बुद्ध पूर्णिमा 2025 बौद्ध धर्म का एक प्रमुख त्योहार है और इसे बुद्ध जयंती के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा के शुभ दिन पर गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था और इस तिथि पर ही उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था। भगवान बुद्ध के जीवन में तीन घटनाओं को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है जिनमें से पहला उनका जन्म, दूसरा ज्ञान प्राप्ति और तीसरा मोक्ष प्राप्त होना है। बता दें कि यह सब घटनाएं एक ही दिन अर्थात बुद्ध पूर्णिमा के दिन हुई थीं। ऐसे में, बुद्ध पूर्णिमा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है इसलिए यह दिन बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्व रखता है।

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इसी क्रम में, बौद्ध धर्म में आस्था रखने वालों के लिए बुद्ध पूर्णिमा सबसे पवित्र त्योहार है। यह पर्व भारत के अलावा श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार, थाईलैंड आदि देशों में बहुत श्रद्धाभाव और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना की जाती है। एस्ट्रोसेज एआई के इस ख़ास ब्लॉग में हमारे रीडर्स को “बुद्ध पूर्णिमा 2025” के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, बुद्ध पूर्णिमा कब मनाई जाएगी और क्या रहेगा पूजा का समय? इस दिन का महत्व, पौराणिक कथा और इस तिथि पर बनने वाले शुभ योग से भी आपको अवगत करवाएंगे। तो आइए बिना देर किए शुरू करते हैं और जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा की तिथि और मुहूर्त।
बुद्ध पूर्णिमा 2025: तिथि और पूजा मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है। इसे बुद्ध जयंती, पीपल पूर्णिमा और वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस अवसर पर भगवान गौतम बुद्ध के उपदेशों का भक्त स्मरण करते हैं और जीवन में उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेते हैं। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 12 मई 2025 को मनाई जाएगी जो कि भगवान बुद्ध की 2587वीं जयंती होगी।। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा का पर्व हर साल मई या अप्रैल के महीने में आता है। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा का पूजा मुहूर्त।
बुद्ध पूर्णिमा 2025 तिथि: 12 मई 2025, सोमवार
पूर्णिमा तिथि आरंभ: 11 मई 2025 की रात 08 बजकर 04 मिनट पर,
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 12 मई 2025 की रात 10 बजकर 28 मिनट तक।
नोट: उदयातिथि के अनुसार, साल 2025 में 12 मई, सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।
बुद्ध पूर्णिमा पर बनेंगे दो शुभ योग
साल 2025 में बुद्ध पूर्णिमा को बहुत शुभ योगों में मनाया जाएगा क्योंकि इस तिथि पर ज्योतिष में शुभ माने जाने वाले दो योग निर्मित हो रहे हैं जिसमें पहला वरियान और रवि योग होगा। पूर्णिमा की पूरी रात वरियान योग रहेगा और इसके बाद रवि योग सुबह 05 बजकर 32 मिनट से लेकर 06 बजकर 17 मिनट तक होगा। साथ ही, बुद्ध पूर्णिमा 2025 पर भद्रावास का भी संयोग है। वरियान और रवि योग में भक्तों द्वारा गंगा स्नान करने के बाद विष्णु जी और भगवान बुद्ध की उपासना करने से अमोघ फल की प्राप्ति होगी।
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बुद्ध पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
धार्मिक दृष्टि से बुद्ध पूर्णिमा का विशेष महत्व है और इसे भारत सहित कई बड़े देशों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा पर नेपाल के लुंबिनी में हुआ था और इनका वास्तविक नाम सिद्धार्थ था। बता दें कि बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और मृत्यु का प्रतीक माना जाता है क्योंकि इस तिथि पर भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था और मोक्ष मिला था। बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मात्र एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह तिथि आत्म शुद्धि, करुणा और अहिंसा का अपने जीवन में पालन करने के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है।
हालांकि, बिहार के बोधगया में गौतम बुद्ध का पवित्र तीर्थस्थल है जहां महाबोधि नाम का एक मंदिर स्थित है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए यह मंदिर आस्था का केंद्र है। कहते हैं कि भगवान बुद्ध ने युवावस्था में इस स्थान पर सात साल तक कठोर तप किया था और यहीं उन्हें ज्ञान की प्राप्ति भी हुई थी। ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध श्रीहरि विष्णु के नौवें अवतार हैं इसलिए इन्हें देवता का दर्जा प्राप्त है। वैसे, हर माह की पूर्णिमा पर विष्णु जी की पूजा की जाती है इसलिए बुद्ध पूर्णिमा पर भी भगवान विष्णु की पूजा फलदायी होता है। साथ ही, यह तिथि चंद्र देव की उपासना के लिए भी शुभ होती है।
बुद्ध पूर्णिमा 2025 पर करें धर्मराज का पूजन
भगवान विष्णु, गौतम बुद्ध के अलावा बुद्ध पूर्णिमा पर मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का भी विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख मास की इस पूर्णिमा तिथि पर जूते, जल से भरे कलश, पंखा, छाता, पकवान, सत्तू आदि का दान करना पुण्यदायक होता है। जो जातक बुद्ध पूर्णिमा के दिन इन सभी वस्तुओं का दान करता है, उसको गोदान के समान पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही, भक्त पर धर्मराज की कृपा बनी रहती है और उसे अकाल मृत्यु का भय भी नहीं रहता है।
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बुद्ध पूर्णिमा और भगवान बुद्ध का संबंध
भगवान बुद्ध के जीवन में बुद्ध पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण दिन रहा है क्योंकि उनके जीवन की तीन बड़ी घटनाएं बुद्ध पूर्णिमा पर ही हुई थीं। अब इन तीनों घटनाओं के बारे में हम विस्तार से बात करेंगे।
भगवान बुद्ध का जन्म
आज से तक़रीबन 2500 साल पूर्व वैशाख पूर्णिमा के दिन लुंबिनी नामक स्थान पर शाख्य वंश में एक बालक का जन्म हुआ था जिसका नाम सिद्धार्थ गौतम था। सिद्धार्थ गौतम की माता का नाम महामाया था और पिता का नाम राजा शुद्धोधन था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान बुद्ध के पिता को अपने पुत्र के सन्यास के बारे में ज्ञान था इसलिए उन्होंने इनका विवाह 16 साल की कम आयु में करवा दिया था।
बुद्ध पूर्णिमा पर सिद्धार्थ गौतम बने बुद्ध
सिद्धार्थ गौतम ने 29 साल की कम उम्र में राजपाट और परिवार को त्यागकर सन्यास ले लिया था। सात सालों तक कठोर तप करने के बाद भगवान बुद्ध ने मध्यम मार्ग को चुना। मध्यम मार्ग का पालन करने से सिद्धार्थ गौतम के जीवन में वह दिन आया जब उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वह सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बनें।
बुद्ध पूर्णिमा पर प्राप्त हुआ मोक्ष
ज्ञान की प्राप्ति होने के बाद भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों और संसार को ज्ञान दिया और इसे मध्यम मार्ग के नाम से जाना गया। भगवान बुद्ध ने जिस स्थान पर अपने जीवन का पहला उपदेश दिया था, वह स्थान आज सारनाथ के नाम से जाना जाता है। वर्षों तक संसार को ज्ञान का उपदेश देने के बाद 80 साल की आयु में वैशाख पूर्णिमा के दिन कुशी नगर में भगवान बुद्ध को महानिर्वाण प्राप्त हुआ।
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बुद्ध पूर्णिमा 2025 पर किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठान
- देश-विदेश के बौद्ध मंदिरों में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर विशेष पूजा, उपदेश, ध्यान, दान-पुण्य और भिक्षु संगोष्ठियां आदि धार्मिक कार्य किए जाते हैं।
- इस दिन बौद्ध मंदिरों में दान करना फलदायी साबित होता है इसलिए बुद्ध पूर्णिमा पर गरीब एवं जरूरतमंदों को भोजन एवं वस्त्र दान करने चाहिए।
- दीप प्रज्जवलित करने के बाद भक्त भगवान बुद्ध की शिक्षा का अपने जीवन में पालन करने का संकल्प लेते हैं। साथ ही, ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद पाने के लिए प्रार्थना करते हैं।
- मान्यता है कि बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध के लिए व्रत करने से ज्ञान प्राप्ति होती है। इसके अलावा, इस शुभ तिथि पर पवित्र ग्रंथ का पाठ करना चाहिए।
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बुद्ध पूर्णिमा 2025 पर धन-धान्य एवं सौभाग्य के लिए करे राशि अनुसार इन चीज़ों का दान
मेष राशि: मेष राशि के जातक बुद्ध पूर्णिमा पर जरूरतमंद लोगों को दूध या खीर बांटें।
वृषभ राशि: वृषभ राशि वाले इस दिन छोटे बच्चों को दही और गाय का घी दान करें।
मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातक घर के पास के मंदिर में वृक्ष का पौधा लगाएं।
कर्क राशि: कर्क राशि वालों को इस शुभ अवसर पर जल या पानी से भरा मटका दान करना चाहिए।
सिंह राशि: बुद्ध पूर्णिमा के दिन सिंह राशि के लोग गुड़ का दान करें।
कन्या राशि: कन्या राशि के जातक इस अवसर पर छोटी कन्याओं को पढ़ाई से जुड़ी चीज़ें दान में दें।
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तुला राशि: बुद्ध पूर्णिमा 2025 पर आप दूध, चावल और देशी घी का दान कर सकते हैं।
वृश्चिक राशि: इस शुभ तिथि पर वृश्चिक राशि के जातक लाल मसूर की दाल का दान करें।
धनु राशि: धनु राशि वालों के लिए बुद्ध पूर्णिमा पर पीले कपड़े में बांधकर चने की दाल का दान करना श्रेष्ठ रहेगा।
मकर राशि: बुद्ध पूर्णिमा 2025 पर काले तिल और तेल का दान करें।
कुंभ राशि: कुंभ राशि वाले बुद्धि पूर्णिमा के दिन जूते-चप्पल, काले तिल, नीले रंग के कपड़े और छाता आदि दान करें।
मीन राशि: मीन राशि के जातक बुद्ध पूर्णिमा पर रोगियों को फल और दवाएं दान करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इस साल बुद्ध पूर्णिमा का पर्व 12 मई 2025 को मनाया जाएगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
वैशाख पूर्णिमा 2025 पर विष्णु जी और भगवान बुद्ध की पूजा की जाती है।