बुध मीन राशि में मार्गी: ज्योतिष में बुध ग्रह को “ग्रहों के राजकुमार” का पद प्राप्त है और इनका वर्णन हिंदू धर्म सहित अनेक पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है। बता दें कि 5वीं शताब्दी में आर्यभट्ट द्वारा रचित संस्कृत ग्रंथ “आर्यभटीय” में भी बुध ग्रह का वर्णन किया गया है। अब बुध ग्रह मीन राशि में एक बार फिर से अपनी स्थिति में बदलाव करते हुए मार्गी होने जा रहे हैं और इनकी स्थिति में बदलाव का असर राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर अलग-अलग से दिखाई दे सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, बुध मार्गी का सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव शेयर बाजार और देश दुनिया को भी प्रभावित करेगा। ऐसे में, बुध मीन राशि में मार्गी होकर आपकी राशि को अच्छे-बुरे किस तरह के परिणाम देंगे? यह जानने के लिए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं बुध मार्गी का सभी राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा। साथ ही, इसके अशुभ प्रभावों से किस तरह बचा जा सकता है।
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वैदिक ज्योतिष में बुध महाराज को एक शुभाशुभ ग्रह के रूप में देखा जाता है क्योंकि यह जातकों को ग्रहों की संगति के अनुसार फल प्रदान करते हैं। ऐसे में, जब बुध देव की चाल, दशा और स्थिति में कोई भी बदलाव होता है, तो यह संसार समेत जातकों को सकारात्मक या नकारात्मक दोनों तरह के फल देते हैं। इसके अलावा, बुध ग्रह को बुद्धि, तर्कशक्ति, व्यापार, शेयर बाजार और तार्किक क्षमता का कारक ग्रह माना गया है। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और एस्ट्रोसेज एआई के इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि बुध मीन राशि में कब मार्गी होंगे।
बुध मीन राशि में मार्गी: तिथि और समय
बुध महाराज को सभी नवग्रहों में चंद्रमा के बाद सबसे तेज़ गति से चलने वाला ग्रह माना गया है क्योंकि एक राशि में यह लगभग 23 दिनों के लिए रहते हैं। इस प्रकार, यह एक राशि में बेहद कम समय के लिए विराजमान होते हैं। अब बुध ग्रह 07 अप्रैल 2025 की शाम 04 बजकर 04 मिनट पर अपनी वक्री अवस्था से बाहर आते हुए मीन राशि में मार्गी हो जाएंगे। बता दें कि बुध की नीच राशि मीन है जिसके स्वामी ग्रह गुरु महाराज हैं। बृहस्पति देव के साथ बुध तटस्थ संबंध रखते हैं। ऐसे में, बुध का मीन राशि में मार्गी होना राशियों के साथ-साथ विश्व को निश्चित रूप से प्रभावित कर सकता है। आगे बढ़ने से पहले हम जान लेते हैं कि किसे कहते हैं ग्रह का मार्गी होना।
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क्या होता है किसी ग्रह का मार्गी होना?
जैसे कि हम सभी इस बात को भली-भांति जानते हैं कि प्रत्येक ग्रह समय-समय पर अपनी चाल, दशा या स्थिति में बदलाव करते हुए अस्त, उदय, वक्री और मार्गी होते हैं। हालांकि, सूर्य एकमात्र ऐसा ग्रह है जो हमेशा एक ही अवस्था में रहता है। बात करें ग्रह के मार्गी होने की, तो किसी ग्रह के मार्गी होने का अर्थ उस अवस्था से है जब ग्रह अपनी उल्टी चाल यानी कि वक्री स्थिति से पुनः सीधा चलना लगता है और इसे ही ग्रह का मार्गी होना कहा जाता है। ज्योतिष में जिस तरह ग्रहों के गोचर को महत्वपूर्ण माना जाता है, ठीक उसी प्रकार ग्रहों की स्थिति में होने वाले परिवर्तनों को भी विशेष माना जाता है। चलिए अब नज़र डालते हैं बुध ग्रह के ज्योतिषीय महत्व पर।
ज्योतिष की दृष्टि से बुध ग्रह
- वैदिक ज्योतिष में बुद्धि, तर्क, व्यापार एवं वाणी के कारक ग्रह के रूप में बुध देव को लाभकारी ग्रह माना गया है।
- यह चतुरता, मित्र, गणित और संवाद का भी प्रतिनिधित्व करता हैं। किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध देव को तीसरे और छठे भाव पर आधिपत्य प्राप्त हैं।
- राशि चक्र में बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि पर शासन करते है। बता दें कि कन्या राशि में बुध ग्रह उच्च अवस्था में और मीन राशि में नीच होते हैं।
- यह हर राशि में तक़रीबन 24 दिनों तक रहते हैं और उसके बाद, एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते है।
- सभी 27 नक्षत्रों में बुध महाराज को अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त हैं।
- बात करें इनके मित्रों की, तो बुध देव के सूर्य और शुक्र के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध है जबकि चंद्रमा और केतु को इनका शत्रु माना जाता है। वहीं, मंगल, बृहस्पति और शनि के साथ बुध ग्रह के संबंध तटस्थ है।
- बुध ग्रह को सप्ताह में बुधवार का दिन समर्पित होता है और इन्हें हरा रंग अतिप्रिय हैं।
- शायद ही आप जानते होंगे कि बुध देव को रौहिणेय, तुंगा सौम्य आदि नामों से भी जाना जाता है। ग्रीस की पौराणिक कथाओं में बुध ग्रह हेमीज़ का प्रतिनिधित्व करते हैं।
बुध ग्रह का वैज्ञानिक महत्व
बुध ग्रह का ज्योतिषीय महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है जिसके बारे में हम यहाँ बात करेंगे।
- वैज्ञानिक दृष्टि से, सौरमंडल का सबसे छोटा और तेज़ गति से चलने वाला ग्रह बुध है। यह अन्य ग्रहों की तुलना में सूर्य के सबसे नज़दीक स्थित है।
- एक तरफ, बुध की सतह चट्टान की तरह एकदम ठोस है, तो वहीं इसका वायुमंडल हाइड्रोजन, हीलियम, ऑक्सीजन और सोडियम पोटेशियम आदि से मिलकर बना है।
- बता दें कि बुध ग्रह का अपना कोई चंद्रमा नहीं है और इस वजह से यहाँ पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।
अब हम आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं कुंडली में बुध देव के शुभ या अशुभ होने पर जातक को किस तरह के संकेत मिलते हैं।
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मज़बूत बुध के लक्षण
ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध महाराज मज़बूत या शुभ स्थिति में होते हैं, उन्हें अपने जीवन में कई तरह के सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होती है जो कि इस प्रकार है:
- कुंडली में मज़बूत बुध होने पर व्यक्ति का संचार कौशल काफ़ी शानदार होता है और उसकी वाणी से दूसरे जल्द ही प्रभावित हो जाते हैं।
- इनका शुभ प्रभाव होने से जातक को विश्लेषणात्मक कौशल और तेज़ बुद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
- ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध ग्रह शुभ होते हैं, वह ट्रेडिंग के क्षेत्र में महारत हासिल करते हैं जिसके चलते वह अच्छा ख़ासा लाभ कमाने में सफल होते हैं।
- कुंडली में मज़बूत बुध के प्रभाव से इन लोगों का व्यक्तित्व शारीरिक रूप से बेहद आकर्षक और सुंदर होता है। इस वजह से अक्सर यह अपनी वास्तविक उम्र से कम आयु के ही नज़र आते हैं और इनकी आँखों में एक अलग चमक होती है। ऐसे लोगों की आवाज़ बेहद पतली होती है।
- जिन लोगों की कुंडली में बुध का प्रभाव मज़बूत होता है, वह वाद-विवाद, तर्क और राजनीति के क्षेत्र में काफ़ी अच्छे होते हैं। इन लोगों का झुकाव नई-नई चीज़ों को सीखने में होती है।
- बुध देव का जीवन पर शुभ प्रभाव होने की वजह से जातक अच्छा प्रवक्ता, वक्ता, बीमा एजेंट, बहुभाषी और अधिकारी आदि बनता है।
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कमजोर बुध के लक्षण
ज्योतिषियों का मानना है कि अगर कुंडली में बुध ग्रह अशुभ या दुर्बल स्थिति में होता है, तो जातक का जीवन समस्याओं से भर जाता है। ऐसे में, आपको जीवन में कई तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है जो कि इस प्रकार है:
- ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध कमजोर अवस्था में होता है, उन्हें बातचीत करने में और दूसरों के सामने अपने विचारों को रखने में परेशानी होती है।
- किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ होने पर आपको शारीरिक और मानसिक समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है।
- कमजोर बुध का नकारात्मक प्रभाव होने के कारण जातक के मान सम्मान, यश बल और पद-प्रतिष्ठा में गिरावट आती है।
- इसके अलावा, अशुभ बुध का सीधा प्रभाव व्यक्ति के भाषण और बातचीत करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
- ऐसे लोग जिनका बुध कमजोर होता है, उनके स्वभाव में चतुराई और मूड स्विंग देखने को मिलते हैं। इसके अलावा, इन लोगों में छलकपट की प्रवृत्ति भी होती है।
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बुध मीन राशि में मार्गी; सरल एवं प्रभावी उपाय
- बुध ग्रह को मज़बूत करने के लिए गाय को हरी सब्जियां जैसे पालक, मेथी आदि खिलाएं।
- संभव हो, तो बुध ग्रह के लिए बुधवार के दिन व्रत करें।
- रोज़ाना सफेद चंदन का मस्तक पर तिलक करना शुभ रहेगा।
- बुध से शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए आप चार मुखी या दस मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं, परंतु ऐसा करने से पहले किसी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।
- जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ परिणाम दे रहा होता है, वह अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों की सलाह पर पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं।
- बुध देव को मज़बूत करने के लिए श्री गणेश पूजा करना शुभ साबित होता है। साथ ही, आप साबुत मूंग और हरे रंग के वस्त्रों का अपने सामर्थ्य अनुसार दान करें।
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बुध मीन राशि में मार्गी: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी हैं। अब…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी हैं जो…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ चतुर्थ…(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा द्वादश भाव के स्वामी… (विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी हैं जो…(विस्तार से पढ़ें)
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कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए बुध आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके दशम…(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में भाग्य भाव और द्वादश भाव के… (विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी हैं जो…(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली में सातवें तथा दसवें भाव के स्वामी हैं। ऐसे…(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए बुध देव आपकी कुंडली में छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी हैं जो(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी हैं। अब…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं जो…(विस्तार से पढ़ें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
साल 2025 में बुध मीन राशि में मार्गी 07 अप्रैल 2025 को होंगे।
राशि चक्र की बारहवीं और अंतिम राशि मीन के अधिपति देव गुरु ग्रह हैं।
नहीं, बुध और गुरु ग्रह के बीच तटस्थ संबंध है।