फाल्गुन अमावस्या 2025: जानें राशि अनुसार क्‍या उपाय करने से खुल सकती है आपकी किस्‍मत!

फाल्गुन अमावस्या 2025: हिंदू धर्म में अमावस्‍या तिथि को बहुत महत्‍वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्‍नान करने और दान का विशेष महत्‍व होता है। जब कोई त्‍योहार या पर्व अमावस्‍या तिथि पर पड़ता है, तो इससे उसका महत्‍व और भी ज्‍यादा बढ़ जाता है। हर माह अमावस्‍या तिथि आती है और इस तरह एक साल में लगभग कुल 12 अमावस्‍या आती हैं। इनमें से एक फाल्‍गुन अमावस्‍या भी है जो कि फाल्‍गुन के महीने में आती है।

एस्ट्रोसेज एआई का यह ब्लॉग आपको फाल्गुन अमावस्या 2025 की विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि, समय एवं महत्व आदि। इसके अलावा, हम आपको फाल्गुन अमावस्या पर किए जाने वाले सरल एवं अचूक उपायों से भी अवगत कराएंगे। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और शुरुआत करते हैं इस लेख की लेकिन, उससे पहले जान लेते हैं चंद्रमा की गति के बारे में क्‍योंकि उसके आधार पर ही अमावस्‍या की ति‍थि निर्धारित की जाती है।

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एक चंद्र मास में दो पक्ष होते हैं, एक शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष के दौरान हर दिन चंद्रमा का आकार धीरे-धीरे बढ़ता है और शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन पूर्णिमा पर चन्द्रमा अपने पूरे स्वरूप में होता है। वहीं, कृष्ण पक्ष के दौरान चंद्रमा का आकार कम होने लगता है और अमावस्या पर बिल्कुल लुप्त हो जाता है। कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या के रूप में मनाया जाता है।

कब है फाल्‍गुन अमावस्‍या 2025

27 फरवरी, 2025 को गुरुवार के दिन फाल्‍गुन अमावस्‍या है। 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 57 मिनट से अमावस्‍या तिथि आरंभ होगी और इसका समापन 28 फरवरी को सुबह 06 बजकर 16 मिनट पर होगा।

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फाल्‍गुन मास 2025 का महत्‍व

फाल्‍गुन मास के कृष्‍ण पक्ष में जो अमावस्‍या आती है, उसे फाल्‍गुन अमावस्‍या के नाम से जाना जाता है। सुख-संपत्ति और सौभाग्‍य की प्राप्ति के लिए इस अमावस्‍या को विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु व्रत भी रख सकते हैं। इसके साथ ही अमावस्‍या पर पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए तर्पण एवं श्राद्ध करने का भी विधान है। माना जाता है कि अगर अमावस्‍या सोमवार, मंगलवार, गुरुवार या शनिवार के दिन हो, तो यह सूर्य ग्रहण से भी ज्‍यादा फल देने वाली होती है।

मान्‍यता है कि फाल्‍गुन अमावस्‍या 2025 के दिन पवित्र नदियों में देवी-देवताओं का वास होता है और इस दिन गंगा, यमुना और सरस्‍वती जैसी पवित्र नदियों में स्‍नान करने का बहुत महत्‍व है।

फाल्‍गुन अमावस्‍या पर बन रहा है शुभ योग

फाल्‍गुन अमावस्‍या वाले दिन शुभ योग भी बन रहा है। 26 फरवरी, 2025 को रात्रि 02 बजकर 57 मिनट पर शिव योग की शुरुआत हो रही है और इस योग का समापन 27 फरवरी, 2025 को रात्रि 11 बजकर 40 मिनट पर होगा। इस योग के प्रभाव से व्‍यक्‍ति के अंदर साहस बढ़ता है और छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्‍त होती है। उसकी बुद्धि में वृद्धि होती है और उसे अपने करियर में कामयाबी मिलती है। ये जातक अपनी कड़ी मेहनत से संपन्‍नता हासिल करते हैं और इनके प्रभावी लोगों के साथ संबंध होते हैं।

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फाल्गुन अमावस्या 2025 व्रत की पूजा विधि

फाल्गुन अमावस्या पर आप निम्‍न विधि से व्रत कर सकते हैं:

  • फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह जल्‍दी उठें और किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें। अगर आप इस अमावस्‍या पर नदी में स्‍नान नहीं कर सकते हैं, तो आप नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।  
  • इसके बाद सूर्य देव को प्रणाम करके अर्घ्य दें और फिर भगवान गणेश का ध्यान करें। इसके साथ ही, भगवान विष्णु जी और भोलेनाथ की भी पूजा-अर्चना करें और फाल्‍गुन अमावस्‍या का व्रत करने का संकल्प लें।
  • इसके पश्‍चात् पूरे घर में गोमूत्र का छिड़काव करें और परिवार के साथ किसी नदी के तट पर जाकर अपने पूर्वजों के लिए तर्पण करें।
  • तर्पण करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन अवश्य करवाएं।
  • फाल्‍गुन अमावस्‍या 2025 पर शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। आप अपने पूर्वजों को याद करते हुए पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें। 
  • इस दिन ब्राह्मणों को गाय दान करना भी शुभ माना जाता है। यदि आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो गाय को चारा ज़रूर खिलाएं।

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फाल्‍गुन अमावस्‍या पर पितृ दोष से मुक्‍ति पाने के उपाय

  • अगर आपको पितृ दोष है, तो आप फाल्‍गुन अमावस्‍या के दिन पीपल के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं। इसके साथ दूध और पांच तरह की मिठाई भी चढ़ानी हैं। अब आप भगवान विष्‍णु का ध्‍यान करें और पीपल के पेड़ पर जनेऊ अर्पित कर घी का दीपक जलाएं। इसके पश्‍चात् आप पांच या सात बार पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें।
  • फाल्‍गुन अमावस्‍या पर दक्षिण दिशा की ओर उपला या कंडा जलाएं और धीरे-धीरे इसकी धूनी में केसर से बनी खीर अर्पित करें। ऐसा करते समय अपने पितरों से क्षमा याचना करें। इस उपाय को करने से पितृ दोष से मुक्‍ति मिल जाती है।
  • यदि किसी व्‍यक्‍ति की कुंडली में कालसर्प दोष है, तो उसे फाल्‍गुन अमावस्‍या 2025 के दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। पूजन के बाद तांबे या चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
  • वहीं अगर किसी व्‍यक्‍ति की कुंडली में शनि दोष है, तो वह जातक अपनी लंबाई के अनुसार कच्‍चा सूत नाप ले और इस सूत को पीपल के पेड़ के चारों ओर लपेट दे। इस उपाय को करने से आपको शनि दोष से मुक्‍ति मिल सकती है।

फाल्गुन अमावस्या के दिन क्‍या करें

  • फाल्‍गुन अमावस्‍या के दिन शमी का वृक्ष लगाना बहुत लाभकारी रहता है। आप इस वृक्ष की रोज़ पूजा करें। जिस घर में शमी का वृक्ष होता है, वहां पर मौजूद सभी वास्‍तु दोष खत्‍म हो जाते हैं और शनि देव की कृपा मिलती है।
  • फाल्‍गुन अमावस्‍या पर हनुमान जी की पूजा करने का भी बहुत महत्‍व है। इस दिन आप सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते हैं। इसके अलावा हनुमान जी के मंदिर में जाकर प्रसाद चढ़ाएं।
  • अमावस्‍या तिथि पर सूर्य के अस्‍त होने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि देव का ध्‍यान करें और इसके बाद सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

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फाल्‍गुन अमावस्‍या 2025 पर राशि अनुसार करें ये उपाय

आप फाल्‍गुन अमावस्‍या के दिन अपनी राशि के अनुसार निम्‍न उपाय कर सकते हैं:

  • मेष राशि: आप भगवान शिव को जल चढ़ाएं और प्रार्थना करें। इसके अलावा आप ‘ॐ नम: शिवाय’ का जाप करें।
  • वृषभ राशि: आप अमावस्‍या के दिन गरीब लोगों या मंदिर आदि में अन्‍न, कपड़ों या धन आदि का दान करें। इससे आपके भाग्‍य में वृद्धि होगी। आप ‘ॐ शुक्राय नम:’ का जाप भी कर सकते हैं।
  • मिथुन राशि: अपने पितरों का तर्पण करें और ‘ॐ बुधाय नम:’ का जाप करें।
  • कर्क राशि: फाल्‍गुन अमावस्‍या पर कर्क राशि वाले जातक सफेद रंग की चीज़ों का दान करें। आप सफेद रंग के कपड़ों आदि का दान भी कर सकते हैं। आप नहाने के पानी में गुलाब जल डालकर स्‍नान करें।
  • सिंह राशि: आप पीले रंग के कपड़ों या हल्‍दी का दान करें। आप ‘ॐ शुक्राय नम:’ का जाप भी कर सकते हैं।
  • कन्‍या राशि: पशुओं को अनाज या कच्‍चे खाद्य पदार्थ दान करें। गाय या कुत्तों को भोजन कराएं।
  • तुला राशि: आप मंदिर या धार्मिक संस्‍थान में सफेद या चांदी की चीज़ों का दान करें। इसके अलावा आप मां लक्ष्‍मी को गुलाबी या सफेद रंग के फूल अर्पित करें।
  • वृश्चिक राशि: फाल्‍गुन अमावस्‍या पर वृश्चिक राशि वाले काले तिल या तिल के तेल का दान करें। इससे आपको शनि देव की कृपा मिलेगी।
  • धनु राशि: आप गरीब लोगों को या धार्मिक स्‍थल पर पीले रंग की चीज़ें जैसे कि केला आदि दान करें।
  • मकर राशि: आप अमावस्‍या के दिन गहरे रंग की चीज़ें जैसे कि काले तिल या सरसों के बीज दान में दें।
  • कुंभ राशि: आप गाय और पक्षियों आदि को खाना खिलाएं या तांबे से बनी चीज़ों को गरीबों को दान करें।
  • मीन राशि: आप गरीब लोगों या मंदिर में सफेद रंग की चीज़ें जैसे कि दूध या चावल दान में दें।

फाल्गुन अमावस्या की पौराणिक कथा

फाल्गुन अमावस्या कथा इस प्रकार है: एक बार ऋषि दुर्वासा इंद्र देव और सभी देवताओं पर क्रोधित हो गए थे और क्रोध में आकर उन्होंने इंद्र देव के साथ-साथ सभी देवताओं को श्राप दे दिया था। ऋषि दुर्वासा के श्राप से सभी देवताओं की शक्‍तियां काफी कमज़ोर हो गई थीं और देवताओं की कमज़ोरी का लाभ सबसे ज्यादा असुरों ने उठाया। असुरों ने देवताओं की स्थिति को देखकर उन पर आक्रमण कर दिया और उन्हें पराजित करने मे भी सफल रहे। असुरों से हारने के बाद सभी देवतागण मदद के लिए भगवान विष्णु के पास गए।

भगवान विष्णु को महर्षि दुर्वासा द्वारा देवताओं को दिए गए श्राप से लेकर असुरों द्वारा देवताओं को युद्ध में परास्त करने के बारे में बताया, उस समय भगवान विष्णु ने सभी देवताओं की बात सुनकर उन्हें सलाह देते हुए कहा कि आप दैत्यों के साथ मिलकर समुद्र मंथन करें। सभी देवताओं ने समुद्र मंथन करने के लिए असुरों से बात की और उनको इसके लिए राज़ी किया,आखिरकार असुर मान गए देवताओं के साथ संधि कर ली।

इसके बाद, सभी देवता अमृत पाने के लालच में समुद्र मंथन करने लगे। जब समुद्र से अमृत निकला तब इंद्र का पुत्र जयंत अमृत का कलश अपने हाथों में लेकर आकाश में उड़ गया। इसके बाद सभी दैत्य जयंत का पीछा करने लग गए और दैत्य उससे अमृत का कलश ले लेते हैं। अब बारह दिनों तक अमृत का कलश पाने के लिए देवता और असुर घमासान युद्ध करते रहते हैं। इस भीषण युद्ध के दौरान कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती पर प्रयाग, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में गिर गई और उस समय चंद्रमा, सूर्य, गुरु, शनि ने अमृत कलश की असुरों से रक्षा की थी। जब यह कलह बढ़ने लगा, तब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप रखकर असुरों का ध्यान भटकाते हुए देवताओं को छल से अमृतपान करवा दिया, तब से ही अमावस्या की तिथि पर इन जगहों पर स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है।

फाल्‍गुन अमावस्‍या 2025 पर स्‍वास्‍थ्‍य और प्रेम जीवन के लिए उपाय

  • आप उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य की प्राप्ति के लिए फाल्‍गुन अमावस्‍या पर पंचकर्म कर सकते हैं। शारीरिक और आध्‍यात्मिक रूप से शुद्ध होने के लिए यह उत्तम समय होता है।
  • इसके अलावा आप नीम, तुलसी सा चंदन के पाउडर से भी स्‍नान कर सकते हैं। यह आपके स्‍वास्‍थ्‍य में वृद्धि करने का काम करेगा।
  • आप फाल्‍ल्‍गुन मास पर गाय को दूध पिलाएं। इससे सुख-शांति और संपन्‍नता का आगमन होगा।
  • विवाहित जातक अपनी शादीशुदा जिंदगी को बेहतर करने के लिए फाल्‍गुन अमावस्‍या 2025 के दिन लाल रंग के फूल या लाल रंग का कपड़ा देवी मां को चढ़ाएं।
  • अपने प्रेम जीवन में सुख-शांति लाने के लिए मां लक्ष्‍मी की पूजा करें। आप उन्‍हें मिठाई या फल भी चढ़ा सकते हैं।
  • अपने घर से नकारात्‍मक ऊर्जा को खत्‍म करने के लिए अमावस्‍या के दिन चंदन आदि की अगरबत्ती जलाएं और धूप दें।
  • फाल्‍गुन अमावस्‍या पर गरीबों को भोजन करवाएं और अपने सामर्थ्‍य के अनुसार दान करें।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. फाल्‍गुन अमावस्‍या 2025 में कब है?

उत्तर. 27 फरवरी को फाल्‍गुन अमावस्‍या है।

प्रश्‍न 2. अमावस्‍या पर पितरों की पूजा की जाती है क्‍या?

उत्तर. इस दिन पितरों के लिए तर्पण किया जा सकता है।

प्रश्‍न 3. क्‍या अमावस्‍या शुभ होती है?

उत्तर. नहीं, अमावस्‍या को शुभ नहीं माना जाता है।

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