शुक्र का कर्क राशि में गोचर, इन राशियों की पलट देंगे तकदीर, होगा भाग्योदय!

शुक्र का कर्क राशि में गोचर, इन राशियों की पलट देंगे तकदीर, होगा भाग्योदय!

शुक्र का कर्क राशि में गोचर: ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को प्रेम, विलासिता, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है। ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मज़बूत होती है, उन्हें अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होती है।

ऐसे में, हम समझ सकते हैं कि हमारे जीवन में शुक्र का महत्व कितना अधिक है। जब शुक्र ग्रह अपनी चाल, दशा और राशि में परिवर्तन करते हैं, तो इसका प्रभाव संसार, 12 राशियों के साथ-साथ आपके जीवन पर भी पड़ता है। अब यह जल्द ही अपना राशि परिवर्तन करते हुए कर्क राशि में जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज एआई का यह लेख आपको “शुक्र का कर्क राशि में गोचर” के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि और समय आदि। 

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हम इस ब्लॉग में शुक्र गोचर के बारे में विस्तार से बात करेंगे और जानेंगे कि यह राशि परिवर्तन सभी 12 राशियों पर किस तरह से अपना असर डालेगा। जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि कुंडली में शुक्र देव के बलवान होने पर जातक को जीवन में हर वह सुख मिलता है जिसकी वह अभिलाषा करता है। साथ ही, शुक्र की शुभता के प्रभाव से प्रेम और वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहती है। लेकिन, शुक्र देव के कमज़ोर होने पर व्यक्ति का जीवन समस्याओं से भर जाता है। ऐसे में, आप किन उपायों को अपनाकर शुक्र देव को प्रसन्न कर सकते हैं? शुक्र ग्रह कैसे करेंगे आपके प्रेम जीवन को प्रभावित? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस लेख में प्राप्त होंगे। तो आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं सबसे पहले शुक्र गोचर का समय। 

शुक्र का कर्क राशि में गोचर: तिथि और समय 

धन, प्रेम, वैभव, ऐश्वर्य और आकर्षण के ग्रह माने जाने वाले शुक्र देव का गोचर हर महीने यानी कि 30 दिनों में होता है। इसी क्रम में, शुक्र महाराज अब 21 अगस्त 2025 की रात 01 बजकर 08 मिनट पर कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव हैं जिन्हें शुक्र ग्रह अपना शत्रु मानते हैं। ऐसे में, हम कह सकते हैं कि शुक्र का यह गोचर अपने शत्रु की राशि में होने जा रहा है, जिसका शुभ-अशुभ प्रभाव राशियों पर नज़र आ सकता है। हालांकि, हम नीचे बात करेंगे बुध और शुक्र की युति से बनने वाले योग की।

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शुक्र का कर्क राशि में गोचर: बनेगा लक्ष्मी नारायण योग 

प्रेम के ग्रह शुक्र 21 अगस्त 2025 को चंद्र देव की राशि कर्क में प्रवेश कर जाएंगे, उस समय वहां पहले से बुद्धि और वाणी के ग्रह बुध देव विराजमान होंगे। ऐसे में, शुक्र और बुध दोनों ग्रह कर्क राशि में युति का निर्माण करेंगे। इन दोनों ग्रहों के एक साथ बैठे होने से कर्क राशि में लक्ष्मीनारायण योग का निर्माण होगा। हालांकि, यह योग केवल 09 दिनों तक रहेगा और इसके बाद बुध दूसरी राशि में चले जाएंगे। 

शुक्र और बुध से निर्मित होने वाला लक्ष्मी नारायण योग जातकों की आर्थिक स्थिति को मज़बूत करने का काम करेगा। साथ ही, इसके प्रभाव से आपकी बुद्धि तेज़ होगी और लोगों के प्रति आपके मन में दया का भाव आएगा। आप दूसरों की भावनाओं को समझेंगे। इसके अलावा, लक्ष्मीनारायण योग आपको अचानक से धन लाभ करवा सकता है और आपकी मुलाकात किसी ख़ास से हो सकती है। अब हम नज़र डालेंगे कर्क राशि में शुक्र के प्रभावों पर। 

कर्क राशि में शुक्र का प्रभाव 

  • जिन जातकों की कुंडली में शुक्र देव कर्क राशि में मौजूद होते हैं, उनके रिश्ते अपने जीवनसाथी, परिवार और करीबियों के साथ बहुत मज़बूत और गहरे होते हैं। 
  • यह लोग अपने पार्टनर के प्रति बेहद सुरक्षात्मक और वफादार होते हैं। अक्सर ये ऐसे लोगों की तरफ झुकते हैं जो परिवार और रिश्तों को समझने में सक्षम होते हैं।
  • कर्क राशि में शुक्र के तहत जन्मे जातक बहुत रचनात्मक और संवेदनशील होते हैं जो करियर में उत्कृष्टता प्रदान करते हैं।
  • ऐसे लोग नर्सिंग, काउंसलिंग और शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाते हैं और इसमें इन्हें सफलता की प्राप्ति होती है। 
  • शुक्र की कर्क राशि में मौजूदगी इस बात की तरफ संकेत करती है कि व्यक्ति बहुत भावुक होगा इसलिए वह अपने रिश्तों को आसानी से संभालने में कामयाब रहेगा। 
  • जो जातक रचनात्मक कार्यों से जुड़े होते हैं, उसमें उन्हें सफलता मिलने की संभावना अधिक होती है।
  • बता दें कि शुक्र देव का कर्क राशि में गोचर हर इंसान के जीवन को अत्यंत प्रभावित करता है। इस बात की प्रबल संभावना है कि इस अवधि में आप बेहद भावुक हो सकते हैं। साथ ही, यह समय स्वयं की देखभाल करने के साथ अपने रिश्तों को मज़बूत करने के लिए श्रेष्ठ रहेगा। 

चलिए हम जानते हैं शुक्र की महादशा कैसे परिणाम देती है। 

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शुक्र महादशा का जीवन पर प्रभाव

सौंदर्य और भौतिक सुखों के ग्रह शुक्र की महादशा 20 वर्षों तक चलती है। ऐसे में, शुक्र महादशा के दौरान जातक को अच्छे या बुरे किस तरह के परिणाम मिलेंगे? यह पूरी तरह से कुंडली में शुक्र की स्थिति पर निर्भर करता है। आइए जानते हैं शुक्र महादशा कैसे फल प्रदान करती है।

शुक्र शुभ होने पर महादशा का प्रभाव 

  • कुंडली में किसी व्यक्ति पर जब शुक्र की महादशा चल रही होती है और शुक्र मज़बूत स्थिति में होता है, तो जातक को जीवन में सभी तरह के भौतिक सुख, धन, वैभव और आकर्षक व्यक्तित्व की प्राप्ति होती है। 
  • ऐसे जातक को कभी भी जीवन में धन का अभाव नहीं होता है और उसे हर सुख की प्राप्ति होती है। 
  • जब शुक्र की महादशा चलती है और यह शुभ स्थिति में होते हैं, तो इनके प्रभाव से वैवाहिक जीवन सुख-शांति और खुशियों से भरा रहता है। 
  • प्रेम जीवन में भी जीवनसाथी के साथ रिश्तों में मधुरता बनी रहती है और व्यक्ति रिश्ते का आनंद लेता हुआ दिखाई देता है।       

शुक्र अशुभ होने पर महादशा का प्रभाव 

  • शुक्र ग्रह की महादशा लगातार 20 वर्षों तक चलती है। ऐसा माना जाता है कि हर इंसान के जीवन में शुक्र महादशा एक बार जरूर आती है।
  • जिन जातकों पर शुक्र की महादशा चल रही होती है और उनकी कुंडली में शुक्र दुर्बल होते हैं, तो जातक को आर्थिक संकट के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • जब कुंडली में शुक्र दुर्बल होता है और शुक्र महादशा चल रही होती है, तब व्यक्ति को अनेक प्रयासों के बाद भी भौतिक सुख प्राप्त नहीं होते हैं।
  • ऐसी स्थिति में शुक्र महादशा के दौरान आपको गुप्त और किडनी से जुड़े रोग घेर सकते हैं। 

अब हम आपको अवगत करवाते हैं शुक्र शुभ होने पर आप इसकी पहचान कैसे कर सकते हैं। 

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

शुक्र का कर्क राशि में गोचर: मज़बूत शुक्र का प्रभाव

  • ऐसे जातक जिनकी कुंडली में शुक्र बलवान होते हैं, वह बेहद आत्मविश्वासी होते हैं। साथ ही, लोगों के बीच प्रसिद्ध होते हैं।
  • शुक्र के सकारात्मक होने पर यानी कि मज़बूत होने पर जातक बहुत सुन्दर और आकर्षक व्यक्तित्व का होता है। 
  • अगर आपके भौतिक सुखों में अचानक से वृद्धि होने लगती है, तो यह शुभ शुक्र का संकेत होता है। 
  • कुंडली में शुक्र देव का शुभ प्रभाव होने पर व्यक्ति की छवि समाज में मज़बूत होती है और  मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है। 
  • ऐसे जातक कला और मनोरंजन के क्षेत्र से संबंधित होने पर अपने करियर में अपार सफलता हासिल करता है। 
  • आपकी सुख-सुविधाओं का बढ़ना भी मज़बूत शुक्र को दर्शाता है। 
  • यदि आपको हर कार्य में एक के बाद एक सफलता मिलने लगे, तो यह बलवान शुक्र का संकेत होता है। 

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शुक्र का कर्क राशि में गोचर: कमज़ोर शुक्र का प्रभाव 

  • कुंडली में शुक्र देव की स्थिति दुर्बल होने पर आपका वैवाहिक जीवन समस्याओं से भर जाता है। 
  • शुक्र की कमज़ोर अवस्था की वजह से आपको संतान सुख प्राप्त करने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। 
  • ऐसे जातक को अशुभ शुक्र के प्रभाव से रोगों और स्वास्थ्य परेशानियों से जूझना पड़ता है।
  • जिन जातकों की कुंडली में शुक्र पीड़ित होता है, उनके जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं का अभाव रहता है।
  • शुक्र के नकारात्मक प्रभाव की वजह से व्यक्ति का झुकाव धर्म-कर्म में होने लगता है और विलासिता से उसका मोह भंग हो जाता है। 

शुक्र देव की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय

  • कमज़ोर शुक्र होने पर जातकों को हीरा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है, लेकिन ऐसा करने से पूर्व किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें। 
  • संभव हो, तो शुक्रवार के दिन व्रत रखें क्योंकि यह शुक्र देव का दिन होता है। साथ ही, इस दिन सफेद वस्तुओं जैसे चीनी, दही आदि का दान करें। 
  • शुक्र देव के मंत्र “शुं शुक्राय नम:” और “शुं शुक्राय नम:” का 108 बार जाप करें।
  • सुबह की पहली रोटी नियमित रूप से गाय को खिलाएं।
  • शुक्र देव की कृपा पाने के लिए सफ़ेद रंग के कपड़े ज्यादा से ज्यादा धारण करें। 
  • कुंडली में शुक्र ग्रह को बलवान करने के लिए घर में शुक्र यंत्र स्थापित करें और प्रतिदिन उसका पूजन करें।
  • शुक्र देव को बलवान करने के लिए शुक्रवार को शरीर पर चन्दन का लेप लगाएं। 

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शुक्र का कर्क राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे और सातवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

शुक्र आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके… (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

शुक्र आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के स्वामी… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के … (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी… (विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

शुक्र आपकी कुंडली में आपकी लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें… (विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

शुक्र आपकी कुंडली में सातवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी… (विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

शुक्र आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के भी  … (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

शुक्र आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव … (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें … (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

शुक्र का कर्क राशि में गोचर कब होगा?

प्रेम के ग्रह शुक्र 21 अगस्त 2025 को कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं। 

शुक्र कौन हैं?

ज्योतिष में शुक्र ग्रह प्रेम और वैवाहिक जीवन के ग्रह हैं जबकि हिंदू धर्म में यह असुरों के देवता माने गए हैं।

क्या शुक्र और चंद्रमा मित्र हैं?

नहीं, शुक्र ग्रह चंद्रमा के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं।