नाग पंचमी सनातन धर्म में विशेष महत्व रखने वाला पर्व है, जो हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन नाग देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है। माना जाता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से सर्प भय से मुक्ति, पारिवारिक सुख-शांति और संतान की रक्षा होती है। ग्रामीण अंचलों से लेकर नगरों तक इस दिन मिट्टी या चित्रों के रूप में नागों की स्थापना कर श्रद्धा पूर्वक पूजन किया जाता है। साथ ही, यह पर्व प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति आदर और सह-अस्तित्व का प्रतीक भी है। श्रद्धा और परंपरा से जुड़ा यह पर्व हमें प्रकृति और जीवों की रक्षा का संदेश भी देता है।

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नाग पंचमी का धार्मिक और पौराणिक महत्व बहुत गहरा है और इसे पूरे भारत में अलग-अलग रूपों में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। खास बात यह है कि इस बार नाग पंचमी में विशेष योग का निर्माण हो रहा है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं नाग पंचमी के बारे में विस्तार से।
नाग पंचमी 2025: तिथि व शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी तिथि: 29 जुलाई 2025, मंगलवार
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त : 29 जुलाई 2025 की सुबह 05 बजकर 40 मिनट से 8 बजकर 23 मिनट तक।
अवधि: 2 घंटे 42 मिनट
नाग पंचमी पर शुभ योग
नाग पंचमी के दिन बेहद शुभ योग शिव योग व सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है, जो नाग देवता की पूजा के लिए विशेष अनुकूल माने जाते हैं।
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नाग पंचमी 2025 का महत्व
नाग पंचमी सनातन धर्म का एक अत्यंत पावन और आस्था से जुड़ा पर्व है, जिसे श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से नाम देवता की पूजा की जाती है ताकि जीवन से सर्प भय समाप्त हो और सुख-समृद्धि बनी रहे। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नागों को दूध, अक्षत, फूल और दूर्वा चढ़ाकर उनकी आराधना करने से संतान की रक्षा होती है और पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
नागों को पृथ्वी का रक्षक भी माना जाता है, जो खेतों में कीटों का संतुलन बनाए रखते हैं और भूमि की उर्वरता में सहायक होते हैं। इसी कारण नाग पंचमी केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति सम्मान और संरक्षण की भावना का भी प्रतीक है। शिव भक्तों के लिए यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि नाम देवता भगवान शिव के गले का आभूषण माने जाते हैं। कुल मिलाकर, यह पर्व श्रद्धा, भक्ति पर्यावरण चेतना और पारिवारिक कल्याण से जुड़ी परंपराओं को सहेजने का संदेश देता है।
नाग पंचमी 2025 का धार्मिक महत्व
नाग पंचमी का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। इस दिन नाग देवता की पूजा कर उनसे रक्षा, सुख-शांति और समृद्धि की कामना की जाती है। पुराणों में उल्लेख है कि नाग देवता भगवान विष्णु की शैय्या, भगवान शिव के गले का आभूषण और पाताल लोक के अधिपति के रूप में पूजनीय हैं। इस दिन नागों को दूध,फूल, धूप अक्षत आदि अर्पित कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है
मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन पूजा करने से सर्प दोष, कालसर्प दोष और कुंडली से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें स्वप्न में सांप दिखाई देते हैं या सर्प भय रहता है। शास्त्रों के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से पितरों की कृपा भी प्राप्त होती है और संतान की रक्षा होती है।
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नाग पंचमी की पूजा विधि
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें फिर स्वच्छ कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें।
- दीवार या कागज पर नाग देवता का चित्र बनाएं या मिट्टी की नाम प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बाद दूध, अक्षत, कुशा, फूल, दूर्वा, हल्दी, चंदन, रोली, धूप, दीपक आदि एकत्र करें।
- नाग देवता को दूध, चावल, फूल, दूर्वा आदि अर्पित करें।
- इस दिन नाग देवता को कच्चा दूध चढ़ाना विशेष फलदायी माना जाता है।
- नाग पंचमी के विशेष मंत्रों का जाप करें, जैसे- ॐ नमः सर्पेभ्यः पापनाशनाय स्वाहा। साथ ही, व्रत कथा जरूर पढ़ें या सुनें।
- मिठाई या खीर आदि का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में वितरित करें।
- इस दिन सर्पों के बिल या शिव मंदिरों के पास दूध अर्पित करें।
- दिन भर व्रत रखकर शाम को पूजा कर व्रत समाप्त करें।
नाग पंचमी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल की बात है, एक किसान परिवार में पांच बेटे और एक बेटी थी। किसान अपने खेतों में हल चलाता था। एक दिन जब वह हल चला रहा था, तो हल के फाल से सांप के तीन बच्चों की मृत्यु हो गई। सांप की माता नागिन को जब इस बात का पता चला, तो वह बहुत क्रोधित हुई। रात को नागिन ने किसान के घर जाकर उसके बेटों को डस लिया और उन्हें मार डाला। अगले दिन किसान और उसकी पत्नी बहुत दुखी हुए। तब उनकी बेटी ने निश्चय किया कि वह नाग माता को प्रसन्न करेगी। उसने पंचमी के दिन पूरे श्रद्धा भाव से नाग देवता की पूजा की, उन्हें दूध और लावा अर्पित किया और क्षमा मांगी।
नागिन उसकी भक्ति और पश्चाताप से प्रसन्न हुई और वचन दिया कि अब उसके परिवार को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। साथ ही, उसने मृत चारों भाइयों को जीवनदान भी दे दिया। तभी से नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने की परंपरा चली आ रही है। इस दिन श्रद्धा से नागों की पूजा करने पर सर्प दोष समाप्त होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
नाग पंचमी 2025 के दिन करें ये आसान उपाय
सर्प दोष के मुक्ति पाने के लिए
इस दिन काले तिल और दूध से नाग देवता का अभिषेक करें। इससे कुंडली में सर्प दोष शांत होता है।
संतान प्राप्ति के लिए
नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन की मिट्टी की मूर्ति बनाकर उनका पूजन करें औ उन्हें दूध अर्पित करें, इससे संतान सुख की प्राप्ति होती है।
राहु-केतु के प्रभाव को कम करने के लिए
नाग पंचमी के दिन नाग मंत्र “ॐ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा” का 108 बार कम से कम जाप करें।
सपने में सांप दिखना
यदि बार-बार सपनों में सांप दिखाई देते हैं तो नाग पंचमी के दिन सर्पों को दूध पिलाएं और चांदी का नाग बनवाकर मंदिर में चढ़ाएं।
घर में सुख-शांति के लिए
इस दिन घर के मुख्य द्वार पर हल्दी और कुमकुम से नाग देवता का चिन्ह बनाएं। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती है।
धन-वृद्धि के लिए
नाग पंचमी के दिन नाग देवता को केसर मिश्रित दूध चढ़ाएं और इस दौरान ॐ नागराजाय नमः मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहेगा।
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नाग पंचमी पर राशि अनुसार करें भगवान शिव की पूजा
मेष राशि
लाल फूल, बेलपत्र और चंदन से भगवान शिव की पूजा करें और इस दौरान ॐ मंगलेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से कार्य में सफलता प्राप्त होगी।
वृषभ राशि
दूध और गुलाब के फूल अर्पित करें। शिवलिंग पर दही चढ़ाएं और ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से धन लाभ की प्राप्ति होगी।
मिथुन राशि
शिवलिंग पर शहद और बेलपत्र चढ़ाएं और इस दौरान ॐ सोमेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।
कर्क राशि
दूध, चावल और चावल से अभिषेक करें। ॐ चंद्रेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें । ऐसा करने से मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर
सिंह राशि
गुलाल, धतूरा और बेलपत्र चढ़ाएं। “ॐ भानुतेजाय नमः” मंत्र बोलें। मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
कन्या राशि
शिवलिंग पर मिश्री और तुलसी पत्र चढ़ाएं। “ॐ बुद्धिनाथाय नमः” का जाप करें। बुद्धि और निर्णय क्षमता बढ़ेगी।
तुला राशि
गुलाबी पुष्ण, जल और इत्र अर्पित करें और साथ ही, ॐ शुक्रेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आएगी।
वृश्चिक राशि
काले तिल, कच्चा दूध चढ़ाएं। “ॐ कालीकान्ताय नमः” मंत्र बोलें। शत्रु बाधा से मुक्ति मिलेगी।
धनु राशि
गाय का घी, हल्दी और अक्षत अर्पित करें। ऐसा करने से ॐ देवाधिदेवाय नमः मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से भाग्य प्रबल होगा।
मकर राशि
शिवलिंग पर काले तिल और नींबू चढ़ाएं। साथ ही, इस दौरान ॐ शनिश्चराय नमः मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से रोग व शनि दोष से राहत मिलती है।
कुंभ राशि
नीले फूल और पंचामृत से अभिषेक करें। “ॐ वरुणेशाय नमः” का जाप करें। ऐसा करने से आय में वृद्धि होगी।
मीन राशि
शिवलिंग पर केसर मिश्रित दूध और सफेद फूल चढ़ाएं। साथ ही, इस दौरान ॐ जलनाथाय नमः मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से आध्यात्मिक उन्नति मिलेगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
साल 2025 में नाग पंचमी 29 जुलाई 2025 को मंगलवार के दिन पड़ रही है।
नाग पंचमी में नाग देवता और भगवान शिव की पूजा होती है।
इस दिन विशेष रूप से नाम देवता की पूजा की जाती है ताकि जीवन से सर्प भय समाप्त हो और सुख-समृद्धि बनी रहे।