कन्या राशि में पराक्रम के ग्रह मंगल करेंगे प्रवेश, इन 4 राशियों का बदल देंगे जीवन; धन-धान्य के बनेंगे योग!

कन्या राशि में पराक्रम के ग्रह मंगल करेंगे प्रवेश, इन 4 राशियों का बदल देंगे जीवन!

मंगल का कन्या राशि में गोचर: ज्योतिष की दुनिया में होने वाली प्रत्येक घटना जैसे राशि परिवर्तन, उदय, अस्त, मार्गी और वक्री आदि का प्रभाव प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मनुष्य जीवन पर पड़ता है। इसी क्रम में, नवग्रहों के सेनापति कहे जाने वाले मंगल ग्रह अपनी राशि में बदलाव करने जा रहे हैं। बता दें कि वैदिक ज्योतिष में मंगल महाराज को प्रमुख ग्रह का दर्जा प्राप्त है और यह मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। हालांकि, मंगल को उग्र ग्रह माना जाता है जो साहस, पराक्रम, मनोकामना और जुनून का प्रतीक माने जाते हैं।

लाल ग्रह के नाम से विख्यात मंगल देव कुजा, लोहिता और भौम पुत्र के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। अब यह जल्द ही अपनी राशि में बदलाव करते हुए कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, एस्ट्रोसेज एआई का यह ब्लॉग आपको मंगल का कन्या राशि में गोचर से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। 

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शायद ही आप जानते होंगे कि मंगल का कन्या राशि में गोचर का प्रभाव राशि चक्र की सभी राशियों के साथ-साथ देश-दुनिया को भी प्रभावित करेगा। जब मंगल देव कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे, तब कुछ राशियों को सकारात्मक और कुछ राशियो को नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।

किस राशि के जातकों के लिए यह अवधि बेहद शुभ रहेगी और किन्हें इस दौरान फूंक-फूंककर कदम रखने होंगे? करियर, प्रेम, वैवाहिक जीवन और व्यापार के लिए कैसा रहेगा यह गोचर? इन सभी सवालों के जवाब हमारे इस ब्लॉग में आपको प्राप्त होंगे। साथ ही, मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए आप किन उपायों को अपना सकते हैं? यह भी हम आपको बताएंगे। तो चलिए बिना देर किए शुरू करते हैं यह लेख और जानते हैं मंगल गोचर के बारे में विस्तार से।

मंगल का कन्या राशि में गोचर: तिथि और समय 

मंगल ग्रह की बात करें तो, युद्ध के देवता और ग्रहों के सेनापति मंगल देव का गोचर लगभग हर 45 दिन में होता है। सरल शब्दों में, यह एक राशि में 45 दिन तक रहते हैं और उसके बाद दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। अब मंगल ग्रह एक लंबे अर्से बाद 28 जुलाई 2025 की शाम 07 बजकर 02 मिनट पर कन्या राशि में गोचर कर जाएंगे।

बता दें कि कन्या राशि के स्वामी ग्रह बुध हैं और इन्हें मंगल देव के शत्रु माना गया है। ऐसे में, अगले 45 दिन मंगल महाराज अपने शत्रु ग्रह की राशि में रहेंगे, इसलिए इस स्थिति को बहुत शुभ नहीं कहा जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप, मंगल देव कुंडली में अपनी स्थिति के आधार पर आपको शुभ-अशुभ परिणाम दे सकते हैं। सबसे पहले हम आपको अवगत करवाते हैं कि मंगल कन्या राशि में कैसा प्रभाव देते हैं।

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मंगल कन्या राशि में: विशेषताएं 

  • मंगल कन्या राशि के अंतर्गत जन्मे जातक अपने जीवन में सही मार्ग पर चलते हुए आगे बढ़ना पसंद करते हैं। 
  • ऐसे जातक समय के बेहद पाबंद होते हैं और यह अनुशासन में रहकर जीवन जीने में विश्वास करते हैं।
  • कन्या राशि में मंगल के तहत जन्मे जातकों की रुचि तकनीक में होती है और इस क्षेत्र में महारत हासिल करने के लिए प्रयासरत रहते हैं। 
  • इन लोगों के निर्णय लेने की क्षमता बेहतरीन होती है और यह व्यावहारिक स्वभाव के होते हैं। साथ ही, ऐसे जातक फैसले सोच-समझकर लेते हैं।
  • जिन जातकों का जन्म मंगल कन्या राशि के तहत होता है, उन लोगों में हर चीज़ को गहराई से जानने की इच्छा होती है इसलिए इनकी एकाग्रता भी मज़बूत होती है। 
  • यह लोग मुश्किल से मुश्किल काम भी आसानी से और सही तरीके से करने में सक्षम होते हैं। हालांकि, इन जातकों के यह गुण मंगल ग्रह से जुड़े अन्य तत्वों को भी प्रभावित कर सकते हैं जिसकी वजह से आपको समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

ज्योतिष की दृष्टि से मंगल 

  • जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि मंगल महाराज उग्र स्वभाव के ग्रह हैं जो कि साहस, शक्ति, उत्तेजना, सेना और क्रोध आदि को दर्शाते हैं। 
  • मंगल देव को राशियों में मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त हैं जबकि 27 नक्षत्रों में यह चित्रा, मृगशिरा और धनिष्ठा नक्षत्र के अधिपति देव हैं। 
  • ज्योतिष में इन्हें पुरुष स्वभाव का एक अत्यंत शक्तिशाली ग्रह माना जाता है। 
  • बात आती है उच्च और नीच राशि की, तो मंगल ग्रह 28 डिग्री पर मकर राशि में उच्च के होते हैं और कर्क राशि में 28 डिग्री पर नीच अवस्था में माने जाते हैं। 
  • एक तरफ जब सूर्य, बुध और चंद्रमा जैसे ग्रह हर महीने अपनी राशि बदलते हैं, वहीं मंगल ग्रह का गोचर हर डेढ़ महीने यानी कि 45 दिनों में होता है।
  • प्रत्येक मनुष्य के जीवन में मंगल ग्रह भाई, भूमि और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं। 
  • बात करें मानव जीवन पर मंगल के प्रभाव की, तो यह किसी इंसान के भीतर ऊर्जा का संचार करते हैं। 
  • इसके परिणामस्वरूप, जातक अपने हर काम को पूरी शक्ति और क्षमता के साथ करने में सक्षम होता है। 
  • ऐसे जातक जिनकी कुंडली में मंगल महाराज की स्थिति अनुकूल होती है, वह स्वभाव से बेहद साहसी और निडर होते हैं। साथ ही, यह लोग जोखिम उठाने से डरते नहीं हैं।    

आइए अब हम आपको रूबरू करवाते हैं कुंडली के विभिन्न भावों को मंगल ग्रह कैसे प्रभावित करते हैं। 

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कुंडली के विभिन्न भावों पर मंगल का प्रभाव 

केंद्र भावों (पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव) पर मंगल ग्रह का प्रभाव 

प्रथम भाव: जिन जातकों के लग्न भाव पर मंगल ग्रह का  प्रभाव होता है, उन्हें अपने जीवन में पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि मंगल देव की ऊर्जा आपको आक्रमक और चिड़चिड़ा बनाती है। 

चौथा भाव: ऐसे लोग जिनका चौथा भाव मंगल ग्रह से प्रभावित होता है, वह अपने जीवन में अपार धन लाभ प्राप्त करते हैं। साथ ही, समाज में लोकप्रियता और मान-सम्मान भी मिलता है।

सातवां भाव: अगर मंगल महाराज सातवें भाव में विराजमान होते हैं, तो जातकों को रिश्ते में समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। इसके प्रभाव से जातक अपने अतीत से बाहर नहीं आ पाता है या फिर साथी ढूंढ़ने में उसे परेशानी होती है। 

दसवां भाव: कुंडली के दसवें भाव में मंगल की उपस्थिति जातक को काम को लेकर जुनूनी बनाने का काम कर सकती है। साथ ही, यह स्थिति व्यक्ति को सेना, राजनीति और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में सफलता दिला सकती है।

त्रिकोण भावों (पांचवां और नौवां भाव) पर मंगल का प्रभाव 

पांचवां भाव: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल महाराज पांचवें भाव में उपस्थिति होते हैं, उन्हें सांसारिक चीज़ों के प्रति मोह नहीं रहता है। इस भाव में मंगल के प्रभाव से जातक का झुकाव खेलकूद में होता है।

नौवां भाव: नौवें भाव पर मंगल ग्रह का प्रभाव होने से जातक ज्ञानी और बुद्धिमान बनता है। ऐसा व्यक्ति अपने निजी और पेशेवर जीवन से जुड़े लोगों के साथ जल्दी घुलमिल जाता है। 

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मोक्ष भावों (चौथा, आठवां और बारहवां) पर मंगल का प्रभाव 

आठवां भाव: मंगल ग्रह की आठवें भाव में उपस्थिति को अशुभ माना गया है क्योंकि यह जातक के जीवन में बाधाएं और स्वास्थ्य समस्याएं देने का काम करती है। साथ ही, ऐसे लोग अपने उग्र व्यवहार की वजह से बेकार के वाद-विवाद में फंस जाते हैं।

बारहवां भाव: मंगल का प्रभाव बारहवें भाव पर अच्छा नहीं कहा जा सकता है। ऐसे इंसान को अपने भाग्य का साथ नहीं मिलता है और शादीशुदा जीवन में भी उसे समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप, आपका रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच सकता है। 

मंगल ग्रह कमज़ोर होने के संकेत  

  • जब मंगल देव कमज़ोर स्थिति में होते हैं, तो जातकों के जीवन में धन से जुड़ी समस्याएं धीरे-धीरे बढ़ने लगती हैं। साथ ही, ज़मीन-जायदाद से जुड़े विवाद में आप फंस सकते हैं।
  • मंगल देव के कुंडली में अशुभ अवस्था में होने पर व्यक्ति को भावनाओं में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। इसकी वजह से व्यक्ति तनाव में आ सकता है।
  • दुर्बल मंगल की वजह से लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं परेशान करने लगती हैं जैसे कि व्यक्ति पर थकान हावी हो सकती है। साथ ही, किसी भी काम में मन नहीं लगता है और पाचन से जुड़े रोग परेशान करने लगते हैं।
  • अगर आपका मंगल पीड़ित होता है या ख़राब होता है, तो यह आंखों से जुड़े रोग, पथरी, ब्लड प्रेशर और फोड़े-फुंसी जैसे रोग दे सकते हैं।
  • कुंडली में मंगल देव की नकारात्मक स्थिति विवाह में देरी का कारण बनती है और रिश्ते की बात अचानक से बिगड़ जाती है। शादी-विवाह की बात पक्की होने में अड़चनें आती हैं।

चलिए अब हम बात कर लेते हैं मंगल ग्रह को मज़बूत करने के उपायों की।  

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मंगल का कन्या राशि में गोचर के दौरान करें ये उपाय 

  • मंगल ग्रह को मज़बूत करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर जाएं और उन्हें सिन्दूर का चोला अर्पित करें। 
  • जीवन की सभी समस्याओं के निवारण के लिए हर मंगलवार के दिन व्रत करें।
  • कुंडली में मंगल को बलवान करने के लिए प्रत्येक मंगलवार संकटमोचन हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करें। साथ ही, हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • मंगल महाराज से शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए मंगल ग्रह का रत्न मूंगा धारण करें। लेकिन ऐसा करने से पहले आपको किसी अनुभवी ज्योतिषियों से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है।
  • गरीब और जरूरतमंदों को मंगलवार के दिन अपने सामर्थ्य अनुसार भोजन करवाने से मंगल ग्रह शांत होते हैं।   

मंगल का कन्या राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि के लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ मंगल आपके आठवें भाव के… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

मंगल वृषभ राशि के सातवें तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं। वर्तमान समय में … (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मंगल मिथुन राशि के छठे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए वैसे तो मंगल उनके हितैषी ग्रह माने गए हैं। ज्योतिष की … (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि के भाग्य भाव तथा चतुर्थ भाव के स्वामी होने के कारण मंगल यहां योगकारक होते हैं। अर्थात… (विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

कन्या राशि के तीसरे तथा आठवें भाव के स्वामी मंगल होते हैं और वर्तमान में यह आपके…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

तुला राशि के दूसरे तथा सातवें भाव के स्वामी मंगल ग्रह हैं और वर्तमान में यह आपके द्वादश…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ मंगल इनके छठे भाव के भी… (विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि 

धनु राशि के लिए मंगल उनके पांचवें तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में वह…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि के लिए मंगल उनके चौथे तथा लाभ भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में मंगल आपके…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

मंगल कुंभ राशि के तीसरे तथा दशम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके अष्टम भाव…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मीन राशि के दूसरे तथा भाग्य भाव के स्वामी मंगल हैं तथा वर्तमान में मंगल आपके सप्तम भाव… (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मंगल का कन्या राशि में गोचर कब होगा?

मंगल देव 28 जुलाई 2025 को कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं।

2. कन्या राशि का स्वामी कौन है?

कन्या राशि के अधिपति देव बुध ग्रह हैं।

3. मंगल ग्रह को मज़बूत कैसे करें?

मंगल ग्रह को बलवान करने के लिए हनुमान जी की पूजा फलदायी रहती है।