शनि कुंभ राशि में अस्त: एस्ट्रोसेज एआई अपने लेखों के माध्यम से अपने पाठकों को ज्योतिष की दुनिया में होने वाले छोटे-बड़े बदलावों के बारे में समय-समय पर जानकारी प्रदान करता रहा है। ज्योतिष में शनि देव को न्याय के देवता कहा जाता है जो अब 22 फरवरी 2025 को कुंभ राशि में अस्त होने जा रहे हैं। ऐसे में, हमारा यह ब्लॉग आपको “शनि कुंभ राशि में अस्त” से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, शनि की चाल में होने वाला यह बदलाव सभी राशियों को भी प्रभावित करेगा, लेकिन यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि कुंभ राशि में शनि अस्त होकर देश-दुनिया को किस तरह प्रभावित करेंगे। तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस लेख की और जानते हैं शनि कुंभ राशि में अस्त के बारे में।

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वैदिक ज्योतिष में शनि देव को कर्मफल दाता कहा जाता है जो सभी राशियों के जातकों के जीवन में अनुशासन, संरचना, जिम्मेदारी और सीमाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। शनि एक ऐसा ग्रह है जो कड़ी मेहनत, प्रतिबद्धता और जीवन में प्रगति पाने एवं परिपक्व होने के लिए हमें जो जरूरी सबक सीखने होते हैं आदि को नियंत्रित करते हैं। इंसान के जीवन में शनि देव का प्रभाव आपको कदम-कदम पर चुनौतियां दे सकता है। लेकिन, यह समस्याओं का सामना करते हुए इनसे बाहर निकलते हुए सबक लेने के साथ-साथ एक मज़बूत नींव का निर्माण करने से संबंधित है। शनि एक कठोर ग्रह है इसलिए इनकी ऊर्जा जीवन में कठोरता देती है, परंतु यह जातक को जीवन में सब्र, कड़ी मेहनत और अनुशासन जैसे कीमती गुणों को आशीर्वाद देते हैं। यह हमारे भविष्य की नींव तैयार करने में सहायता करते हैं।
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शनि कुंभ राशि में अस्त: समय
वर्तमान समय में शनि महाराज अपनी स्वयं की राशि कुंभ में गोचर कर रहे हैं। इस राशि में सूर्य देव की मौजूदगी की वजह से शनि देव 22 फरवरी 2025 की सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर कुंभ राशि में अस्त हो जाएंगे। ऐसे में, शनि ग्रह के अस्त होने से संसार के कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर इसका प्रभाव पड़ना निश्चित है।
ज्योतिष की नज़रों में शनि की अस्त अवस्था
ज्योतिष शास्त्र में किसी ग्रह का अस्त होना उस अवस्था को कहते हैं जब कोई ग्रह सूर्य के बेहद करीब चला जाता है। सामान्य शब्दों में कहें तो, वह सूर्य से 8 डिग्री के भीतर प्रवेश कर जाते हैं। जब कोई ग्रह अस्त हो जाता है, तो वह सूर्य की तीव्र ऊर्जा की वजह से अपनी शक्तियां खो बैठता है जिससे व्यक्ति की कुंडली में ग्रह कमज़ोर होकर अशुभ परिणाम देने लगता है।
बात करें शनि देव की, तो जब यह अस्त हो जाते हैं, तो इनके अनुशासन, संरचना, जिम्मेदारी और अधिकार जैसे गुण प्रभावित होते हैं और इस वजह से व्यक्ति के भीतर इन गुणों के प्रभाव में कमी आने लगती है या फिर वह इनका सही तरीके से उपयोग करने में असमर्थ होता है। ज्योतिषियों के मतानुसार, शनि की अस्त अवस्था के प्रभाव को नीचे दिए गए तथ्यों से जाना जा सकता है जो कि इस प्रकार हैं:
अधिकार एवं प्रतिबद्धता से जुड़ी समस्याएं: जिन जातकों के पास कुछ विशेष अधिकार होते हैं, उन्हें इनका इस्तेमाल करने में समस्याएं आ सकती हैं या फिर आप जिम्मेदारियों के तले दबा हुआ महसूस कर सकते हैं। शनि देव के अनुशासन और परिपक्वता जैसे गुण विशेष रूप से प्रभावित हो सकते हैं और ऐसे में, दीर्घकालिक योजनाओं या जिम्मेदारियों को पूरा करना आपको मुश्किल लग सकता है।
बंधा हुआ या जकड़ा हुआ महसूस करना: शनि देव प्रतिबंध, सीमाओं और जीवन में मिलने वाले सबक का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन, शनि जब अस्त हो जाते हैं, तो जातक को फंसा हुआ या दिशाहीन महसूस होता है।
आंतरिक संघर्ष: जातक को जीवन में आंतरिक संघर्षों जैसे कि खुद पर संदेह करना, नकारात्मक महसूस करना या फिर कड़ी मेहनत के माध्यम से अपनी क्षमताओं का सही इस्तेमाल नहीं कर पाना आदि का सामना करना पड़ सकता है।
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सफलता में देरी: शनि के अस्त होने से जीवन में सफलता या कार्यों में सराहना मिलने में देरी हो सकती है क्योंकि शनि देव की धीमी गति से परिणाम देने वाली ऊर्जा अस्त होने पर और देरी से फल दे सकती है।
दबाव का बढ़ना: शनि की अस्त अवस्था के दौरान जातकों के जीवन में दबाव बढ़ता हुआ महसूस हो सकता है या फिर आपको आराम करने या जिम्मेदारियों को छोड़ने में समस्याओं का अनुभव हो सकता है।
हालांकि, शनि की अस्त अवस्था का प्रभाव कुंडली के कुछ विशेष पहलुओं पर निर्भर करते हैं जैसे कि भाव में सूर्य और शनि ग्रह की स्थिति, दूसरे ग्रहों पर इनकी दृष्टि और व्यक्ति की कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति आदि। कुछ विशेष मामलों में, शनि ग्रह की अस्त अवस्था के दौरान जातक जीवन में आने वाली समस्याओं से जीतना सीखता है और जीवन में शनि देव के गुणों जैसे कि अनुशासन, परिपक्वता और दृढ़ता आदि को अपने जीवन में अपनाने में सक्षम होता है।
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शनि कुंभ राशि में अस्त: वैश्विक स्तर पर प्रभाव
ऑटोमोबाइल एवं यातायात
- शनि की अस्त अवस्था के दौरान ऑटोमोबाइल की बिक्री पर असर पड़ सकता है और इस वजह से ऑटोमोबाइल की मांग में थोड़ी कमी आने की आशंका है।
- बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों को अपनी रिसर्च में कुछ खामियां नज़र आ सकती हैं जिनका वह समाधान ढूंढ़ने का प्रयास करेंगी।
- भारत सरकार द्वारा डीजल के वाहनों के इस्तेमाल को लेकर कुछ विशेष प्रतिबंध लगाने से जुड़ी नीतियां लेकर आ सकती हैं।
कानून व्यवस्था, व्यापार एवं विदेश से संबंध
- शनि कुंभ राशि में अस्त होने के दौरान कुछ घटनाओं की वजह से भारतीय कानून व्यवस्था की कमियां उभरकर सामने आ सकती हैं।
- सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर विशेष नियम-कानून बनाकर लागू किये जा सकते हैं।
- इस अवधि में दक्षिण-पूर्वी दिशा या दक्षिण पूर्वी देशों की तरफ से व्यापार से जुड़े नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
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शनि कुंभ राशि में अस्त: शेयर बाजार पर असर
आइए अब हम जानते हैं कि शनि कुंभ राशि में अस्त होने से भारतीय शेयर बाजार को किस तरह से प्रभावित करेगा।
- शेयर बाजार में महीने के दूसरे सप्ताह में तेजी देखने को मिलेगी और इसके फलस्वरूप, मार्केट में तेजी का दौर जारी रहेगा।
- शनि के कुंभ राशि में अस्त होने के दौरान एमआरएफ टायर्स, आयशर मशीनरी, अदानी ग्रुप, कोल इंडिया, सीमेंट, कॉफी, केमिकल्स और बैंकिंग उद्योग आदि के शेयरों के दामों में वृद्धि आने की संभावना है।
- हालांकि, इस माह के तीसरे हफ़्ते पर शनि देव का प्रभाव होने के कारण बाजार की रफ़्तार धीमी पड़ सकती है जो कि मार्केट को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है इसलिए इन लोगों को बहुत सावधानीपूर्वक आगे चलना होगा।
- कृषि से संबंधित उपकरणों का व्यापार-व्यवसाय करने वाली कंपनियों, एक्साइड, ज़ोमैटो, किर्लोस्कर, गोल्डन टोबैको, एग्रोटेक, डाबर, अदानी पावर समेत अन्य क्षेत्रों की कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है।
- हालांकि, इस अवधि में चाय, स्टेशनरी, कपड़ा और फार्मास्युटिकल आदि क्षेत्रों के शेयरों में मामूली तेज़ी आने के योग बनेंगे।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हाँ, शनि देव की कुंभ राशि है इसलिए इस राशि में इनकी स्थिति मज़बूत होती है।
राशि चक्र में कुंभ राशि के अलावा शनि ग्रह मकर राशि के भी स्वामी हैं।
कुंडली के सातवें भाव में शनि देव को दिशाओं का बल यानी कि दिग्बल प्राप्त होता है।