एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं। इस ब्लॉग में हम आपको कारको भाव नाशाये के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि 21 अगस्त, 2025 को होने जा रहा है। इस विशेष ब्लॉग में विस्तार से बताया गया है कि इसका राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय भी बताए गए हैं।

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कारको भाव नाशाये क्या है
वैदिक ज्योतिष में ‘कारको भाव नाशाये’ के संस्कृत सूत्र का अर्थ है:
“यदि किसी भाव का कारक उसी भाव में स्थित हो, तो इससे उस भाव के शुभ फल नष्ट या कमज़ोर हो सकते हैं।”
यह सिद्धांत पराशर और जैमिनी ज्योतिष से लिया गया है और इसे एक नियम के बजाय चेतावनी के रूप में देखा जाता है। कारक शब्द का प्रयोग उस ग्रह के लिए किया जाता है जो कि जीवन के किसी भाव या पहलू को दर्शाता है। भाव वह घर होता है जिसे कुंडली में कोई ग्रह अपने स्वाभाविक कारकत्व को ध्यान में रखते हुए दर्शाता है। नाशाय एक संस्कृत शब्द है जिसका मतलब होता है नाश या हानि।
जब भाव का कारक उसी घर में बैठा हो, जिसका वह प्रतिनिधित्व करता है, तो ऐसे में कभी-कभी उस भाव के परिणाम या अर्थ खराब हो सकते हैं। हालांकि, यह जितना लग रहा है, हमेशा उतना खराब नहीं होता है। सही मायने में इस अवधारणा के अस्तित्व में आने और किसी व्यक्ति के जीवन से संबंधित क्षेत्र को प्रभावित करने के लिए कुछ चीज़ों का होना जरूरी है। इस अवधारणा को पूरा करने वाली चीज़ों के बारे में जानने से पहले यह जान लेते हैं कि कौन सा ग्रह किस भाव का प्रतिनिधित्व करता है।
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कारको भाव नाशाये: ग्रह और उनका महत्व
ग्रह | भाव | कारक |
सूर्य | पहला और नौवां | पिता और जीवनशक्ति |
चंद्रमा | चौथा | भावनाएं, शांति और मां |
मंगल | तीसरा, चौथा और छठा | भाई, जमीन और शत्रु |
बुध | पहला और दसवां | बुद्धि और करियर |
बृहस्पति | पांचवां और दसवां | ज्ञान, संतान और करियर |
शुक्र | सातवां | पार्टनरशिप और विवाह |
शनि | तीसरा, आठवां और दसवां | प्रयास, दीर्घायु और करियर |
कारको भाव नाशाये: इस नियम के लिए इन बातों पर दिया जाता है ध्यान
- यह नियम पूर्णत: निश्चित नहीं है। इसे हमेशा सावधानीपूर्वक और संदर्भ के अनुसार ही लेना चाहिए।
- शक्ति, गौरव (स्वराशि, उच्च आदि) और दृष्टि महत्वपूर्ण है।
- अपने ही भाव में स्थित कारक,अन्य ग्रहों की युति और शुभ दृष्टि पड़ने पर, परिणाम बढ़ सकते हैं।
- यदि ग्रह अपनी स्वराशि, मूलत्रिकोण या उच्च राशि में है, तो आमतौर पर नकारात्मक प्रभाव निष्प्रभावी हो जाता है।
- युति, दृष्टि और योग इस नियम को रद्द कर सकते हैं।
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कारको भाव नाशाये: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक असर
कर्क राशि
शुक्र आपके चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह कर्क राशि के पहले भाव में रहेंगे। वैसे तो यह अन्य पहलुओं में लाभकारी होता है, लेकिन शुक्र की पहले भाव से आपके सातवें भाव पर दृष्टि पड़ रही है जिससे कारको भाव नाशाये बन रहा है। ऐसे में आपका वैवाहिक जीवन या बिज़नेस पार्टनरशिप खराब हो सकती है। कर्क राशि में शुक्र के पहले भाव में होने से व्यक्ति अपने रिश्तों में शारीरिक आकर्षण या बाहरी सौंदर्य पर बहुत ज्यादा ध्यान देने लगता है। ऐसे में, यदि रिश्ते की वास्तविक भावना को नज़रअंदाज़ कर दिया जाए, तो इससे समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
कार्यक्षेत्र में व्यक्ति अच्छे कपड़े तो पहनता है लेकिन बिज़नेस के महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान नहीं दे पाता है और उसके बिज़नेस पार्टनर नाराज़ हो सकते हैं। ऐसा व्यक्ति अक्सर अपने कौशल को लेकर भ्रमित हो सकता है और कड़ी मेहनत या काम पर वास्तविक प्रयास करने से विमुख हो सकता है। प्रथम भाव में जल तत्व की राशि में शुक्र व्यक्ति को अधिक भावुक और आलोचना को सकारात्मक रूप से लेने के प्रति संवेदनशील बना सकता है। इसे ऑफिस में अक्सर नकारात्मक गुण माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमज़ोर या पीड़ित है, तो ये प्रभाव और भी बढ़ सकते हैं।
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मकर राशि
शुक्र आपके पांचवे और नौवें भाव का स्वामी है और अब वह आपके सातवें भाव में उपस्थित रहेंगे। शुक्र सातवें भाव में होने पर व्यक्ति को बहुत ज्यादा भावुक बना देता है और कभी-कभी रिश्तों को लेकर अत्यधिक आदर्शवादी दृष्टिकोण दे सकता है। जीवनसाथी के साथ ये बहुत ज्यादा रोमांटिक हो सकते हैं। ऐसे में अगर वास्तविकता इनके आदर्शों से मेल नहीं खाती है, तो इनका रिश्ते से मोहभंग या निराशा हो सकती है।
चूंकि, शुक्र अपने ही कारक भाव में है, इसलिए रिश्ते में अपने पार्टनर के लिए कुछ करने और उनसे भी कुछ करने की अपेक्षा करने के बीच, संतुलन लाना महत्वपूर्ण होता है। इनके अंदर बहुत ज्यादा मिलनसार होने की प्रवृत्ति हो सकती है जिससे कुछ मामलों में ये अपने पार्टनर पर अत्यधिक निर्भर रह सकते हैं। इससे ये अपने ऑफिस में भी तर्क की बजाय बहुत ज्यादा भावुक हो सकते हैं जो कि इनकी बिज़नेस डील या नौकरी से संबंधित प्रोजेक्ट के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए इन्हें सावधान रहना चाहिए।
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कारको भाव नाशाये: उपाय
- देवी पार्वती की पूजा करें और उनका आशीर्वाद लें।
- शुक्रवार के दिन व्रत रखें और वैभव लक्ष्मी की पूजा करें।
- महिलाओं का सम्मान करें और गरीब महिलाओं को चूड़ियां, कपड़े आदि भेंट करें।
- श्री सूक्तम का पाठ करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. हां।
उत्तर. सातवां भाव।
उत्तर. कर्क राशि।