अच्छी-बुरी यादों के साथ लोगों ने आखिरकार साल 2023 को अलविदा कहने की तैयारी कर ली है और नई उम्मीदों
लेखक: रुचि शर्मा
कौन सी जा है जहां जल्वा-ए-माशूक़ नहीं शौक़-ए-दीदार अगर है तो नज़र पैदा कर’ मशहूर शायर अमीर मीनाई की लिखी यह पंक्ति रुचि शर्मा पर एकदम सटीक बैठती है...और पढ़ें