और पुरुष स्वभाव से बहुत दयालु और सामाजिक होते हैं। दूसरी तरफ, शुक्र के कमज़ोर या दुर्बल होने पर जातक को पारिवारिक जीवन में नकारात्मक परिस्थितियों, प्यार में समस्याएं और धन की वजह से दोस्तों के साथ परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

बता दें कि सभी 12 राशियों में शुक्र महाराज को वृषभ और तुला राशि पर आधिपत्य प्राप्त हैं। वहीं, कुंडली में यह दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं जो तक़रीबन 30 दिनों तक एक राशि में रहते हैं। शुक्र ग्रह की स्थिति को विवाह, सुखी वैवाहिक जीवन और पत्नी के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। शनि, बुध और राहु के साथ शुक्र देव के मित्रवत संबंध हैं और यह चंद्रमा, सूर्य और मंगल से शत्रुता के भाव रखते हैं। 

शुक्र ग्रह की विमशोत्री दशा 20 वर्ष तक रहती है और सभी 27 नक्षत्रों में इन्हें पूर्वाफाल्गुनी,  पूर्वाषाढ़ा और भरणी नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त हैं। इनका प्रिय रत्न हीरा है। करियर की बात करें तो, शुक्र महाराज का संबंध फैशन डिजाइनिंग, डिजाइनिंग,  इंटीरियर डेकोरेशन, आर्किटेक्चर, विज्ञापन, फैशन और मॉडलिंग आदि से है। कुंडली में शुक्र देव की स्थिति कमज़ोर होने पर जातकों को धन से जुड़ी समस्याएं, व्यापार में नुकसान और सेहत से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

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शुक्र ग्रह का धार्मिक महत्व 

शुक्र ग्रह का सिर्फ ज्योतिषीय महत्व नहीं है, बल्कि यह हिंदू धर्म में भी विशेष महत्व रखते हैं जिन्हें असुरों के गुरु शुक्राचार्य के नाम से जाना जाता है। भागवत पुराण में शुक्र देव के बारे में कहा गया है कि शुक्र ग्रह महर्षि भृगु के पुत्र हैं। इनका संबंध धन की देवी माता लक्ष्मी से भी माना जाता है। व्यापार में लाभ कमाने के लिए शुक्रवार के दिन व्रत रखना फलदायी साबित होता है और इस दिन शुक्र ग्रह की पूजा का भी विधान है।  

कुंडली में शुक्र दोष होने पर इन रोगों से रहें सावधान

जिन लोगों की कुंडली में शुक्र दोष मौजूद होता है, उन्हें अपने जीवन में अनेक प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह लोग किडनी और आंख से जुड़ी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही, मानसिक तनाव भी इनकी परेशानी की वजह बनता है। 

शुक्र दोष होने पर करें ये उपाय 

जैसे कि हमने आपको बताया है कि कुंडली में शुक्र ग्रह के पीड़ित या कमज़ोर होने पर आप कई रोगों के शिकार बन सकते हैं, लेकिन आप ज्योतिष में बताए गए इन उपायों को अपनाकर शुक्र के अशुभ प्रभावों से राहत प्राप्त कर सकते हैं जो कि इस प्रकार हैं:

  • जातकों को सफेद स्फटिक की माला धारण करनी चाहिए। 
  • दोपहर में भोजन करने के बाद दही का सेवन अवश्य करें।
  • शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें।

अब हम आपको अवगत करवाते हैं कुंडली में कमज़ोर शुक्र के लक्षणों से। 

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कुंडली में कमज़ोर शुक्र के लक्षण 

  • कुंडली में शुक्र के दुर्बल होने पर जातकों का जीवन आर्थिक समस्याओं से भर जाता है और इनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकता है। 
  • कमज़ोर शुक्र होने पर शादीशुदा लोगों को संतान प्राप्ति में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 
  • जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह का प्रभाव अशुभ होता है, उन्हें अपने वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ावों से जूझना पड़ता है। 
  • शुक्र की अशुभता की वजह से प्रेम जीवन में जीवनसाथी के साथ रिश्ते में तनाव, बहस और समस्याएं बनी रहती हैं। 
  • अगर शुक्र महाराज पीड़ित अवस्था में होते हैं, तो जाताकों को शुगर, किडनी, आंत और मूत्र आदि से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं घेर सकती हैं। 

शुक्र ग्रह को मज़बूत करने के लिए करें ये उपाय 

  • घर या कार्यस्थल पर शुक्र ग्रह की स्थापना करें और नियमित रूप से इसका पूजन करें। 
  • शुक्र देव के मंत्रों का जाप नियमित रूप से करें। 
  • शुक्र ग्रह से शुभ परिणाम पाने के लिए ज्यादा से ज्यादा चमकीले रंग की वस्तु धारण करें और इनका इस्तेमाल करें। 
  • शुक्र ग्रह को बलवान करने के लिए सफेद गाय को चारा खिलाएं।
  • शुक्रवार के दिन अपने शरीर पर चंदन का लेप लगाना भी फलदायी रहता है। 
  • शुक्रवार को सफेद रंग के वस्त्र धारण करें और सफेद रंग की वस्तुओं जैसे दूध, दही और चावल आदि का दान करें। 
  • कुंडली में कमजोर शुक्र होने पर जातकों के लिए छह या तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ साबित होता है। आप चाहें तो चांदी भी पहन सकते हैं। लेकिन, ऐसा करने से पहले किसी विद्वान एवं अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें। 

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शुक्र का मेष राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि के दूसरे और सातवें भाव के स्‍वामी शुक्र ग्रह हैं जो कि अब आपके पहले भाव में…(विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

वृषभ राशि के पहले और छठे भाव के स्‍वामी शुक्र ग्रह हैं जो कि अब आपके बारहवें भाव में गोचर…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि के पांचवे और बारहवें भाव के स्‍वामी शुक्र ग्रह हैं और अब वह आपके ग्‍यारहवें भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि के चौथे और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी ग्रह शुक्र हैं जो कि अब आपके दसवें भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि के तीसरे और दसवें भाव के स्‍वामी शुक्र देव हैं जो कि अब आपके दसवें भाव में…(विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

कन्‍या राशि के दूसरे और नौवें भाव के स्‍वामी शुक्र ग्रह हैं जो कि अब आपके आठवें भाव में गोचर करने…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के पहले और आठवें भाव के स्‍वामी शुक्र ग्रह हैं जो कि अब…(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के सातवें और बारहवें भाव के स्वामी शुक्र देव हैं जो कि अब आपके छठे भाव…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि 

धनु राशि के छठे और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी शुक्र ग्रह हैं जो कि अब आपके पांचवे भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि के पांचवे और दसवें भाव के स्‍वामी शुक्र ग्रह हैं जो कि अब आपके चौथे भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि के चौथे और नौवें भाव का स्‍वामी शुक्र ग्रह हैं जो कि अब आपके…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

इस राशि के तीसरे और आठवें भाव के स्‍वामी शुक्र ग्रह हैं जो कि अब आपके दूसरे…(विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. शुक्र का मेष राशि में प्रवेश कब होगा?

मेष राशि में शुक्र ग्रह 31 मई 2025 को गोचर कर जाएंगे। 

2. मेष राशि किसकी है?

मेष राशि के अधिपति देव मंगल ग्रह हैं। 

3. शुक्र कौन हैं?

शुक्र नवग्रहों में से एक है जो प्रेम, धन, ऐश्वर्य और विलासिता के कारक ग्रह हैं।