साल में कुल 24 एकादशियां आती हैं और इस प्रकार हर महीने में दो एकादशी तिथि आती हैं। प्रत्येक एकादशी तिथि का अपना एक अलग महत्व और लाभ होता है। हिंदू धर्म में मोहिनी एकादशी का भी बहुत महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी पड़ती है।

इस एकादशी पर मां लक्ष्मी एवं भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है और उनके निमित्त व्रत रखने का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस एकादशी पर व्रत रखने से भी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में बताया गया है कि मोहिनी एकादशी का क्या महत्व है, मोहिनी एकादशी 2025 किस तिथि पर पड़ रही है और इस एकादशी पर क्या उपाय किए जा सकते हैं।
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मोहिनी एकादशी 2025 की तिथि
07 मई, 2025 को सुबह 10 बजकर 22 मिनट से एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी और इसका समापन 08 मई, 2025 को 12 बजकर 32 मिनट पर होगा। इस प्रकार मोहिनी एकादशी 2025 का व्रत गुरुवार को 08 मई को रखा जाएगा।
मोहिनी एकादशी पारणा मुहूर्त: 09 मई, 2025 को सुबह 05 बजकर 34 मिनट से लेकर 08 बजकर 15 मिनट तक।
समयावधि: 02 घंटे 41 मिनट।
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मोहिनी एकादशी 2025 पर बन रहा है शुभ योग
इस बार मोहिनी एकादशी पर हर्षण योग बन रहा है जिसे ज्योतिष में अत्यंत शुभ माना गया है। यह योग 08 मई को रात 01 बजकर 03 मिनट पर शुरू होगा और 10 मई को रात 01 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगा।
हर्षण 14वां नित्य योग है जिसके स्वामी भग हैं और इसे अत्यंत शुभ योग माना जाता है। इस योग पर सूर्य ग्रह का शासन है। इस योग से सुख-संपत्ति, उत्तम स्वास्थ्य, भाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
मोहिनी एकादशी 2025 की पूजन विधि
मोहिनी एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त में उठें और इसके बाद स्नान कर के साफ धुले हुए वस्त्र धारण कर लें। अब आप कलश स्थापना कर के भगवान विष्णु की उपासना करें। मोहिनी एकादशी पर व्रत कथा का पाठ करें या किसी अन्य व्यक्ति से इस कथा को सुनें। रात्रि को भगवान विष्णु का स्मरण करें एवं उनके नाम या मंत्र का जाप करें।
आप इस रात्रि को कीर्तन भी कर सकते हैं। अगले दिन द्वादश तिथि पर अपने व्रत का पारण करें। व्रत का पारण करने से पहले किसी ब्राह्मण या ज़रूरतमंद व्यक्ति को भोजन करवाएं और उन्हें दक्षिणा दें। इसके बाद ही आप स्वयं भोजन करें।
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मोहिनी एकादशी 2025 से जुड़ी पौराणिक कथा
मोहिनी एकादशी को लेकर एक प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार सरस्वती नदी के किनारे एक भद्रावती नामक स्थान था। इस स्थान पर चंद्रवंशी राजा धृतिमान का शासन हुआ करता था। वे बड़े धार्मिक प्रवृत्ति के थे और सदैव भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहते थे।
राजा के पांच पुत्र थे लेकिन उनका पांचवा पुत्र धृष्टबुद्धि पाप कर्मों में लिप्त रहता था। वह स्त्रियों पर अत्याचार और उनके साथ अनैतिक व्यवहार करता था। उसे जुआ खेलने एवं मांस-मदिरा का सेवन करने का भी शौक था। अपने पुत्र की इस प्रवृत्ति से राजा बहुत परेशान थे इसलिए राजा ने अपने पुत्र का त्याग कर दिया। पिता के त्याग किए जाने के बाद धृष्टबुद्धि ने कुछ दिनों तक अपने आभूषण और वस्त्र बेचकर अपना जीवनयापन किया और इसके बाद उसके पास खाने के लिए पैसे नहीं बचे थे और वो भूखा-प्यासा इधर-उधर भटकने लगा।
अपनी भूख को शांत करने के लिए उसने डकैती का सहारा लेना शुरू किया और उसे रोकने के लिए राजा ने उसे बंदी बना लिया। इसके बाद उसे राज्य से निष्किासित कर दिया गया। अब वह जंगल में रहकर अपने भोजन के लिए पशु-पक्षियों को मारता था। भूख से व्याकुल होकर वह ऋषि कौंडिन्य के आश्रम में पहुंचा। उस समय वैशाख का महीना चल रहा था और ऋषि गंगा नदी में स्नान कर रहे थे। उस समय ऋषि कौंडिन्य के कपड़े गीले थे और उनके वस्त्रों से कुछ बूंदें धृष्टबुद्धि के ऊपर गिर गईं। इससे धृष्टबुद्धि की पाप बुद्धि में परिवर्तन आया। उसने ऋषि के आगे अपने अपराधों को स्वीकार किया और अपने पाप कर्मों से मुक्ति पाने का उपाय पूछा।
इस पर ऋषि कौंडिन्य ने धृष्टबुद्धि को वैशाख माह में शुक्ल पक्ष के दौरान एकादशी का व्रत करने को कहा। उन्होंने यह भी बताया कि इस व्रत को करने से उसके सभी पाप नष्ट हो जाएंगे। धृष्टबुद्धि ने ऐसा ही किया और उसके सभी पाप मिट गए एवं उसे विष्णु लोक की प्राप्ति हुई। मान्यता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत करने से भी व्यक्ति को सांसारिक मोह से मुक्ति मिल जाती है।
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मोहिनी एकादशी 2025 के लिए ज्योतिषीय उपाय
- यदि आपकी कोई मनोकामना अधूरी रह गई है और आप उसे पूरा करना चाहते हैं, तो एकादशी के दिन एक पीले रंग का नया वस्त्र लें। आप चाहें तो पीले रंग के रुमाल से भी इस उपाय को कर सकते हैं। इस कपड़े के चारों ओर एक चमकीले रंग का गोटा लगाएं। इसे आप भगवान विष्णु के मंदिर में भेंट कर दें। इस उपाय को करने से आपकी इच्छा की पूर्ति होगी।
- अगर आप अपने करियर में उन्नति पाना चाहते हैं, तो एकादशी के दिन नहाने के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर नहाएं। इसके पश्चात् साफ धुले हुए वस्त्र धारण करें और विष्णु जी का विधिपूर्वक पूजन करें।
- धन लाभ के लिए आप मोहिनी एकादशी पर तुलसी के पौधे में दूध चढ़ाएं। फिर दोनों हाथों से तुलसी की जड़ को छूकर उनका आशीर्वाद लें। इस उपाय को करने से आपकी सभी आर्थिक समस्याएं दूर होंगी एवं आप वित्तीय रूप से मजबूत होंगे।
- करियर में उन्नति पाने के लिए आप एकादशी पर भगवान विष्णु को माखन और मिश्री का भोग लगाएं एवं उनकी मूर्ति या तस्वीर के आगे बैठकर ‘ऊं नमो भगवते नारायणाय’ का जाप करें। आपको इस मंत्र का 108 बार जाप करना है। इससे आपको अपने करियर में प्रगति मिल सकती है।
- जो जातक अपने बिज़नेस को बढ़ाना चाहते हैं, वे मोहिनी एकादशी पर किसी ब्राह्मण को अपने घ बुलाकर उन्हें भोजन करवाएं और फिर अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा भी दें। यदि किसी कारणवश ब्राह्मण घर पर नहीं आ सकते हैं, तो आप उनकी थाली बनाकर मंदिर या उनके घर पर देकर आएं। इससे आपके व्यवसाय में दिन-दूनी रात चौगुनी तरक्की होगी।
मोहिनी एकादशी 2025 पर व्रत के नियम
- अगर आप एकादशी पर व्रत रखने की सोच रहे हैं, तो इस दिन प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान करें और फिर धुले हुए वस्त्र धारण करें।
- हर मनुष्य को भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए एकादशी तिथि पर सात्विक भोजन ही करना चाहिए। इस दिन सूर्यास्त से पूर्व भोजन कर लेना उचित माना गया है। एकादशी तिथि के समाप्त होने तक व्रत रखना होता है।
- मोहिनी एकादशी व्रत के दौरान किसी भी तरह का नकारात्मक विचार अपने मन में न लाएं और न ही किसी की निंदा करें। आप इस दिन झूठ बोलने से भी बचें।
- कहा जाता है कि एकादशी पर व्रत रखने वाले व्यक्ति को एकादशी की रात्रि को सोना नहीं चाहिए। पूरी रात भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करना चाहिए।
- इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी बहुत शुभ माना गया है।
- एकादशी तिथि पर ब्राह्मण एंव गरीब लोगों को वस्त्र, भोजन और दक्षिणा का दान करना फलदायी होता है।
- एकादशी के दिन चावल और जौ का सेवन करना वर्जित है। कहा जाता है कि ऐसा करने से मनुष्य के अच्छे कर्म नष्ट हो जाते हैं।
- भोजन में लहसुन और प्याज़ का उपयोग करना भी वर्जित है।
- मोहिनी एकादशी पर ब्रह्मचर्य का पालन करें और किसी पर भी क्रोध न करें।
मोहिनी एकादशी 2025 पर राशि अनुसार उपाय
मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए आप निम्न उपाय कर सकते हैं:
मेष राशि: आप भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते और पीले रंग के फूल अर्पित करें। इससे आपको मानसिक शांति और आत्मविश्वास मिलेगा।
वृषभ राशि: इस राशि वाले विष्णु जी को दूध में तुलसी के पत्ते डालकर अर्पित करें। इस उपाय को करने से आपके वैवाहिक संबंध में मधुरता आएगी और आपके लिए धन मार्ग के रास्ते खुलेंगे।
मिथुन राशि: जिन लोगों की मिथुन राशि है, वे मोहिनी एकादशी 2025 पर केले का प्रसाद बनाकर इसे गरीब लोगों में दान करें। ऐसा करने से करियर में तरक्की मिलेगी और मानसिक स्पष्टता आएगी।
कर्क राशि: आप एकादशी तिथि पर विष्णु जी को चावल और सफेद रंग की मिठाई अर्पित करें। इससे आपके परिवार में सुख-शांति का आगमन होगा।
सिंह राशि: इस राशि वाले एकादशी तिथि पर पीले रंग के वस्त्रों का दान करें और दीपक जलाएं। इससे आपके मान-सम्मान और नेतृत्व करने की क्षमता में वृद्धि होगी।
कन्या राशि: आप तुलसी के पौधे के पास एकादशी के दिन घी का दीपक जलाएं और फिर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। इससे आप निरोगी बनेंगे और आपकी बुद्धि में भी वृद्धि होगी।
तुला राशि: आप सफेद रंग की मिठाई विष्णु जी को अर्पित करें और गरीबों में भी बांटें। इस उपाय को करने से तुला राशि के जातकों के संबंधों में आपसी तालमेल बढ़ेगा और इन्हें आर्थिक लाभ होगा।
वृश्चिक राशि: आप लाल रंग के फूल विष्णु जी को चढ़ाएं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। इससे आपके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी।
धनु राशि: आप पीले रंग के फल जैसे कि आम या केला विष्णु जी को चढ़ाएं। इससे आपकी आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग खुलेंगे और आपके सौभाग्य में वृद्धि होगी।
मकर राशि: आप जल में काले तिल डालकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से आपके पाप कर्म नष्ट हो जाएंगे एवं आपको अपने करियर में स्थिरता प्राप्त होगी।
कुंभ राशि: जिन लोगों की कुंभ राशि है, वे भगवान विष्णु का पूजन नीले रंग के फूलों से करें और जल में तुलसी के पत्ते डालकर अर्घ्य दें। इससे आपके अटके हुए काम पूरे होंगे और आपको मानसिक शांति मिलेगी।
मीन राशि: आप मोहिनी एकादशी 2025 को विष्णु जी का पीले रंग के फूलों और चंदन से पूजन करें। इससे आपके भाग्य में वृद्धि होगी और आपको आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति होगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. मोहिनी एकादशी 08 मई, 2025 को है।
उत्तर. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का पूजन करने का विधान है।
उत्तर. ये जातक केले का प्रसाद बनाकर बांटें।