ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी एक ही राशि में एक ही समय पर एक से ज्यादा ग्रहों की मौजूदगी होती है तो इसे ग्रहों की युति का नाम दिया जाता है। ग्रहों की जब भी युति होती है तो इससे कभी शुभ तो कभी किसी अशुभ योग का निर्माण भी होता है। ऐसा ही एक योग है जिसे अंगारक योग कहा जाता है। यह योग तब बनता है जब किसी एक ही राशि में मंगल और राहु एक साथ आ जाते हैं। अर्थात मंगल राहु की युति से अंगाराक योग बनता है।

अंगारक योग को ज्योतिष में अशुभ योग का दर्जा दिया गया है। आज अपने इस खास ब्लॉग में जानेंगे जल्द ही बनने वाले इस अंगारक योग से किन राशियों को सावधान रहने की आवश्यकता है और यह योग कब बनने वाला है।
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कब बनेगा अंगारक योग?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस समय मीन राशि में राहु विराजमान हैं और इसी राशि में वह पूरे साल रहने वाले हैं। इसके साथ ही 23 अप्रैल को मंगल भी मीन राशि में आ जाएंगे जहां पर वह 31 मई तक रहेंगे। ऐसे में तब तक यहां पर अंगारक योग बनने वाला है। जैसा कि हमने पहले भी बताया कि अंगारक योग को अशुभ योग माना जाता है। जब यह किसी व्यक्ति की कुंडली में बनने लगता है तो इससे व्यक्ति को तमाम परेशानियां, चुनौतियां उठानी पड़ती है क्योंकि जहां एक तरफ मंगल अग्नि तत्व के साथ-साथ एक क्रूर ग्रह माना गया है तो वहीं राहु को भी अशुभ ग्रह का दर्जा दिया गया है।
ऐसे में जब इन दोनों की युति से कोई योग बनता है तो उसे अंगारक योग कहते हैं। जब यह योग किसी व्यक्ति के जीवन में बनता है तो इससे व्यक्ति के स्वभाव में परिवर्तन आ जाता है। उसके अंदर क्रोध की अधिकता देखने को मिलती है। साथ ही जीवन में दुर्घटना और परेशानियों की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा ऐसी स्थिति में व्यक्ति के जीवन पर शत्रु भी हावी होने लगते हैं।
चलिए आगे बढ़ते हो जान लेते हैं इस अंगारक योग से किन राशियों को सावधान रहने की आवश्यकता पड़ेगी।
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अंगारक योग से ये राशियाँ रहें विशेष सावधान
मेष राशि: मेष राशि के जातकों के लिए अंगारक योग उनके द्वादश भाव में बनने जा रहा है। ऐसे में आपको इस दौरान विशेष रूप से संभल कर रहने की आवश्यकता पड़ेगी। इस दौरान आपके जीवन में खर्च बढ़ने वाले हैं। साथ ही आपके विचारों में भी उतार-चढ़ाव आने की संभावना है। मेष राशि के जातकों को शिक्षा, स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन से संबंधित नकारात्मक और बड़े दुष्परिणाम उठाने पड़ सकते हैं। इसके अलावा भूमि और संपत्ति से संबंधित मामलों में भी आपको परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। छोटे-छोटे काम के लिए भी आपको अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। इसके अलावा हर काम में रुकावट आपको परेशान करने वाली है। इस अवधि में आपको अपने स्वास्थ्य को लेकर भी ज्यादा सावधान रहने की सलाह दी जाती है। काम के सिलसिले में आपको यात्राएं करनी पड़ेगी इसके चलते आप परिवार को ज्यादा समय भी नहीं दे पाएंगे और इन यात्राओं से भी आपको नुकसान होने की आशंका है। ऐसे में कुल मिलाकर इस अवधि में आपको ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता रहेगी।
कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों के लिए अंगारक योग आपके सप्तम भाव में बनने जा रहा है। इस दौरान कन्या राशि के जातकों को भी ज्यादा सावधान और सतर्क रहने की आवश्यकता पड़ेगी। आपको अपने दोस्तों के चलते किसी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा जीवन में तमाम तरह की समस्याएं खड़ी होने वाली हैं। इस अवधि में आपका अहंकार आप पर हावी रहेगा। साथ ही आपका गुस्सा तेजी से बढ़ेगा जिसके चलते आपके रिश्तों में खटास होने की आशंका है। कई मामलों में रिश्तों में अलगाव की स्थिति भी पैदा हो सकती है। इसके अलावा आपके जीवनसाथी का स्वास्थ्य आपको परेशान कर सकता है। ऐसे में उनके स्वास्थ्य के प्रति आपको पहले से ही सजग रहने की सलाह दी जा रही है।
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धनु राशि: आखरी और तीसरी जिस राशि के लिए अंगारक योग बेहद ही खतरनाक रहने वाला है वह है धनु राशि। अंगारक योग आपके चतुर्थ भाव में बनेगा। ऐसे में आपके जीवन में सुख सुविधाओं की कमी देखने को मिल सकती है। स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां भी सिर उठा सकती हैं। आपके जीवन में मानसिक तनाव बढ़ने वाला है। ऐसे में कुल मिलाकर आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सजग और सावधान रहना पड़ेगा। किसी भी तरह की कोई लापरवाही ना करें और कोई भी जरूरत महसूस हो तो तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श लें। पारिवारिक जीवन में भी थोड़ी बहुत उठापटक आपको देखने को मिलेगी। परिवार के लोगों के साथ वाद-विवाद होने की संभावना है। आपको अपनी वाणी का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा। इसके अलावा कार्यक्षेत्र में भी आपको कुछ परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। आपकी पत्नी का स्वास्थ्य आपके लिए परेशानी की वजह बनेगा। इसके अलावा अगर आप वाहन चलाते हैं तो आपको इस अवधि में ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता पड़ेगी।
अंगारक योग से बचने के उपाय
- मंगलवार के दिन चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर इससे हनुमान जी को लेप लगाएँ।
- कबूतर को बाजरा खिलाएँ।
- बड़े भाई की सेवा करें।
- हमेशा उनका आशीर्वाद लेकर ही अपने घर से निकलें।
- अपने वजन के बराबर कच्चा कोयला बहते पानी में प्रवाहित करें।
- भगवान भैरव को केले के पत्ते पर चावल का भोग लगाएँ।
- हर रोज मंदिर में देसी घी का दीपक जलाएं।
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