एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार पड़ेगा इस बारे में भी बताएंगे। बता दें कि कुछ राशियों को बृहस्पति अस्त से बहुत अधिक लाभ होगा, तो वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कुछ उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।

बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त 09 जून 2025 को होगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस गोचर के बारे में सब विस्तार से।
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बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: समय व तिथि
09 जून 2025 की दोपहर 04 बजकर 12 मिनट के आसपास धन और ज्ञान के कारक ग्रह बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त हो जाएंगे। यह 09-10 जुलाई के आसपास दोपहर लगभग 12 बजकर 18 मिनट तक अस्त रहेंगे।
बृहस्पति ग्रह: विशेष दृष्टि और महत्व
हर ग्रह की एक दृष्टि होती है यानी वह किसी और ग्रह भाव या राशि को अपने प्रभाव में ले सकता है। आमतौर पर हर ग्रह सामने वाले सातवें भाव को देखता है, जैसे यदि कोई ग्रह पहले भाव में बैठा है तो वह सातवें भाव को अपनी दृष्टि से प्रभावित करता है। लेकिन बृहस्पति को खास बनया गया है क्योंकि यह सिर्फ सातवें भाव को ही नहीं बल्कि पांचवें और नौवें भाव को भी देख सकता है। ये तीनों भावों पांचवां, सातवां और नौवां भाव जीवन के लिए बहुत ही शुभ माने जाते हैं।
यदि बृहस्पति किसी की कुंडली में पांचवें भाव में स्थित है, तो वह पहले भाव, नौवें भाव और ग्यारहवें भाव को अपनी दृष्टि से देखता है। इसे त्रिकोण दृष्टि कहा जाता है, जो जीवन में अच्छे फल देने वाली मानी जाती है। इस तरह की स्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत सौभाग्यशाली होती है। इससे जातक को न सिर्फ भौतिक सुख-सुविधाएं मिलती हैं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के भी योग बनते हैं।
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बृहस्पति ग्रह की विशेषताएं
- बृहस्पति को प्राकृतिक कुंडली में भाग्य स्थान यानी नौवें भाव के स्वामी माना गया है। इसलिए यह इंसान की किस्मत और सौभाग्य का संकेतक होता है।
- 9वां भाव धर्म, नियम और सच्चाई का भाव होता है। बृहस्पति भी इन्हीं चीजों का प्रतिनिधित्व करता है। यह इंसान को अच्छा, नैतिक और न्यायप्रिय बनाता है।
- बृहस्पति सोना, धन और वित्तीय मामलों का भी प्रतिनिधित्व करता है। इसकी स्थिति अच्छी हो तो व्यक्ति को आर्थिक रूप से मजबूत बनाता है।
- किसी महिला की कुंडली में बृहस्पति पति का भी संकेतक होता है। इसकी स्थिति देखकर वैवाहिक जीवन का आकलन किया जाता है।
- यह ग्रह संतान से जुड़ी बातों का भी संकेत देता है। यदि कुंडली में बृहस्पति शुभ हो, तो संतान सुख में वृद्धि होती है।
- जब हम प्रश्न कुंडली बनाते हैं, तो उपरोक्त कारक यदि शासक ग्रहों में दिखाई देते हैं, तो आसानी से सकारात्मक उत्तर निर्धारित करने में मदद करते हैं।
- शरीर के अंदर बृहस्पति का संबंध लीवर, धमनियों, सुनने की शक्ति, पेट का निचला भाग, कूल्हे, रक्तचाप, खून का प्रवाह और शरीर की चर्बी से होता है।
बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में अस्त होंगे। बृहस्पति तीसरे भाव से आपके सातवें, नौवें, ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डालेंगे। तीसरे भाव में बृहस्पति आमतौर पर सकारात्मक परिणाम देने वाले नहीं माने जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में बृहस्पति कमजोर या विपरीत परिणाम प्रदान कर सकते हैं। इस समय आपको कोई बड़ा नुकसान तो नहीं होगा, लेकिन बहुत ज्यादा फायदा की भी उम्मीद नहीं नज़र आ रही है। फालतू की यात्राओं में कमी आ सकती है और समय का बेहतर उपयोग होगा।
साथ ही, भाई-बहनों और आस-पड़ोस के लोगों से संबंध बेहतर करने की कोशिशें कारगर साबित होंगी। सरकारी कामों में भी कुछ राहत या सकारात्मक नतीजे मिलेंगे। हालांकि, आपको कभी-कभी ऐसा लग सकता है कि किस्मत साथ नहीं दे रही है, लेकिन अगर आप लगातार मेहनत करेंगे तो धीरे-धीरे परिणाम आपके पक्ष में होंगे।
कर्क राशि
बृहस्पति आपके छठे और धन भाव के स्वामी हैं और यह आपके बारहवें भाव में गोचर करेंगे। अस्त होने के बाद भी बृहस्पति आपको कुछ स्थितियों में अनुकूलता प्रदान कर सकते हैं, भले ही बारहवें भाव में उनका गोचर अच्छा न माना जाए। इस समय आपके खर्चों में जो तेजी आई थी, उसमें अब थोड़ी राहत मिल सकती है यानी खर्चे कम होंगे। यदि कोई काम लगातार नुकसान दे रहा था तो अब उसमें सुधार की उम्मीद है। सेहत से जुड़ी कोई समस्या चल रही थी तो उसमें भी सुधार संभव है। यदि आप पर कोई झूठा आरोप लगा था, तो उससे भी अब आप बाहर आ सकते हैं।
हालांकि कभी-कभी ऐसा लग सकता है कि किस्मत पूरी तरह साथ नहीं दे रही है। साथ ही, अगर आप किसी लोन या उधारी की प्रक्रिया में लगे हैं, तो उसमें थोड़ी देरी या अड़चनें आ सकती है। लेकिन धीरे-धीरे स्थिति बेहतर होती जाएगी।
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वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बृहस्पति वर्तमान में मिथुन राशि में आपके आठवें भाव में गोचर करेंगे और यह आपके दूसरे व पांचवें भाव के स्वामी हैं। आठवां भाव गोचर के लिहाज से शुभ नहीं माना जाता, लेकिन बृहस्पति की अस्त स्थिति कुछ नकारात्मकताओं को कम कर सकती है। इस दौरान, यदि आपकी सेहत को लेकर कोई परेशानी थी, तो उसमें सुधार देखने को मिल सकता है। कामकाज से जुड़ी अड़चनें भी कम हो सकती हैं।
अगर आप किसी सरकारी प्रक्रिया या पेचीदगी से जूझ रहे थे, तो अब उसमें भी सहूलियत मिल सकती है। अटका हुआ धन भी वापस मिलने की संभावना है। बच्चों से जुड़ी कोई समस्या चल रही थी, तो उसमें सुधार हो सकता है। हालांकि, इस समय पैसे को लेकर सतर्कता बरतनी जरूरी है, खर्च या निवेश सोच-समझकर करें। परिवार और रिश्तों को लेकर थोड़ा संभलकर चलना होगा, चाहे वह प्रेम संबंध हों या बच्चों से जुड़ी जिम्मेदारियां। छात्रों को भी इस समय मेहनत जारी रखनी होगी। अगर आप इन बातों का ध्यान रखें, तो बृहस्पति की यह स्थिति आपके लिए जीवन में कुछ सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
मकर राशि
बृहस्पति इस समय आपकी कुंडली के छठे भाव में अस्त होंगे। बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। आमतौर पर छठे भाव में बृहस्पति का गोचर शुभ नहीं माना जाता, लेकिन उसकी अस्त अवस्था इस समय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इस दौरान अगर आपको सरकारी काम में कोई अड़चन आ रही थी, तो वह दूर हो सकती है। बच्चों से जुड़ी समस्याएं भी हल होने की संभावना है। आपकी सेहत में सुधार हो सकता है और पुराने रोग या थकावट की स्थिति में राहत मिलेगी। विवादों या झगड़ों की संभावना भी कम होगी।
हालांकि, चूंकि बृहस्पति तीसरे भाव के स्वामी भी है और अब अस्त हो रहा है, तो इसका असर आपके आत्मविश्वास पर थोड़ा पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप खुद पर भरोसा बनाए रखें। यदि आप आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते हैं, तो लंबी दूरी की यात्रा में भी लाभ मिलेगा। कुल मिलाकर गोचर आपको सीधे नुकसान नहीं देगा, बल्कि यदि आप सतर्क रहकर काम करते हैं, तो पुराने अटके हुए काम भी सुधर सकते हैं और कुछ सकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं।
बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आपके आठवें और लाभ भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव अस्त होंगे। क्योंकि दूसरे भाव में बृहस्पति का अस्त होना अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। इसलिए बृहस्पति का अस्त होना आपके लिए थोड़ा कमजोर परिणाम देने वाला माना जाएगा।
इस अवधि में आपकी आय के स्रोत थोड़ा कमजोर हो सकते हैं। यानी कमाई में कोई बड़ी गिरावट नहीं होगी, लेकिन आय में स्थिरता थोड़ी डगमगा सकती है। पारिवारिक मामलों में भी ज्यादा सहयोग नहीं मिलेगा और कुछ पुरानी पारिवारिक उलझनें दोबारा सामने आ सकती हैं। वित्तीय मामलों में आपको अब ज्यादा सावधानी बरतनी होगी, खासकर निवेश को लेकर। इस समय कोई बड़ी हानि नहीं दिख रही, लेकिन बृहस्पति की सकारात्मक ऊर्जा थोड़ी कमजोर हो सकती है, जिससे कार्यों में उत्साह या सफलता की तीव्रता घट सकती है।
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मिथुन राशि
बृहस्पति आपके सातवें और कर्म भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति अस्त आपके पहले भाव में होगा। बृहस्पति जैसे शुभ ग्रह का आपके लग्न भाव में अस्त होने से उनका असर थोड़ा धीमा हो सकता है। इस समय रोजमर्रा के कामकाज में थोड़ी धीमापन आ सकता है। यदि विवाह या रिश्तों की बात चल रही थी तो उसमें थोड़ी देरी संभव है। दांपत्य जीवन में पहले जैसी ऊर्जा या उत्साह में कमी महसूस हो सकती है। इसका मतलब यह नहीं कि कोई बड़ा संकट आएगा, लेकिन चीज़ें पहले की तरह सहज नहीं रहेंगी।
कामकाज के मामले में भी प्रगति की गति थोड़ी मंद हो सकती है, खासकर इसलिए क्योंकि शनि भी इस समय कर्म भाव में गोचर कर रहा है, जो पहले से ही काम को धीमा करता है। ऊपर से कर्म भाव के स्वामी बृहस्पति का अस्त होना, इस मंदी को ओर बढ़ा सकता है।
बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: उपाय
- अपने बड़ों, गुरुओं और सलाहकारों का सम्मान करें और उनकी सेवा करें।
- ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
- गुरुवार को व्रत रखें और गायों को चने की दाल और गुड़ खिलाएं
- किसी पशु आश्रय में जाएं और किसी न किसी तरह से जरूरतमंद गायों की सेवा करें।
- हर गुरुवार को मछलियों को चारा खिलाएं।
- काम पर जाने से पहले हर रोज़ केसर का तिलक लगाएं।
- हर गुरुवार को विष्णु मंदिर जाएं।
- भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और अपने जन्म कुंडली के बृहस्पति को मज़बूत करने के लिए हर रोज़ गरीब बच्चों और बुजुर्गों को पीली मिठाई दान करें।
- भगवान विष्णु के लिए हवन करने के बाद मंदिर के पुजारी को केले दान करें और उन्हें पीले कपड़े भेंट करें।
बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: विश्वव्यापी प्रभाव
बैंकिंग क्षेत्र, वित्त और अर्थव्यवस्था
- स्वतंत्र भारत की कुंडली के अनुसार, बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त दूसरे भाव में होगा और इससे भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचने की संभावना है। बृहस्पति भारत की कुंडली में ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। इसके दूसरे भाव में अस्त होने से देश की आमदनी, वित्तीय स्थिरता और निवेश प्रणाली में कुछ अस्थिरता देखने को मिल सकती है क्योंकि इसकी छठे भाव, आठवें भाव और दसवें भाव पर दृष्टि पड़ रही है।
- भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को भी नुकसान हो सकता है और इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। इस दौरान अर्थव्यवस्था के बोझ को महसूस किया जा सकता है। लेकिन जुलाई के आसपास बृहस्पति के अस्त होने के बाद यह फिर से अपनी स्थिति पर नियंत्रण पा लेगा।
- खासकर नए स्टार्टअप्स जो अभी अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं, उन्हें फंडिंग की कमी या कैश क्रंच जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि यह प्रभाव अस्थायी होगा। जैसे ही बृहस्पति जुलाई के आसपास पुन: उदित होंगे, स्थिति में सुधार आने लगेगा। तब तक आर्थिक क्षेत्र से जुड़े लोगों और स्टार्टअप्स को सावधानी से योजनाएं बनानी चाहिए, खर्चों पर नियंत्रण रखना चाहिए और बड़े फैसले कुछ समय के लिए टालना चाहिए।
कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर
प्राकृतिक आपदाएं और मौसम की स्थिति
- दुनिया में इस समय कुछ प्राकृतिक आपदाएं और मौसम में अचानक बदलाव देखने को मिल सकता है।
- कहीं भारी बारिश, तो कहीं सूखा जैसी स्थिति बन सकती है। यह अनिश्चितता खासतौर पर पूर्वोत्तर भारत पूर्वोत्तर एशियाई देशों में ज्यादा महसूस की जाएगी।
- बृहस्पति के अस्त होने के कारण कृषि और खाद्य उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। किसानों को फसल से जुड़ी समस्याएं आ सकती हैं।
- इस गोचर के दौरान कुछ हिस्सों में भूकंप, सुनामी या अन्य प्राकृतिक आपदाएं आने की संभावना बनी रहती है, जिससे मनुष्यों और जानवरों की जिंदगी पर असर हो सकता है।
- इसके साथ ही, खासकर पश्चिमी देशों में खाद्य संकट यानी खाने-पीने की चीजों की कमी भी महसूस हो सकती है, जिससे वहां रहने वालों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो सकती है।
बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: शेयर बाजार रिपोर्ट
शेयर बाजार की बात करें, तो बृहस्पति एक महत्वपूर्ण ग्रह है क्योंकि यह धन के कारक हैं। 09 जून 2025 को बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त होंगे, ऐसे में शेयर बाजार पर बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा। हालांकि, इस बार शेयर बाजार पर इसका प्रभाव उतना नकारात्मक नहीं रहेगा और इसका कारण है बुध और शुक्र की मजबूत स्थिति।
- शेयर बाजार की भविष्यवाणी के अनुसार, जून की शुरुआत में शुक्र और बुध का शेयर बाजार पर तेजी से असर होगा। रिलायंस, मारुति, जियो, सिप्ला, बजाज फाइनेंस, जुबिलेंट फूडवर्क्स, टाटा मोटर्स, कैडबरी, ट्राइडेंट, टाइटन, हीरो मोटोकॉर्प, आईटीसी, विप्रो, ओरिएंट, ओमेक्स, हैवेल्स, जिलेट और आर्केड फार्मा के शेयरों तेज़ी से वृद्धि देखने को मिलेगी।
- तीसरे हफ्ते में संक्रांति का प्रभाव बाजार पर हल्का उतार-चढ़ाव लाएगा। पहले थोड़ी गिरावट हो सकती है लेकिन उसके बाद फिर से सुधार होगा।
- यदि आप निवेश के लिए सोच रहे हैं, तो यह सबसे अनुकूल समय है। अदानी, टाटा, विप्रो, मारुति, कोलगेट, एचडीएफसी, इमामी, कोटक महिंद्रा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, रत्नाकर बैंक, यस बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में निवेश करने के लिए यह बेहतरीन समय है। शुक्र के प्रभाव से महीने के अंत में बाजार में सकारात्मक उछाल देखने को मिलेगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मिथुन राशि।
मिथुन राशि।
मीन राशि और यह इसकी उच्च राशि है।