बुध मेष राशि में अस्त होकर इन राशियों पर बरपाएंगे कहर, रखना होगा फूंक-फूंककर कदम!

बुध मेष राशि में अस्त होकर इन राशियों पर बरपाएंगे कहर, रखना होगा फूंक-फूंककर कदम!

बुध मेष राशि में अस्त: बुध महाराज को बुद्धि का कारक ग्रह माना गया है जो द्विस्वभाव ग्रह हैं। काल पुरुष कुंडली में मिथुन और कन्या राशि पर बुध ग्रह को आधिपत्य प्राप्त है। यह कन्या राशि में उच्च और मीन राशि में नीच अवस्था में होते हैं। उत्तर दिशा के स्वामी बुध महाराज के मित्र सूर्य और शुक्र हैं, परंतु यह चंद्रमा और मंगल के प्रति शत्रुता के भाव रखते हैं। हालांकि, देवगुरु बृहस्पति और शनि से बुध के तटस्थ संबंध माने जाते हैं। बुध ग्रह का वर्ण हरा है और इनकी महादशा 17 वर्ष की होती है। बुध के शुभ प्रभाव होने पर व्यक्ति सबसे हंसना, बोलना और मजाक करना पसंद करता है। इस प्रकार, बुध ग्रह को ज्योतिष, सनातन धर्म और मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। 

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

ऐसे में, बुध के गोचर के साथ-साथ इनके अस्त, वक्री, मार्गी और उदित को भी अत्यंत महत्व दिया जाता है। इसी क्रम में, बुध महाराज अब अस्त होने जा रहे हैं जो देश-दुनिया समेत सभी राशियों को प्रभावित करेंगे। एस्ट्रोसेज एआई के इस ख़ास ब्लॉग में आपको “बुध मेष राशि में अस्त” से जुड़ी समस्त जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि, समय आदि। साथ ही, बुध की अस्त अवस्था किन राशियों को देगी शुभ परिणाम और किन्हें रखना होगा फूंक-फूंककर कदम? इस बारे में भी हम बात करेंगे। इसके अलावा, बुध अस्त के दौरान किए जाने वाले सरल एवं अचूक उपायों से भी आपको अवगत करवाएंगे। तो आइए जानते हैं बुध मेष राशि में अस्त के बारे में सब कुछ। 

बुध मेष राशि में अस्त: तिथि एवं समय

बात करें बुध ग्रह के अस्त होने के समय और तिथि की, तो बुध महाराज 18 मई 2025 की रात 12 बजकर 13 मिनट पर मेष राशि में अस्त होने जा रहे हैं। मंगल ग्रह की राशि मेष में रहते हुए बुध अस्त हो जाएंगे और अपनी अस्त अवस्था में ही 23 मई 2025 को वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे। इसके बाद, 06 जून 2025 को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और इसी राशि में 11 जून 2025 को उदित हो जाएंगे। बता दें कि ज्योतिष में अस्त अवस्था को अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि अधिकतर ग्रह अपनी अस्त अवस्था में अशुभ फल देने लगते हैं। चलिए अब हम आगे बढ़ते है और जान लेते हैं अस्त अवस्था के बारे में। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

क्या होता है ग्रह का अस्त होना?

ज्योतिष में ग्रह के अस्त होने को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह एक ऐसी अवधि होती है जब ग्रह अपनी सारी शक्तियां खो देते हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो, जब कोई ग्रह परिक्रमा पथ पर चलते हुए सूर्य के बेहद निकट पहुंच जाता है, तो वह धीरे-धीरे अपनी सारी शक्तियां खोने लगता है और दुर्बल हो जाता है, इसको ही ग्रहों का अस्त होना कहा जाता है। आगे हम बुध अस्त के सामान्य प्रभावों के बारे में भी चर्चा करेंगे, लेकिन उससे पहले हम आपको रूबरू करवाते हैं मेष राशि में बुध अस्त के प्रभावों से। 

मेष राशि में बुध अस्त का प्रभाव 

  • राशि चक्र की पहली राशि मेष पुरुष स्वभाव की राशि है और इस राशि के लोग योजनाबद्ध तरीके से काम करना पसंद करते हैं। मंगल ग्रह की राशि मेष में बुध ग्रह के अस्त होने पर जातक अपने जीवन के लक्ष्यों को पाने की योजना बनाने का काम करते हैं। 
  • मेष राशि में बुध के अस्त होने से इस राशि के जातक अपने सपनों को पूरा करने के प्रति समर्पित रहेंगे। साथ ही, करीबियों और प्रियजनों के प्रति वफादार और ईमानदार रहेंगे। 
  • ज्योतिष में बुध की अस्त अवस्था को कभी भी किसी शुभ या नए काम को शुरू करने के लिए अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना होती है कि बुध अस्त के दौरान आप जो भी नया काम शुरू करेंगे, उसमें आपको उम्मीद के अनुसार परिणाम न मिले, अपितु हानि होने की आशंका होती है। 

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

बुध अस्त होकर कैसे परिणाम देते हैं?

बुध महाराज 18 मई 2025 से मेष राशि में अस्त रहने वाले हैं क्योंकि इस दौरान वह सूर्य के बेहद नज़दीक स्थित होंगे। ऐसे में, बुध देव अस्त होकर अपनी सभी शक्तियां खो देंगे और इसके परिणामस्वरूप, वह अपनी पूरी क्षमता के साथ परिणाम देने में नाकाम रह सकते हैं। बुध की अस्त अवस्था जातकों को सामान्य रूप से किस तरह के परिणाम देती है? आइए जानते हैं। 

  • जब बुध ग्रह किसी राशि में अस्त हो जाते हैं, तो इनके प्रभाव से जातकों की निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। साथ ही, व्यक्ति को कोई भी काम सोच-विचारकर करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 
  • यह अवधि छात्रों के साथ-साथ व्यापार करने वाले जातकों को भी बिज़नेस में अड़चनें और बाधाएं दे सकती हैं जिसके चलते वह अपना सर्वश्रेष्ठ देने में पीछे रह सकते हैं।
  • इसके अलावा, कुछ जातकों को अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है और वह अपने सोच-विचार में डूबे नज़र आ सकते हैं। 

किस डिग्री पर अस्त होते हैं ग्रह?

जैसे कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि बुध ग्रह 18 मई 2025 की दोपहर मेष राशि में अस्त हो जाएंगे। इसी क्रम में, हम आपको अस्त होने का अर्थ और इसका प्रभाव भी बता चुके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कब और कितनी डिग्री पर बुध अस्त होते हैं।  बुध ग्रह के अलावा सभी नौ ग्रह किस डिग्री पर अस्त हो जाते हैं? तो बता दें कि सूर्य से एक निश्चित दूरी पर अलग-अलग ग्रह एक विशेष डिग्री पर अस्त हो जाते हैं जिनके बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे। 

बुध ग्रह: बुध ग्रह सूर्य देव के 5-6 डिग्री के भीतर जाने पर सूर्य के तीव्र प्रभाव के कारण अस्त हो जाते हैं। लेकिन, बुध के वक्री अवस्था में होने पर वह 12 डिग्री के अंदर जाने पर अस्त हो जाते हैं। 

शुक्र ग्रह: प्रेम के कारक शुक्र देव सूर्य ग्रह के 5-6 डिग्री निकट जाने पर अस्त हो जाते हैं और वक्री अवस्था में चलने पर शुक्र 8 डिग्री पर अस्त हो जाएंगे। 

मंगल ग्रह: सेनापति कहे जाने वाले मंगल महाराज सूर्य के दोनों ओर से 7-8 डिग्री निकट जाने पर अस्त हो जाते हैं। 

बृहस्पति ग्रह:  जब गुरु ग्रह दोनों तरफ से सूर्य के करीब 9-10 डिग्री पर चले जाते हैं, तो वह सूर्य के प्रभाव से अस्त हो जाते हैं।

शनि ग्रह: न्याय के देवता शनि महाराज सूर्य ग्रह के 9-10 डिग्री के अंदर जाने पर अस्त हो जाते हैं।।

राहु और केतु: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह का दर्जा प्राप्त है इसलिए ग्रह दोनों ग्रह कभी अस्त नहीं होते हैं। इसके विपरीत, जब राहु और केतु सूर्य के करीब आ जाते हैं, तो वह ग्रहण का कारण बनते हैं।

विद्वान ज्योतिषियों से प्रश्न पूछें और पाएं हर समस्या का समाधान  

बुध ग्रह का धार्मिक महत्व 

ज्योतिष के साथ-साथ बुध ग्रह का अपना धार्मिक महत्व भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हिंदू धर्म में बुध देव को देवता का दर्जा दिया गया है और इन्हें बुधवार का दिन समर्पित है। बुधवार के दिन बुध महाराज की पूजा-अर्चना करना बेहद फलदायी साबित होता है। इस संबंध में मान्यता है कि बुधवार को विधि-विधान से बुध ग्रह की उपासना करने से व्यक्ति को करियर और व्यापार में सफलता की प्राप्ति होती है। साथ ही, इनका संबंध भगवान गणेश से भी माना गया है। 

बुध दोष होने पर घेर सकते हैं ये रोग

बुध ग्रह के महत्व को जानने के बाद आपके लिए यह जानना भी आवश्यक हो जाता है कि जब कुंडली में बुध अशुभ या पीड़ित अवस्था में होते हैं, तो वह आपको स्वास्थ्य समस्याएं देने का काम कर सकते हैं। बुध ग्रह के नकारात्मक प्रभाव की वजह से आपको त्वचा से जुड़े रोग, बहरापन, और नाक से संबंधित बीमारियां अपना शिकार बना सकती हैं। हालांकि, ज्योतिष में ऐसे कुछ उपायों का वर्णन मिलता है जिन्हें अपनाकर आप बुध से होने वाले इन रोगों से स्वयं को बचा सकते हैं। 

बुध दोष से होने वाले रोगों से बचने के उपाय

  • जातक को खाने में हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए। 
  • नियमित रूप से तुलसी के पत्ते का सेवन करें।
  • प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करें।

बुध मेष राशि में अस्त: सरल एवं प्रभावी उपाय 

  • संभव हो, तो बुध ग्रह के दिन बुधवार का व्रत करें।
  • जातक हरे और नीले रंग के कपड़े का दान करें।
  • बुध देव से शुभ परिणाम पाने के लिए पन्ना रत्न धारण करें। लेकिन, किसी अनुभवी और विद्वान ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद ही पन्ना पहनें। 
  • घर या कार्यस्थल में बुध यंत्र की स्थापना करें और उसका रोज़ाना पूजन करें। 
  • आप चाहें तो 4 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
  • बुध देव को बलवान करने के लिए अपने भोजन में हरी सब्जियों और आंवला को शामिल करें।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

बुध मेष राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि के पहले भाव में इस समय बुध गोचर कर रहे हैं और अब वो जल्‍द ही इसी राशि…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

वृषभ राशि के दूसरे और पांचवे भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि इस समय आपके बारहवें भाव…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि के पहले भाव और चौथे भाव के स्‍वामी ग्रह बुध हैं और अब वह इस राशि के…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब इस राशि के दसवें भाव…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि के दूसरे और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं यानी यह आपके लिए धन और लाभ…(विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

कन्‍या राशि के लग्‍न भाव के स्‍वामी यानी बुध और उनके दसवें भाव का स्‍वामी अब उनके…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

तुला राशि के नौवें और बारहवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं और इस समय वह आपके सातवें…(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के आठवें और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं और फिलहाल वह आपके छठे…(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि

धनु राशि के सातवें और आठवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह इस राशि के पांचवे भाव में मौजूद हैं…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि के छठे और नौवें भाव का स्‍वामी बुध ग्रह है। इस समय बुध आपके चौथे भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि के पांचवे और आठवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि इस समय तीसरे भाव में अस्‍त…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

बुध आपके चौथे और सातवें भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आपके दूसरे भाव में अस्‍त होने जा…(विस्तार से पढ़ें)

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मेष राशि में बुध अस्त कब होंगे?

बुध देव 18 मई 2025 को मेष राशि में अस्त हो जाएंगे।

2. मेष राशि का स्वामी कौन हैं?

राशि चक्र की पहली राशि मेष का स्वामी मंगल ग्रह हैं। 

3. बुध किसका प्रतिनिधित्व करते हैं?

बुध ग्रह बुद्धि, वाणी और संचार कौशल के कारक ग्रह हैं।