हिंदू सौर कैलेंडर के अनुसार कुंभ संक्रांति ग्यारहवें महीने की शुरुआत का प्रतीक है। आत्मा के कारक सूर्य ग्रह हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं और उनके राशि परिवर्तन करने की तिथि को संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। इस शुभ दिन पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान और ध्यान करने का बहुत महत्व है।

यह भी पढ़ें: राशिफल 2025
भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके
कब है कुंभ संक्रांति 2025
12 फरवरी, 2025 को रात 09 बजकर 40 मिनट पर सूर्य देव मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में सूर्य देव 14 मार्च तक रहने वाले हैं। हिंदू धर्म में कुंभ संक्रांति को बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है।
बन रहा है शुभ योग
कुंभ संक्रांति के दिन एक शुभ योग बन रहा है। इससे इस पावन पर्व का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। 12 फरवरी को सुबह 08 बजकर 06 मिनट से शोभन योग शुरू हो रहा है और इसका समापन 13 फरवरी को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर होगा। इस प्रकार कुंभ संक्रांति 2025 की शुरुआत शोभन योग से हो रही है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
कुंभ संक्रांति 2025 पर क्या करना चाहिए
- संक्रांति के दिन खाने की चीजें, कपड़ों और अन्य ज़रूरत का सामान ब्राह्मणों या पंडितों को दान करना चाहिए।
- इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- कुंभ संक्रांति के दिन श्रद्धालु सच्चे मन से मां गंगा से प्रार्थना करें एवं उनका ध्यान करें। ऐसा करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
- जो व्यक्ति कुंभ संक्रांति के दिन गंगा नदी के किनारे स्नान करने नहीं जा सकते हैं, वे यमुना, गोदावरी और शिप्रा जैसी नदियों में भी डुबकी लगा सकते हैं।
- इस शुभ दिन पर गाय को चारा खिलाना मंगलकारी माना जाता है।
कुंभ संक्रांति 2025 पर किए जाने वाले रीति-रिवाज़
- पवित्र नदियों जैसे कि गंगा, यमुना और गोदावरी आदि में कुंभ संक्रांति के दिन स्नान करने का बहुत महत्व होता है। ऐसा करने से सारे पाप धुल जाते हैं, आत्मा शुद्ध होती है और आध्यात्मिक शांति मिलती है।
- इस दिन मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। संक्रांति पर सभी देवी-देवताओं खासतौर पर मां गंगा को फूल, फल आदि अर्पित करें।
- इस शुभ दिन पर दान करने से बहुत लाभ मिलता है। आप गरीबों को अन्न का दान कर सकते हैं और गाय को भी भोजन करवा सकते हैं।
- कुंभ संक्रांति 2025 पर श्रद्धालु व्रत रखते हैं और अपने उत्तम स्वास्थ्य, सुख-शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर
कुंभ संक्रांति 2025 का सांस्कृतिक महत्व
कुंभ संक्रांति आध्यात्मिक रूप से शुद्ध होने का अवसर है। गंगा नदी को आत्मा और शरीर को पूर्ण रूप से शुद्ध करने वाला माना जाता है और इस संक्रांति पर विशेष रूप से मां गंगा की पूजा होती है और गंगा के पवित्र जल में स्नान किया जाता है। कुंभ संक्रांति के अवसर पर कई जगहों पर मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। यह पर्व मोक्ष प्राप्ति की ओर अग्रसर होने का भी प्रतीक है।
कहां-कहां मनाते हैं कुंभ संक्रांति 2025
वैसे तो भारत के कई हिस्सों में कुंभ संक्रांति का व्रत किया जाता है लेकिन पूर्वी भारत में इस दिन को बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल में इस दिन से फाल्गुन मास की शुरुआत होती है। इस पर्व को मलयालम कैलेंडर के अनुसार मासी मसम के नाम से मनाया जाता है। कुंभ संक्रांति 2025 पर हर साल की तरह श्रद्धालु इलाहाबाद, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार जैसे शहरों में पवित्र गंगा नदी में स्नान करने जाते हैं।
आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी राजयोग रिपोर्ट
कुंभ संक्रांति 2025 की पूजन विधि
संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लें और फिर तांबे के लोटे में जल और तिल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद आप भगवान विष्णु को फल, फूल, धूप, दीप, तिल, अक्षत और दूर्वा आदि अर्पित करें। पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती ज़रूर करें।
कुंभ संक्रांति 2025 की कथा
एक बार देवताओं और राक्षसों ने मंदार पर्वत और वासुकि नाग की सहायता से श्रीर सागर से अमृत कलश को निकालने का फैसला किया। इस पर्वत को कछुए के रूप में भगवान विष्णु ने अपनी पीठ पर धारण किया था और इस प्रकार विष्णु जी ने कूर्मावतार लिया था। समुद्र मंथन के दौरान एक के बाद एक कई अनमोल वस्तुएं निकलीं और आखिर में अमृत कलश निकला। देवताओं को चिंता थी कि राक्षस इस अमृत कलश पर अपना कब्जा कर लेंगे और उन्हें कुछ नहीं मिल पाएगा। राक्षसों और देवताओं के बीच अमृत को लेकर चल रहे विवाद के दौरान अमृत की कुछ बूंदें कलश से धरती के चार स्थानों हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में जा गिरीं। कुंभ संक्रांति के दिन यह अमृत धरती पर गिरा था। इस तरह ये सभी स्थान पवित्र बन गए और इस प्रकार कुंभ संक्रांति 2025 को पापों से मुक्ति दिलाने का प्रतीक बन गया।
करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट
कुंभ संक्रांति 2025 पर राशि अनुसार उपाय
आप कुंभ संक्रांति के दिन अपनी राशि के अनुसार निम्न उपाय कर सकते हैं:
- मेष राशि: आप अग्नि से संबंधित चीज़ों जैसे कि लैंप या मोमबतृती आदि का दान करें।
- वृषभ राशि: इस राशि वाले जातक कुंभ संक्रांति 2025 पर गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को कपड़े और अन्न का दान करें। इससे आपके जीवन में सुख-संपत्ति आएगी।
- मिथुन राशि: आप किताबों का दान करें और छात्रों की सहायता करें।
- कर्क राशि: आप पानी से संबंधित चीज़ों जैसे कि पीने के पानी या एक्वैरियम का दान करें।
- सिंह राशि: आप अनाथ बच्चों को या मंदिर में सोने की चीज़ें दान या उपहार में दें।
- कन्या राशि: आप ऐसे संस्थाओं को दान करें जो बीमार या वृद्ध लोगों की सेवा एवं मदद करती हों।
- तुला राशि: आप सफेद कपड़ों, मिठाई और दही का दान करें।
- वृश्चिक राशि: आप लाल रंग के कपड़ों, दाल या तांबे की चीज़ों का दान करें।
- धनु राशि: अगर आपकी धनु राशि है, तो आप भगवान विष्णु की पूजा करें।
- मकर राशि: आप काले तिल के बीजों, तेल या नीले रंग की वस्तुओं का मंदिर या ज़रूरतमंद लोगों को दान करें।
- कुंभ राशि: आप काले रंग के कपड़ों और काले तिल का दान करें।
- मीन राशि: आप पीले रंग के कपड़ों, हल्दी या किताबों का दान करें।
पितृ दोष से मुक्ति के लिए कुंभ संक्रांति पर करें दान
यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है, तो आप कुंभ संक्रांति के दिन निम्न चीज़ों का दान कर सकते हैं:
- सीधा दान: एक थाली में आटा, तेल, नमक, चावल, घी, गुड़ और दाल रखें। इन सभी चीज़ों को संक्रांति के दिन मंदिर में दान करें। इसे आमान्न दान भी कहा जाता है। इस उपाय को करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और अटके हुए सारे काम पूरे हो जाते हैं।
- वस्त्र का दान: कुंभ संक्रांति के दिन वस्त्रों और अन्न का दान करना चाहिए। ऐसा करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। आप अनाज, कपड़ों, पके हुए भोजन और कंबल आदि का दान कर सकते हैं।
- पांच फलों का दान: कुंभ संक्रांति के दिन मौसम के अनुसार पांच फलों का मंदिर में दान करें। इससे आपको कर्ज से मुक्ति मिल सकती है।
- तांबे का दान: इस शुभ दिन पर तांबे या तांबे से बनी वस्तुओं का दान करने से सूर्य और मंगल से संबंधित दोष दूर होते हैं। इसके साथ ही आप लाल रंग के फूल और लाल रंग के वस्त्र भी दान कर सकते हैं।
- तिल दान: इस दिन पर आप काले तिलों का दान भी कर सकते हैं।
कुंभ संक्रांति 2025 पर करें ये ज्योतिषीय उपाय
- इस संक्रांति पर आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें। इसके अलावा आप सूर्य चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं। सूर्य देव की पूजा करें, सूर्य देवता की आरती करें और सूर्य मंत्र का जाप करें।
- कुंभ संक्रांति पर दान करने का विशेषत महत्व होता है। इस दिन ब्राह्मणों और ज़रूरतमंद लोगों को ऊर्नी गर्म कपड़े और अन्न का दान करें। इस अवसर पर घी का दान करना भी शुभ माना जाता है।
- सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए गरीब बच्चों को फल बांटें।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाशॉपिंग स्टोर
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. इस दिन सूर्य मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं।
उत्तर. 12 फरवरी, 2025 को कुंभ संक्रांति मनाई जाएगी।
उत्तर. इस दिन सूर्य कुंभ राशि में गोचर करते हैं।