ग्रहों के युवराज का शनि की राशि में गोचर, इन राशियों को करियर एवं व्यापार में ख़ूब मिलेगी सफलता!

वैदिक ज्योतिष में बुध महाराज को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। ऐसे में, बुध देव की चाल, दशा या स्थान में होने वाला कोई भी परिवर्तन फिर चाहे वह इनका अस्त, उदित, वक्री, मार्गी होना हो या फिर गोचर हो, इन सभी को ही अहम माना जाता है। अब यह जल्द ही अपनी राशि में बदलाव करते हुए कुंभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज एआई का यह विशेष ब्लॉग आपको “बुध का कुंभ राशि में गोचर” के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि, समय आदि। इसके अलावा, बुध का यह गोचर किन राशियों को शुभ-अशुभ परिणाम देगा और इस दौरान किन उपायों को करके आप बुध के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं, इससे भी हम आपको अवगत करवाएंगे। तो आइए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं बुध गोचर के बारे में सब कुछ। 

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अगर हम बात करें बुध ग्रह की प्रकृति की, तो बुध महाराज को एक शुभाशुभ ग्रह माना जाता है। सरल शब्दों में कुंडली में बुध देव जिस ग्रह के साथ मौजूद होते हैं फिर वह पापी या शुभ ग्रह हो, जातकों को उसी के अनुसार अच्छे-बुरे परिणाम देते हैं। इसके विपरीत, जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ ग्रहों के साथ बैठे होते है, तो यह आपको नकारात्मक फल प्रदान कर सकते हैं। बुध ग्रह के बाद अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं बुध गोचर का समय और तिथि। 

कब और किस समय होगा बुध का गोचर?


शायद ही आप जानते होंगे कि सौरमंडल में बुध देव सूर्य ग्रह के सबसे निकट स्थित हैं इसलिए अक्सर यह इनके करीब जाने पर अस्त हो जाते हैं। ग्रहों के युवराज बुध के तेज़ गति से चलने के कारण समय-समय पर इनकी राशि और स्थिति में बदलाव देखने को मिलता है। अब बुध ग्रह 11 फरवरी 2025 की दोपहर 12 बजकर 41 मिनट पर कुंभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, बुद्धि, वाणी एवं तर्क के कारक ग्रह बुध के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों के साथ-साथ देश-दुनिया पर भी दिखाई देगा।

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ज्योतिष की नज़रों में बुध ग्रह 

हम बात करें बुध ग्रह के ज्योतिषीय महत्व की, तो सौरमंडल में बुध को सबसे छोटा ग्रह माना गया है जो कि सूर्य देव से लगभग 3.68 करोड़ की दूरी पर स्थित है। वहीं, इन्हें अपनी परिक्रमा पूरी करने में तक़रीबन 88 दिनों का समय लगता है। इस अवधि में बुध महाराज सभी 12 राशियों में गोचर करते हैं। आमतौर पर बुध ग्रह को एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में जाने में 23 दिनों का समय लगता है। 

ग्रहों के युवराज के नाम से प्रसिद्ध बुध देव को एक युवा ग्रह का दर्जा प्राप्त है जो बेहद बुद्धिमान हैं और इनका संचार कौशल भी शानदार है। हालांकि, बुध देव को चंद्र देव का पुत्र माना जाता है जिन्हें राशि चक्र की सभी 12 राशियों में मिथुन और कन्या राशि पर आधिपत्य प्राप्त हैं। कन्या इनकी उच्च राशि भी है और मीन राशि में यह नीच अवस्था में होते हैं। सभी दिशाओं में बुध ग्रह उत्तर दिशा के स्वामी माने गए हैं। 

कुंडली में बुध देव गुरु, शुक्र और चंद्रमा के साथ होने पर शुभ फल देते हैं जबकि मंगल, केतु, शनि, राहु और सूर्य जैसे ग्रहों के साथ नकारात्मक फल प्रदान करते हैं। यह 27 नक्षत्रों में अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र के अधिपति देव हैं। बता दें कि बुध ग्रह बुद्धि, तर्क, गणित, संवाद और दोस्ती के कारक ग्रह माने जाते हैं। चलिए अब नज़र डालते हैं उन संकेतों पर जिनकी मदद से आप कुंडली में कमज़ोर बुध को पहचान सकते हैं। 

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कुंडली में कमज़ोर बुध के लक्षण

जिन जातकों की कुंडली में बुध देव दुर्बल अवस्था में होते हैं, वह नीचे दिए गए संकेतों से जान सकते हैं कमज़ोर बुध के बारे में जो कि इस प्रकार हैं

  • जातक के रिश्ते बहन, मौसी और बुआ से बिगड़ने लगते हैं। 
  • ऐसा इंसान बिना कुछ गलत किए भी बदनामी का शिकार हो जाता है।
  • गुप्त रोगों की वजह से यौन शक्ति में कमी आती है। 
  • व्यक्ति की पाचन शक्ति कमजोर पड़ जाती है और ऐसे में, पाचन से जुड़े रोग परेशान करने लगते हैं।
  • दुर्बल बुध वाले इंसान के शरीर में कई तरह के रोग जन्म लेने लगते हैं।  
  • जातक के पेट में निरंतर दर्द बना रहता है। 
  • व्यापार के क्षेत्र में असफलता या हानि का सामना करना पड़ता है। 
  • नौकरी में जातक को समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। 
  • ऐसे जातक के दांत, नाखून और बाल कमजोर होकर टूटने लगते हैं।
  • कमज़ोर बुध की वजह से सुनने की शक्ति भी कमजोर हो जाती है। 
  • वाणी से जुड़ी समस्याएं जैसे कि हकलाना व बोल न पाना आदि परेशानी करती हैं।

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ये 5 कारण बनते हैं अशुभ बुध की वजह 

आपके मन में भी ऐसे सवाल उठ रहे होंगे कि आख़िर कुंडली में बुध कमज़ोर या पीड़ित कैसे हो जाता है, तो आइए आपको रूबरू करवाते हैं उन कारणों से जो बुध को दुर्बल बनाने का काम करते हैं। 

  1. दुर्गा माता और भगवान गणेश का अपमान करने से बुध ग्रह कमज़ोर होते हैं। 
  2. जब कोई इंसान बेईमानी, छलकपट या गलत रास्तों पर जाकर पैसा कमाता हैं, तब भी बुध अशुभ होकर नकारात्मक फल देने लगता है। 
  3. जो जातक अपने जीवन में बहन, बुआ या मौसी का अनादर करता है, तो उसे भी बुध ग्रह अशुभ फल देते हैं। 
  4. किन्नरों का अपमान करने से बुध ग्रह नकारात्मक फल देने लगते हैं।
  5. जो लोग तंबाकू और शराब का सेवन करते हैं, उन्हें बुध के कुप्रभाव झेलने पड़ते हैं। 

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कुंडली में इन उपायों से करें बुध ग्रह को मज़बूत 

  • भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करें क्योंकि ऐसा करने से बुध ग्रह बलवान होता है।
  • संभव हो, तो बुधवार के दिन बुध ग्रह के लिए व्रत करें। 
  • बुधवार के दिन गणेश जी के मंदिर जाएं और उन्हें प्रसाद के रूप में मूंग के लड्डू चढ़ाएं। 
  • नियमित रूप से गाय को हरा चारा खिलाएं, विशेषकर बुधवार के दिन। 
  • बुधवार को बुध ग्रह के लिए हरे रंग की वस्तुएं दान करें। 
  • बुध ग्रह से सकारात्मक परिणाम पाने के लिए पन्ना रत्न धारण करें। लेकिन, ऐसा किसी अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषी से परामर्श लेने के बाद ही करें। 
  • बुध से शुभ फल पाने के लिए गरीब ब्राह्मण को हरी सब्जियां, हरे वस्त्र और हरे फल का दान करें। 
  • बुध देव को बलवान करने के लिए बुधवार को बुध स्त्रोत का पाठ करें। 
  • बुधवार के दिन पूजा के दौरान बुध मंत्रों का जाप करें। 
  • जातक अपने दैनिक जीवन में हरे रंग का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। इस उपाय को करने से बुध ग्रह अनुकूल परिणाम देने लगते हैं।

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बुध का कुंभ राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि के तीसरे और छठे भाव का स्‍वामी बुध अब आपके ग्‍यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं।… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

वृषभ राशि के दूसरे और पांचवे भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं और अब वह आपके दसवें भाव में… (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि के दूसरे और चौथे भाव के स्‍वामी बुध ग्रह, अब आपके नौवें भाव में… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

बुध कर्क राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्‍वामी हैं और अब इस गोचर के दौरान वह… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि के दूसरे और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी बुध अब आपके सातवें भाव में गोचर करने जा…(विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

कन्या राशि के पहले और दसवें भाव के स्‍वामी बुध इस गोचर के दौरान आपके छठे भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

बुध तुला राशि के नौवें और बारहवें भाव के स्‍वामी हैं और अब इस गोचर के दौरान वह आपके…(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

बुध आपके आठवें और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी हैं और अब इस गोचर के दौरान वह आपके…(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

बुध धनु राशि के सातवें और दसवें भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आपके तीसरे भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि के छठे और नौवें भाव के स्‍वामी बुध, अब इस गोचर के दौरान आपके दूसरे भाव में… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

बुध आपके पांचवे और आठवें भाव के स्‍वामी हैं और अब इस गोचर के दौरान वह आपके पहले…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मीन राशि के चौथे और सातवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं और कुंभ राशि में गोचर करने के दौरान… (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. कुंभ किसकी राशि है?

राशि चक्र की ग्यारहवीं राशि कुंभ के स्वामी शनि देव हैं।

2. बुध कुंभ राशि में कब तक रहेंगे?

बुध ग्रह 27 फरवरी 2025 की रात 11 बजकर 28 मिनट तक कुंभ राशि में रहेंगे।

3. ग्रह का अस्त होना किसे कहते हैं? 

ज्योतिष के अनुसार, जब कोई ग्रह सूर्य के नज़दीक चला जाता है, तो वह अपनी शक्तियां खो देता है और इसे ही ग्रह का अस्त होना कहते हैं।

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