शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: मेष सहित इन 8 राशियों की होगी हर इच्छा पूरी!

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: मेष सहित इन 8 राशियों की होगी हर इच्छा पूरी!

एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र का वृषभ राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार पड़ेगा इस बारे में भी बताएंगे। बता दें कुछ राशियों को सूर्य के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा, तो वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कुछ उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। 

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जानकारी हो कि शुक्र 29 जून को अपनी ही राशि वृषभ में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किन जातकों के लिए यह अवधि शुभ व किन जातकों के लिए यह अवधि अशुभ साबित हो सकती है। लेकिन इससे पहले शुक्र ग्रह के बारे में जान लेते हैं।

ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व

ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सौंदर्य, प्रेम, आकर्षण, कला और भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। जब शुक्र अपनी स्वग्रही राशियों वृषभ और तुला में होता है, तो यह व्यक्ति को स्वाभाविक रूप से आकर्षक, सुरुचिपूर्ण और स्टाइलिश बनाता है। ऐसे लोगों की आंखें बड़ी और चमकदार होती हैं। होंठ भरे हुए, त्वचा मुलायम व दमकती हुई, बाल घने और रेशमी होते हैं और शरीर की बनावट भी संतुलित व आकर्षक होती है। 

महिलाओं में यह विशेषताएं जैसे पतली कमर और सुंदर वक्ष, उन्हें और भी मोहक बनाती हैं। ये सभी सौंदर्य के वे गुण हैं, जिन्हें शुक्र का आशीर्वाद माना जाता है और आधुनिक समय में लोग इन्हें सर्जरी या मेकअप के जरिए उभारने की कोशिश करते हैं। वहीं शुक्र मीन राशि में होता है, जो उसकी उच्च राशि है, तब वह व्यक्ति को केवल बाहरी सुंदरता ही नहीं, बल्कि भीतरी कोमलता, भावनात्मक गहराई और आध्यात्मिक आकर्षण भी प्रदान करता है। ऐसे जातक आकर्षक होने के साथ-साथ संवेदनशील, प्रेमपूर्ण और कलात्मक भी होते हैं।

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: समय व तिथि

शुक्र 29 जून, 2025 की दोपहर 01 बजकर 56 मिनट पर अपनी राशि वृषभ में गोचर करेंगे। शुक्र यहां सहज रहेगा और अच्छा प्रदर्शन करेगा तथा निश्चित रूप से अधिकांश राशियों के लिए सकारात्मक रहेगा। आइए देखें किस राशि के जातकों के लिए शुभ साबित होगा और किसके लिए अशुभ।

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शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: इन राशियों को होगा लाभ

मेष राशि

शुक्र आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे और यह आपके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। यह शुक्र की अपनी ही राशि है इसलिए यह स्थिति आमतौर पर शुभ मानी जाती है। चूंकि शुक्र आपके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी है, इसलिए यह गोचर आपके लिए खासतौर पर महत्वपूर्ण हो जाता है। इस दौरान आपके लिए धन लाभ के योग बनेंगे, खासकर यदि आप कला संगीत या रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े हैं।

 आप नए कपड़े, गहनें आदि खरीदने के मूड में रह सकते हैं और भौतिक सुख-सुविधाओं की ओर आपका रुझान बढ़ेगा। परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा और रिश्ते में मधुरता आएगी। हालांकि शनि की तीसरी दृष्टि आपके दूसरे भाव पर पड़ रही है, जो कुछ हद तक वित्तीय या पारिवारिक मामलों में तनाव ला सकती है, लेकिन शुक्र की मजबूत स्थिति उस नकारात्मकता को काफी हद तक संतुलित कर देगी।

कुल मिलाकर यह गोचर आपके लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद होगा और पारिवारिक सुख-सुविधाओं में भी वृद्धि होगी, बशर्ते आप व्यावहारिकता और धैर्य बनाए रखें।

वृषभ राशि

शुक्र आपके छठे भाव और लग्न भाव के स्वामी हैं। वृषभ राशि में गोचर के दौरान शुक्र आपके पहले भाव में गोचर करेंगे। शुक्र अपनी ही राशि में रहेंगे। शुक्र का पहले भाव में गोचर बेहतरीन परिणाम देने वाला माना जाता है। इसके साथ ही यह शनि के नकारात्मक प्रभावों को भी कम करने में सक्षम रहेगा। इस गोचर के दौरान आपके व्यक्तित्व में आकर्षण बढ़ेगा और आप अधिक आत्मविश्वासी महसूस करेंगे। यह समय धन लाभ, रोमांटिक जीवन में खुशी और व्यापार में प्रगति के लिए अनुकूल रहेगा।

विद्यार्थियों, विशेषकर कला, साहित्य और रचनात्मक विषयों से जुड़े छात्रों के लिए भी यह समय सफलता दिलाएगा। विवाह से संबंधित अटके हुए मामले में गति आएगी और प्रेम जीवन में मिठास बढ़ेगी। कुल मिलाकर यह गोचर वृषभ राशि वालों के लिए आत्म-विश्वास, आर्थिक स्थिरता, प्रेम, और सामाजिक आकर्षण में वृद्धि का समय होगा।

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कर्क राशि

कर्क के जातकों के लिए शुक्र आपके चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का गोचर आपके लाभ के ग्यारहवें भाव में होगा। यह स्थिति अत्यंत शुभ मानी जाती है क्योंकि शुक्र अपनी ही राशि वृषभ में है और लाभ भाव में स्थित है, जिससे यह गोचर आपके लिए कई तरह के लाभ और खुशियां लेकर आ रही है। इस समय आप संपत्ति, वाहन या रियल एस्टेट से जुड़ी खुशखबरियों की उम्मीद कर सकते हैं। यात्रा के योग भी बनेंगे और आप उन यात्राओं का भरपूर आनंद उठाएंगे।

आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और धन आगमन के नए स्रोत बन सकते हैं। जो लोग कला, डिजाइन, संगीत या सौंदर्य से जुड़ी फील्ड में काम करते हैं, उनके लिए यह समय बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। मित्रों और भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा और उनका साथ आपको मानसिक मजबूती देगा। माता से जुड़े किसी पुराने तनाव में भी रात मिल सकती है।

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए शुक्र आपके दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का गोचर आपके भाग्य और नियति के नौवें भाव में होगा। शुक्र इस समय अपनी ही राशि वृषभ में स्थित है, इसलिए यह गोचर आपके लिए बहुत ही शुभ और लाभकारी सिद्ध होगा। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा और आपके प्रयास अपेक्षा से बेहतर परिणाम देंगे। यह समय सरकारी और प्रशासनिक कार्यों में सफलता तथा उच्च अधिकारियों से सहयोग पाने के लिए उत्तम रहेगा।

धार्मिक यात्राओं या तीर्थ यात्रा के योग बनेंगे, जिससे आपको मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी मिलेगी। परिवार में कोई शुभ कार्य होगा या परिवारजनों के साथ संबंधों में सुधार होगा। वित्तीय स्थिति भी इस समय अच्छी रहेगी। निवेश या धन संबंधित योजनाओं में लाभ होगा। छात्रों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी। यह शुक्र गोचर आपके लिए भाग्य, धन, परिवार और अध्यात्म से जुड़े क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम देने वाला साबित होगा।

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए शुक्र आपके लग्न और आठवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का गोचर आपके आठवें भाव में होगा। आठवें भाव में ग्रहों का गोचर शुभ नहीं माना जाता लेकिन शुक्र अपनी ही राशि में है इसलिए यह कुछ मामलों में सकारात्मक परिणाम भी देगा। इस गोचर के दौरान बीते समय में चली आ रही रुकावटों या समस्याओं के समाधान मिलने के योग बनेंगे। यदि आपने किसी बात को लेकर लंबे समय से परेशानियां झेलीं हैं, तो अब राहत मिलने की संभावना है। 

आर्थिक रूप से यह समय कुछ राहत देने वाला हो सकता है, लेकिन चूंकि लग्नेश शुक्र अष्टम भाव में स्थित है, इसलिए हर स्थिति में संयम और धैर्य बनाए रखना बहुत जरूरी होगा। जल्दबाजी से बचें और सोच-समझकर निर्णय लें। स्वास्थ्य के मामलों में विशेष सतर्कता बरतें, और यात्रा या वाहन चलाते समय सावधानी जरूरी है।

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धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए शुक्र, आपके छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का गोचर आपके छठे भाव में होगा। आमतौर पर छठे भाव में शुक्र का गोचर उतना शुभ नहीं माना जाता, लेकिन चूंकि यह अपनी ही राशि में है, इसका नकारात्मक प्रभाव थोड़ा कम पड़ सकता है। फिर भी शुक्र से जुड़ी किसी भी बात में सावधानी बरतना जरूरी होगा।

इस दौरान बेवजह के झगड़े और विवाद से बचें, क्योंकि माना जाता है कि वृषभ राशि के शुक्र का गोचर विराध और टकराव को बढ़ा सकता है। खासकर अगर किसी महिला के साथ मतभेद हो जाएं, तो शांत रहना सबसे अच्छा रहेगा। साथ ही, अपनी सेहत का खास ध्यान रखें। संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें और वाहन चलते समय सावधानी बरतें।

यदि आप अपनी भावनाओं और स्वास्थ्य पर नियंत्रण बनाए रखेंगे, तो इस अवधि आपके लिए नकारात्मकता कम होगी और आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर पाएंगे।

कुंभ राशि

शुक्र आपके चौथे और नौवें दोनों भावों के स्वामी हैं। शुक्र का गोचर आपके चौथे भाव में होगा। ज्योतिषीय ग्रंथों  के अनुसार, चौथे भाव में शुक्र का गोचर शुभ फलदायक माना जाता है। इस दौरान आपको मानसिक शांति और संतुष्टि का अनुभव होता है। घर, वाहन या संपत्ति से जुड़ी कोई खुशी मिलेगी। पारिवारिक माहौल सौहार्दपूर्ण रहेगा और आपके सामाजिक संबंध भी मजबूत होंगे। धन से जुड़ी स्थिति में सुधार होगा और आप अपने लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ने में सफल रहेंगे। यह समय निजी जीवन में संतुलन और संतोष लाने वाला साबित होगा।

मीन राशि

शुक्र आपके तीसरे और आठवें दोनों भावों के स्वामी हैं, शुक्र का वृषभ राशि में गोचर आपके तीसरे भाव में होगा। यह स्थिति सामान्यतः सकारात्मक परिणाम देने वाली मानी जाती है। इस दौरान भाई-बहनों और दोस्तों के साथ संबंध मजबूत होंगे। आप नए दोस्त बनाएंगे और सामाजिक गतिविधियों में अधिक सक्रिय रहेंगे। प्रतियोगिता के क्षेत्र में आप अपने विरोधियों पर पढ़ हासिल करेंगे। शुक्र का यह गोचर आपकी कुंडली में पहले भाव में स्थित शनि के नकारात्मक प्रभावों को भी कर करेगा, जिससे जीवन में थोड़ी सहजता और समृद्धि का अनुभव होगा। आपको कोई अच्छी खबर भी मिलेगी, जिससे मन प्रसन्न रहेगा।

यदि आपकी किस्मत साथ देती है, तो आप अपने जीवन के लगभग हर क्षेत्र में सुधार और लाभ महसूस करेंगे। चाहे वह पारिवारिक जीवन हो, करियर, स्वास्थ्य या आर्थिक स्थिति हो।

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शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

मिथुन राशि

शुक्र, जो आपके पांचवें और बारहवें दोनों भावों के स्वामी हैं और यह आपके बारहवें भाव में गोचर होगा। बारहवें भाव में शुक्र का गोचर वैसे लाभकारी माना जाता है लेकिन इसमें कुछ मिले-जुले प्रभाव भी हो सकते हैं। इस समय आप अपने प्रियजनों से दूर रह सकते हैं। चाहे वह पढ़ाई, काम या यात्रा के कारण हो। किसी लंबी यात्रा पर जाना पड़ सकता है, भले ही आप उसका मन न बना रहे हों। हालांकि, यह यात्रा व्यवसाय या करियर के लिहाज से लाभदायक हो सकती है।

जो छात्र विदेश में पढ़ाई के इच्छुक हैं, उनके लिए यह गोचर सकारात्मक समाचार लाएगा। वहीं यह समय विलासिता, मनोरंजन और भौतिक सुखों में बढ़ोतरी का भी है। आप महंगे शौक, फैशन या घूमने-फिरने में खर्च करेंगे। हालांकि, पढ़ाई या जरूर कार्यों में ध्यान केंद्रित करना इस दौरान थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसलिए मन को नियंत्रित रखना और संतुलन बनाए रखना जरूरी होगा। 

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए शुक्र, तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का गोचर आपके करियर और कर्म के दसवें भाव में होगा। शुक्र का दसवें भाव में गोचर हमेशा अनुकूल नहीं माना जाता है। इससे कामकाज में मानसिक दबाव, विवाद और सरकारी या प्रशासनिक अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार या नौकरी में चुनौतियां आ सकती हैं, जिससे मन थोड़ा अशांत रह सकता है। हालांकि, शुक्र अपनी ही राशि वृषभ में स्थित है, इसलिए ये नकारात्मक प्रभाव बहुत तीर्व नहीं होंगे। इसका अर्थ है कि परिस्थितियां कठिन जरूर हो सकती हैं, लेकिन शुक्र आपको उन्हें सुलझाने की क्षमता भी देगा। आशंका है कि काम में रुकावटें आएं लेकिन समाधान भी जल्द मिल जाएगा। अधिकारियों से विवाद की संभावना है पर समय रहते हल निकल सकता है। बिज़नेस में हानि के बाद मुनाफा होने की संभावना है।

इस गोचर के दौरान आपको सलाह दी जाती है कि आप धैर्य और चतुराई से काम लें। चुनौतियां आएंगी लेकिन आपके सहज व्यवहार, कूटनीति और आकर्षण के चलते उनका समाधान भी संभव होगा। कुल मिलाकर यह समय संघर्षपूर्ण जरूर हो सकता लेकिन सही  दृष्टिकोण से कामयाबी भी दिला सकता है।

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: उपाय

  • ‘ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • हर शुक्रवार को व्रत रखें, खीर बनाकर गरीबों में बांटें और खुद भी खाएं।
  • लक्ष्मी मां की पूजा करें और मंदिर में उन्हें पांच लाल फूल चढ़ाएं।
  • जरूरतमंदों की मदद करें।
  • सफेद और गुलाबी रंग के कपड़े दान करें।
  • अक्सर सफेद रंग पहनें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

शुक्र के लिए मूल त्रिकोण राशि कौन सी है?

तुला

कौन से ग्रह शुक्र के मित्र हैं?

बुध और शनि

कौन सा पंच महापुरुष योग तब बनता है जब शुक्र केंद्र में अपनी स्वराशि या उच्च राशि में हो?

मालव्य योग