बुध कर्क राशि में मार्गी: इन राशियों को रहना होगा सावधान, तुरंत कर लें ये उपाय

बुध कर्क राशि में मार्गी: इन राशियों को रहना होगा सावधान, तुरंत कर लें ये उपाय

बुध कर्क राशि में मार्गी: बुध बुद्धि, संवाद, तर्क, गणना और व्यापार के कारक ग्रह हैं, जब मार्गी होते हैं, तो जीवन की कई जटिलताएं सरल होने लगती हैं। यह बदलाव न केवल विचारों में स्पष्टता लाता है बल्कि हमारे निर्णयों को भी सशक्त बनाता है। जब बुध वक्री होता है, तो व्यक्ति भ्रम, उलझन और गलतफहमियों से घिरा रह सकता है, लेकिन जैसे ही यह ग्रह मार्गी होता है, वैसे ही जीवन में संतुलन, समझदारी और स्थिरता का आगमन होता है। 

2025 में बुध का यह मार्गी होना कई राशियों के लिए बेहद शुभ रहने वाला है। विशेषकर वे लोग जो शिक्षा, लेखन, संचार, मीडिया, मार्केटिंग या व्यापार से जुड़ें, उन्हें अब तेजी से आगे बढ़ने के मौके मिल सकते हैं। साथ ही, जिनके काम लंबे समय से अटके हुए थे, अब वे गति पकड़ सकते हैं।

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आइए जानते हैं बुध के मार्गी होने का यह परिवर्तन आपकी राशि को कैसे प्रभावित करेगा और किस दिशा में बदलेगा आपका भाग्य।

बुध कर्क राशि में मार्गी: तिथि व समय

बौद्धिक बल अर्थात समझदारी व चतुराई का कारक ग्रह बुध 18 जुलाई 2025 को कर्क राशि में रहते हुए वक्री हो गए थे। अब यानी 11 अगस्त 2025 की दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर बुध ग्रह मार्गी हो रहे हैं। बुध मार्गी का प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों पर पड़ेगा। 

बुध ग्रह मार्गी होने का अर्थ

मार्गी का अर्थ है सीधी गति से चलना। जब कोई ग्रह अपनी सामान्य चाल में चलता है, तो उसे मार्गी कहा जाता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जब बुध ग्रह वक्री होकर उल्टी दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है और पुन: अपनी सीधी चाल में लौट आता है, तो यह घटना बुध का मार्गी होना कहलाती है। जब बुध वक्री होता है, तब व्यक्ति को भ्रम, गलतफहमियों, संवाद में रुकावट, इलेक्ट्रॉनिक गड़बड़ियां, कागजी कार्यों में अड़चन और फैसलों में असमंजस का सामना करना पड़ सकता है। 

लेकिन जैसे ही बुध मार्गी होता है जातक के विचारों में स्पष्टता आती है। अटके हुए काम गति पकड़ते हैं। संचार और व्यवहार में सुधार आता है। निर्णय लेना आसान हो जाता है। व्यापारिक कार्यों में सकारात्मक बदलाव आता है। ज्योतिष में यह घटना बहुत मायने रखती है क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन में ठहराव के बाद एक नए सकारात्मक चरण की शुरुआत मानी जाती है। जिस राशि और भाव में बुध मार्गी होते हैं, वहां से जुड़े क्षेत्र में सुधार और प्रगति देखने को मिलती है।

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बुध ग्रह का धार्मिक व ज्योतिषीय महत्व

बुध ग्रह को भगवान विष्णु का अंश माना गया है। इसका उल्लेख विभिन्न पुराणों में भी मिलता है। इनकी पूजा से बुद्धि, वाणी, व्यापार और निर्णय क्षमता में सुधार होता है। एक मान्यता के अनुसार, बुध, चंद्र देव और तारा (बृहस्पति की पत्नी) के पुत्र हैं। इस वजह से बुध की प्रकृति में चंचलता और बुद्धि दोनों का मेल देखा जाता है। बुध ग्रह को प्रसन्न करने के लिए बुधवार के दिन व्रत रखने का विधान है। इस दिन हरे रंग के वस्त्र धारण करना, हरी मूंग दान देना और गाय को हरा चारा खिलाना शुभ माना जाता है।

बुध ग्रह मनुष्य की बुद्धिमत्ता, तर्कशक्ति, संचार क्षमता, लेखन, शिक्षा, वाणी और व्यापारिक समझ का प्रतीक है। कुंडली में इसका शुभ स्थान पर होना व्यक्ति को कुशाग्र बुद्धि, हाजिर जवाबी और प्रभावशाली वक्ता बनता है। बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। कन्या में यह उच्च के और मीन में नीच के माने जाते हैं। बुध ग्रह शुक्र और शनि के मित्र, चंद्रमा के शत्रु और सूर्य के पुत्र समान है। 

कुंडली में इसकी स्थिति के अनुसार, व्यक्ति का प्रोफेशन, बोलचाल और गणितीय क्षमता तय होती है। बुध यदि पहले, दूसरे, पांचवें, छठे और दसवें भाव में स्थित हो तो अत्यंत शुभ फल देते हैं। लेकिन यदि शुभ स्थिति में हो तो यह धोखा, असत्य भाषण, भ्रम और मानसिक उलझनों का कारण बनता है। इसके अलावा, बुध दोष निवारण के लिए पन्ना रत्न धारण किया जाता है। साथ ही गौ माता को हरी चीजें खिलाना, छोटे बच्चों को शिक्षा देना और बुध मंत्र का जाप करना लाभदायक होता है।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

कर्क राशि में बुध ग्रह का प्रभाव

जब बुध ग्रह कर्क राशि में गोचर करता है या जातक की कुंडली में बुध इस राशि में स्थित होता है, तो इसका प्रभाव विशिष्ट होता है। कर्क राशि जल तत्व की, चंद्रमा की स्वामित्व वाली और भावनात्मकता से भरपूर राशि मानी जाती है, जबकि बुध बुद्धि, तर्क और वाणी का कारक है। ऐसे में, कर्क राशि में बुध की स्थिति के परिणामस्वरूप जातक के सोचने और बोलने का ढंग प्रभावित होता है। ऐसे लोग दिल से सोचते हैं, लेकिन अपनी बात को भावनात्मक शैली में बड़ी सहजता से कहने में माहिर होते हैं।

इस योग के जातक लेखन, कहानी, संगीत और कला के क्षेत्र में प्रतिभाशाली हो सकते हैं। खासकर वे लोग जो कविता, नाटक या पत्रकारिता से जुड़े हों, उनके लिए यह स्थिति फायदेमंद मानी जाती है। बुध कर्क में होने पर व्यक्ति पुरानी यादों, पारिवारिक मूल्यों और रिश्तों से गहराई से जुड़ा रहता है। ये अपनी यादों को संजोकर रखते हैं और दूसरों से जुड़ने में भावनाओं का उपयोग करते हैं। बुध का स्वभाव विश्लेषणात्मक होता है, जबकि कर्क भावनाओं का इसलिए कभी-कभी इस स्थिति में निर्णय लेने में असमंजस, भावनात्मक उतार-चढ़ाव या सोच में अस्थिरता देखी जा सकती है।

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बुध ग्रह के किन भावों में होने पर सावधानी की आवश्यकता होती है?

आठवां भाव अचानक बदलाव, दुर्घटना, रहस्य से जुड़ा होता है। यहां बुध विचारों में उलझन दे सकता है। बारहवां भाव विदेश यात्रा, हानि, खर्च का भाव है। बुध यहां विराजमान हो तो खर्च बढ़ सकता है और मानसिक चिंता दे सकता है, परंतु लेखक, योग, शिक्षक या गुप्त विद्या वाले कार्यों में इसे शुभ भी माना जाता है।

अलग-अलग भावों में बुध के फल

भाव का नामबुध के फल
लग्नअत्यंत शुभ
धनशुभ
सुखशुभ
विद्याबहुत शुभ
रोग/शत्रुशुभ
विवाह/व्यापारऔसत
कर्मबहुत शुभ

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बुध ग्रह को मजबूत करने के आसान उपाय

बुधवार का व्रत करें

हर बुधवार को उपवास करें और हरी चीज़ों का सेवन करें। इस दिन हरे कपड़े पहनें और भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा करें।

बुध बीज मंत्र का जाप करें

ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः मंत्र का रोज़ाना 108 बार जाप करें। ऐसा करने से बुध ग्रह की शक्ति बढ़ती है।

गणेश जी की आराधना करें

गणपति बुद्धि के देवता हैं। रोज़ “ॐ गं गणपतये नमः” का 108 बार जाप करें। बुधवार को विशेष रूप से दूर्वा (हरी घास) चढ़ाएं।

पेड़-पौधे लगाएं

हरे रंग का संबंध बुध से है। घर में तुलसी, धनिया, पुदीना, मेंथी या हरसिंगार जैसे पौधे लगाएं और उनकी सेवा करें।

दान करें

बुध से संबंधित वस्तुओं का दान करें। जैसे हरी मूंग, हरा वस्त्र, कच्चा नारियल, ब्राह्मण को हरी सब्जी, साबुत धनिया, पन्ना रत्न, दूर्वा बुध के दिन किसी कन्या या ब्राह्मण को ये  वस्तुएं दान करें।

पन्ना रत्न धारण करें

कुंडली में बुध वाकई अशुभ हो तो ज्योतिषीय सलाह लेकर पन्ना रत्‍न धारण कर सकते हैं। यह बुध की ऊर्जा को बढ़ाता है।

सूर्य को जल दें

तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें थोड़ा सा हरा तुलसी का पत्ता डालें और “ॐ बुधाय नमः” का जाप करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।

बुध कर्क राशि में मार्गी: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी होते हैं और बुध कर्क राशि में मार्गी…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

तीसरे भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना जाता। हालांकि कुछ…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

बुध ग्रह आपकी लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके चौथे भाव के भी स्वामी ग्रह होते हैं और…(विस्तार से पढ़ें)

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कर्क राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और बुध कर्क राशि में मार्गी आपके…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

 बुध ग्रह मार्गी हो रहे हैं तो ऐसी स्थिति में बुध ग्रह के नकारात्मक परिणामों का ग्राफ और बढ़ सकता है। इसलिए..(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

साथ ही साथ कर्म स्थान के स्वामी होकर लाभ भाव में मार्गी हो रहे हैं, यहां से भी बुध ग्रह की स्थिति…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

आपकी कुंडली में बुध ग्रह भाग्य भाव का स्वामी ग्रह होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी ग्रह होते हैं और…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

क्योंकि बुध ग्रह के गोचर को भाग्य भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। अतः स्वस्थ और…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि 

आपकी कुंडली में बुध ग्रह सातवें तथा दशम भाव के स्वामी ग्रह हैं। अर्थात व्यापार और दैनिक रोजगार आदि से…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

 बुध ग्रह की गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है, ऊपर से छठे भाव का स्वामी सप्तम भाव में आया है और…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

बुध ग्रह के गोचर को छठे भाव में सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऐसे में…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

बुध ग्रह के मार्गी होने का कोई विशेष अनुकूल परिणाम शायद आपको न मिल पाए लेकिन…(विस्तार से पढ़ें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. बुध कर्क राशि में मार्गी कब होंगे?

बुध कर्क राशि में मार्गी 11 अगस्त 2025 को होंगे।

2. बुध के कारक ग्रह कौन हैं?

बुध ग्रह ज्योतिष में बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, शिक्षा, और व्यापार का कारक माना जाता है।

3. कर्क राशि के जातक कैसे होते हैं?

कर्क राशि के जातक संवेदनशील और भावनात्मक होते हैं और अपने घर और परिवार के आराम के साथ बहुत खुश रहते हैं।