कामिका एकादशी 2025: सनातन धर्म में एकादशी का अत्यधिक महत्व है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार हर महीने में दो एकादशी तिथि पड़ती हैं और इस तरह साल में कुल 24 एकादशियां आती हैं। प्रत्येक एकादशी का एक अलग महत्व और नाम है और आज इस ब्लॉग में हम आपको कामिका एकादशी 2025 के बारे में बताने जा रहे हैं।
हिंदू धर्म में एकादशी का पर्व बहुत महत्व रखता है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। श्रावण के महीने में भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गरीबों और जरूरतमंद लोगों को दान करने एवं उनकी सहायता करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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चातुर्मास में आने वाली श्रावण कृष्ण एकादशी का अपना एक अलग महत्व है। मान्यता है कि इस एकादशी पर व्रत एवं पूजन करने से अश्वमेध यज्ञ जैसा पुण्य और परिणाम प्राप्त होता है। इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते अर्पित करना बहुत शुभ होता है।
एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में कामिका एकादशी 2025 से जुड़ी समस्त जानकारी दी गई है जैसे कि इस साल कामिका एकादशी कब है और इस दिन का क्या महत्व है? साथ ही जानेंगे कि इस एकादशी पर भगवान विष्णु का पूजन करने की विधि क्या है। तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और विस्तार से जानते हैं कामिका एकादशी 2025 के बारे में।
कामिका एकादशी 2025 कब है
20 जुलाई, 2025 को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर एकादशी तिथि आरंभ हो जाएगी और इसका समापन 21 जुलाई को सुबह 09 बजकर 41 मिनट पर होगा। इस प्रकार कामिका एकादशी का व्रत 21 जुलाई, 2025 को सोमवार के दिन किया जाएगा।
पारण तिथि एवं समय
22 जुलाई, 2025 को सुबह 05 बजकर 36 मिनट से लेकर 08 बजकर 20 मिनट तक। इसकी समयावधि 2 घंटे 44 मिनट की है।
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कामिका एकादशी 2025 पर दान करने का महत्व
सनातन धर्म में दान को विशेष स्थान दिया गया है। दान केवल मानव विकास के लिए ही नहीं है बल्कि आध्यात्मिक विकास करने के लिए भी दान को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। दान करने का अर्थ है किसी को निस्वार्थ भाव से धन, अन्न, जल या सेवा प्रदान करना। ऐसा माना जाता है कि दान करने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं।
सनातन धर्म में दान केवल निजी विकास तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह समाज के कल्याण के लिए भी होता है। दान के ज़रिए मनुष्य के अंदर करुणा, प्रेम और दया की भावना जागृत होती है जिससे अपने आप ही मोक्ष के द्वार खुलने लगते हैं।
कामिका एकादशी 2025 पर किन चीज़ों का दान करें
- इस दिन श्रद्धालु अन्न और भोजन का दान कर सकते हैं। श्रावण कृष्ण एकादशी पर गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को अन्न का दान करना बहुत शुभ माना गया है। आप अनाज में चावल, गेहूं और मक्के का दान कर सकते हैं।
- भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पीले वस्त्रों का दान करना भी मंगलकारी माना जाता है।
- वहीं सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए आप कामिका एकादशी 2025 पर छाते का दान भी कर सकते हैं।
- विष्णु जी को केसर का दूध अर्पित करें एवं राहगीरों को मीठा जल पिलाएं।
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कामिका एकादशी 2025 की व्रत विधि
कामिका एकादशी पर भक्त प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। विष्णु जी को पंचामृत अर्पित करते हैं और पुष्पों, तुलसी की पत्तियों, फल, दूध एवं तिल के बीजों से उनका पूजन किया जाता है। कामिका एकादशी पर ब्राहृमण को भोजन करवाना और धन, कपड़ों आदि का दान करने का विशेष महत्व है।
एकादशी की रात्रि को जागरण किया जाता है और पूरा दिन भजन-कीर्तन किया जाता है। एकादशी से अगले दिन द्वादशी तिथि पर व्रत का पारण किया जाता है।
कामिका एकादशी पर व्रत रखने एवं भगवान विष्णु का पूजन करने से सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। इस एकादशी पर हिंदू तीर्थस्थल की यात्रा पर भी जाते हैं और गंगा, गोदावरी, यमुना एवं कृष्णा और कावेरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। कामिका एकादशी पर तर्पण करने से पितृ दोष से भी मुक्ति मिल जाती है।
कामिका एकादशी 2025 की कथा
प्राचीन समय में एक गांव में एक जमींदार रहा करता था। एक बार उस जमींदार की एक ब्राह्मण से लड़ाई हो गई और क्रोध में आकर जमींदार ने उस ब्राह्मण की हत्या कर दी। इसके बाद जमींदार को अपने कृत्य पर ग्लानि हुई और वह ब्राह्मण के दाह संस्कार में शामिल होकर अपने इस पाप के लिए क्षमा मांगना चाहता था लेकिन उसे इसकी अनुमति नहीं मिल पाई। ऐसे में उस जमींदार पर ब्राह्मण हत्या का पाप लगा।
पश्चाताप की अग्नि में जलते हुए ब्राह्मण ने एक संत से पूछा कि उसे इस पाप से किस तरह से मुक्ति मिल सकती है? इस पर संत ने उससे कहा कि उसे कामिका एकादशी का व्रत एवं पूजन करना चाहिए। जमींदार ने संत के बताए अनुसार ही व्रत और पूजन किया। जब रात के समय जमींदार भगवान की मूर्ति के निकट ही सो रहा था, उस समय उसके सपने में भगवान विष्णु आए और उन्होंने उसे ब्राह्मण की हत्या के पाप से मुक्त कर उसे क्षमा कर दिया।
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कामिका एकादशी 2025 पर राशि अनुसार भोग लगाएं
इस दिन आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए अपनी राशि के अनुसार उन्हें भोग लगा सकते हैं:
- जिन लोगों की मेष राशि है, वे विष्णु जी को माखन, चूरमा और मिश्री का भोग लगा सकते हैं।
- वृषभ राशि वाले चावल की खीर का भोग लगा सकते हैं। आप इससे पहले विधिपूर्वक विष्णु जी की उपासना जरूर करें।
- मिथुन राशि के लोग कामिका एकादशी 2025 पर हरे रंग के फल चढ़ा सकते हैं। इससे भगवान विष्णु अवश्य प्रसन्न होंगे।
- कर्क राशि वाले दूध, खीर और दही का भोग लगाएं।
- जिनकी सिंह राशि है, वे विष्णु जी को मोतीचूर के लड्डू चढ़ा सकते हैं।
- कन्या राशि के लोग दूध में केसर मिलाकर विष्णु जी का अभिषेक कर सकते हैं। आप गाय के दूध से बनी मिठाई भी चढ़ा सकते हैं।
- तुला राशि के लोगों को माखन, दही और मिश्री का भोग लगाना चाहिए।
- यदि आपकी वृश्चिक राशि है, तो आप गुड़ ये बनी खीर का भोग लगाएं। आप दूध में शहद डालकर विष्णु जी का अभिषेक कर सकते हैं।
- धनु राशि के लोग केले और बेसन के लड्डू अर्पित कर सकते हैं।
- मकर राशि के जातक कामिका एकादशी 2025 पर चूरमा चढ़ाएं।
- कुंभ राशि वाले श्रीफल का भोग लगाएंगे तो अच्छा होगा।
- मीन राशि के लोगों को भगवान विष्णु को केले और बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
कामिका एकादशी 2025 पर व्रत रखने के लाभ
यदि कोई व्यक्ति सच्चे मन से कामिका एकादशी का व्रत रखता है, तो उसे निम्न लाभ मिल सकते हैं:
- इस व्रत को रखने से पिछले जन्म के पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है और आध्यात्मिक विकास होता है।
- अन्य एकादशियों की तरह ही कामिका एकादशी का भी व्रत रखने से मनुष्य और जीवन एवं मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और वह मोक्ष को प्राप्त करता है।
- एकादशी पर विष्णु जी का पूजन एवं व्रत रखने से उनका आशीर्वाद और कृपा प्राप्त होती है।
- इस व्रत के प्रभाव से जीवन में आ रही अड़चनें दूर होती हैं और सुख एवं समृद्धि का आगमन होता है।
- माना जाता है कि एकादशी पर व्रत रखने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और आत्मिक शांति मिलती है।
कामिका एकादशी 2025 पर न करें इन चीज़ों का सेवन
- हिंदू धर्म एवं ज्योतिष शास्त्र में एकादशी के दिन को अत्यंत पवित्र माना गया है इसलिए इस दिन कुछ खास चीज़ों एवं खाद्य पदार्थों का सेवन करना वर्जित है।
- इस दिन चावल, जौ और मक्का नहीं खाना चाहिए क्योंकि ये अनाज में आते हैं।
- एकादशी के व्रत में प्याज और लहसुन का प्रयोग भी वर्जित रखा गया है।
- बैंगन को तामसिक माना जाता है इसलिए कुछ लोग एकादशी के दिन इसका सेवन करने से भी परहेज़ करते हैं।
- इसी तरह मशरूम को भी तामसिक भोजन में रखा जाता है और उसे भी एकादशी के दिन खाने से मना किया जाता है।
- कुछ लोग एकादशी पर हींग खाने से भी परहेज़ करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उपवास के दिन मानसिक शुद्धता में खलल पड़ती है।
- इस शुभ एवं पवित्र दिन पर मांस, मदिरा और योगर्ट एवं चीज़ खाने से भी बचना चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. इस दिन भगवान विष्णु के साथ भोलेनाथ की भी पूजा होती है।
उत्तर. यह व्रत 16 जुलाई, 2025 को है।
उत्तर. निर्जला एकादशी को सबसे कठिन और पवित्र माना जाता है।