सिंह संक्रांति 2025: सूर्य ग्रह लगभग हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। सूर्य के गोचर या संचरण को संक्रांति के नाम से जाना जाता है और जब सूर्य देव सिंह राशि में प्रवेश करते हैं, तब इस संचरण को सिंह संक्रांति कहते हैं।

संक्रांति शब्द संस्कृत भाषा के संक्रमण शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ होता है गति या परिवर्तन। यह सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने का प्रतीक है। सूर्य के सिंह राशि में गोचर करने को सिंह संक्रांति के रूप में मनाया जाता है।
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सिंह संक्रांति दक्षिण भारत का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन से सिंह मास की भी शुरुआत होती है जो कि भारतीयों द्वारा उपयोग किए जाने वाले विभिन्न सौर कैलेंडरों का एक हिस्सा है। मलयाली कैलेंडर के अनुसार इस दिन से चिंगा मास की शुरुआत होती है, तमिल कैलेंडर में अवनी मास की और बंगाली कैलेंडर में भाद्र के महीने का आरंभ होता है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कर्क राशि में उपस्थित है या जिनकी सूर्य की दशा चल रही है, उन्हें सिंह संक्रांति पर सूर्य पूजा करवानी चाहिए। इस पूजा के दौरान भगवान विष्णु के विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। आगे जानिए कि इस बार सिंह संक्रांति 2025 कब पड़ रही है।
सिंह संक्रांति 2025 कब है
साल 2025 में 17 अगस्त, रविवार को सिंह संक्रांति मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में संक्रांति के समय को बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदी या तालाब में स्नान किया जाता है और गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों को दान दिया जाता है। इसे आप वैदिक त्योहार कह सकते हैं। इस पर्व का संबंध प्रकृति, मौसम और कृषि से होता है।

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वैदिक ज्योतिष के अनुसार संक्रांति क्या है?
वैदिक ज्योतिष में संक्रांति का अर्थ होता है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में संचरण करना। चूंकि, सूर्य एक ही राशि में लगभग 30.4 दिनों तक रहते हैं इसलिए यह महीने में एक बार राशि परिवर्तन जरूर करते हैं। सूर्य को ग्रहों के राजा की उपाधि दी गई है और उनके गोचर करने का प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है इसलिए सूर्य का गोचर अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
12 संक्रांति हैं:
- मेष संक्रांति
- वृषभ संक्रांति
- मिथुन संक्रांति
- कर्क संक्रांति
- सिंह संक्रांति
- कन्या संक्रांति
- तुला संक्रांति
- वृश्चिक संक्रांति
- धनु संक्रांति
- मकर संक्रांति
- कुंभ संक्रांति
- मीन संक्रांति
सिंह संक्रांति 2025 पर सूर्य पूजा
सिंह संक्रांति के दिन सूर्य भगवान की विशेष पूजा करने का विधान है। इस अवसर पर भक्तगण सूर्य भगवान, विष्णु जी और नरसिम्हा भगवान की उपासना करते हैं।
सिंह संक्रांति 2025 का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार चंद्र राजवंश के शासनकाल के दौरान सिंह संक्रांति के दिन महल के अंदर कारीगर अपनी बनाई हुई चीजों का प्रदर्शन किया करते थे। राजा इन कारीगरों की मेहनत और कला के लिए उन्हें प्रमाण पत्र दिया करते थे। राजवंश के अन्य पुरुष और महिलाएं भी इस उत्सव में हिस्सा लेते थे और राजपरिवार के सदस्यों को फल एवं फूल उपहार में दिया करते थे। राज परिवार के लोगों को फल और फूल भेंट में देने की इस परंपरा को ओलाग संस्कार कहा जाता था।
सिंह संक्रांति 2025 के दिन पूरे कुमाऊं क्षेत्र में कुलथी की रोटी पर मक्खन और घी लगाकर खाया जाता था। सिंह संक्रांति पर घी के अधिक उपयोग एवं सेवन के कारण उत्तराखंड के कुमाॐ में बागेश्वर क्षेत्र में इसे घृत संक्रांति का नाम दिया गया है।
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सिंह संक्रांति 2025 पर क्या होता है
- इस दिन सूर्य देव, भगवान विष्णु और भगवान नरसिंह स्वामी की पूजा की जाती है।
- इस शुभ दिन पर मैंगलोर शहर के पास कुलई के विष्णुमूर्ति में बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने जाते हैं।
- सिंह संक्रांति के दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए अप्पा पूजा की जाती है।
सिंह संक्रांति 2025 की पूजन विधि
- इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें। संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत महत्व है। यदि ऐसा संभव न हो, तो आप घर पर ही अपने नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं।
- अब एक तांबे का लोटा लें और उसमें जल भरने के बाद उसके अंदर लाल चंदन और लाल रंग के पुष्प डालें। पूर्व की ओर मुख कर के सूर्य मंत्र का जाप करते हुए धीरे-धीरे सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस दिन नारियल का पानी और दूध भी अर्पित किया जाता है।
- सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए सूर्य चालीसा और आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करें।
- घी का दीपक एवं कपूर जलाकर सूर्य देव की आरती करें।
- सूर्य देव से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर के आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि दें एवं आपके आत्मविश्वास में वृद्धि करें।
सिंह संक्रांति 2025 पर क्या करते हैं
- सिंह संक्रांति के अवसर पर नारियल अभिषेक किया जाता है।
- भगवान विष्णुमूर्ति की हूविना पूजा एक महीने तक चलती है और सूर्य के कन्या राशि में प्रवेश करने पर इसका समापन होता है।
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सिंह संक्रांति 2025 पर करें मंत्र जाप
सिंह संक्रांति पर सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए आप निम्न मंत्रों का जाप कर सकते हैं:
- ॐ सूर्याय नम:।।
- ॐ भास्कराय नम:।।
- ॐ घृणि सूर्याय नम:।।
सिंह संक्रांति 2025 पर किए जाने वाले शुभ कार्य
- सिंह संक्रांति पर प्रदोष व्रत करने से सुख-समृद्धि, शांति, उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
- प्रदोष व्रत का संबंध सूर्य नारायण से है और चंद्रमा के साथ-साथ सूर्य का भी मानव जीवन पर गहरा प्रभाव होता है।
- जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर है, उन्हें सिंह संक्रांति पर व्रत रखने से सूर्य से संबंधित क्षेत्रों में आ रही सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।
- जो व्यक्ति प्रदोष व्रत रखता है, उसकी सारी परेशानियां खत्म हो जाती हैं।
सिंह संक्रांति 2025 पर पुण्य काल
- प्रदोष व्रत की पूजा के लिए शाम के समय को उपयुक्त माना जाता है।
- पंचांग के अनुसार सिंह संक्रांति पर शाम के समय शिव मंदिर में जाकर प्रदोष मंत्र का जाप करना चाहिए।
- भोलेनाथ की बेलपत्र, अक्षत, दीपक, धूप और गंगाजल से पूजा करनी चाहिए।
- प्रदोष व्रत में अन्न का सेवन नहीं किया जाता है। पूरा दिन व्रत रखने के बाद सूर्यास्त से पहले स्नान कर के सफेद रंग के वस्त्र धारण किए जाते हैं।
- अब घर के पूजन स्थल को गंगाजल से साफ और शुद्ध किया जाता है।
- इसके बाद गाय के गोबर से मंडप तैयार किया जाता है।
- 5 अलग-अलग रंगों से मंडप के अंदर रंगोली बनाई जाती है।
- पूजा की सारी तैयारियां करने के बाद भगवान शिव की उपासना की जाती है और ॐ नम: शिवाय का जाप किया जाता है।
- मंत्र जाप करते समय भगवान शिव को जल अर्पित किया जाता है।
सिंह संक्रांति 2025 के लिए ज्योतिषीय उपाय
- सिंह संक्रांति पर प्रात: काल सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस उपाय को आप रोज़ कर सकते हैं।
- सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए अपने पिता या पिता समान व्यक्ति के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करें।
- कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए माणिक्य रत्न पहन सकते हैं।
- यदि आप चिंता या अवसाद से ग्रस्त हैं, तो रोज़ सुबह सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार करें। इससे मानसिक शांति मिलती है।
- सुबह पिता के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें। इससे सूर्य मजबूत होता है।
- नियमित रूप से 108 बार सूर्य मंत्र का जाप करें। आप दिन में एक बार आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर के भी सूर्य देव को प्रसन्न कर सकते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. 17 अगस्त, 2025 को।
उत्तर. सिंह राशि में।
उत्तर. इस राशि के स्वामी सूर्य देव ही हैं।