एक साल बाद ग्रहों के राजा मिथुन राशि में करेंगे प्रवेश

एक साल बाद ग्रहों के राजा मिथुन राशि में करेंगे प्रवेश, इन राशियों के होंगे अच्छे दिन शुरू!

एस्ट्रोसेज एआई आपके लिए “सूर्य का मिथुन राशि में गोचर” का यह विशेष लेख लेकर आया है जिसके माध्यम से आपको सूर्य गोचर से जुड़ी समस्त जानकारी विस्तारपूर्वक प्राप्त होगी। जैसे कि हम जानते हैं कि नवग्रहों में सूर्य को “ग्रहों का जनक” कहा जाता है क्योंकि सभी ग्रह सूर्य महाराज की परिक्रमा करते हैं। साथ ही, यह एक मात्र ऐसा ग्रह है जो कभी भी अस्त, वक्री, मार्गी और अस्त नहीं होता है इसलिए सूर्य सबसे ख़ास हो जाते हैं। इसी क्रम में, जब-जब सूर्य ग्रह अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं, तो इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। अब जून माह में सूर्य एक बार फिर से अपनी राशि में बदलाव करते हुए मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। सूर्य का मिथुन राशि में गोचर होने से इसका सीधा प्रभाव राशि चक्र की सभी राशियों पर अच्छे-बुरे रूप में दिखाई देगा। 

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हमारे इस लेख में आपको न सिर्फ़ सूर्य गोचर के बारे में जानकारी प्राप्त होगी, बल्कि यह गोचर किन राशियों के लिए सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम लेकर आ सकता है, इससे भी हम आपको रूबरू करवाएंगे। सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश से बनने वाली योगों और होने वाली युतियों के विषय में भी आपको बताएंगे। हम इस ब्लॉग में आपको सूर्य गोचर को मज़बूत करने और अनुभवी एवं विशेषज्ञ ज्योतिषियों द्वारा सूर्य और अन्य ग्रहो की स्थिति को ध्यान में रखकर कुछ उपाय भी प्रदान करेंगे। 

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: तिथि एवं समय

ज्योतिष के अनुसार, सूर्य महाराज 30 दिनों तक यानी कि एक माह तक एक राशि में रहते हैं और इसके बाद, वह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं। ऐसे में, इन्हें अपना राशि चक्र पूरा करने में एक साल का समय लगता है। अब सूर्य देव 15 जून 2025 की सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर कर जाएंगे। बता दें कि मिथुन राशि के स्वामी ग्रह बुध हैं और इन दोनों ग्रहों को ही महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि, जून 2025 का महीना ज्योतिष की दृष्टि से विशेष रहने वाला है क्योंकि इस दौरान एक नहीं कई ग्रहों के गोचर और चाल एवं दशा में परिवर्तन होंगे। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं सूर्य गोचर से बनने वाली युति और योगों पर।

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सूर्य गोचर के दौरान होने वाली ग्रहों की युति

यह हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि ज्योतिषीय दृष्टि से, जून का महीना बेहद ख़ास रहेगा क्योंकि इस दौरान कई बड़े ग्रह गोचर करेंगे। साथ ही, मिथुन राशि इस महीने ग्रहों के गोचर, युति और राजयोगों का केंद्र रहेगी। जब सूर्य का मिथुन राशि में गोचर होगा, उस समय वहां गुरु ग्रह और बुध देव पहले से मौजूद होंगे। ऐसे में, मिथुन राशि में हमें आत्मा के कारक सूर्य, ज्ञान के ग्रह गुरु और बुद्धि के प्रमुख बुध की युति देखने को मिलेगी। हालांकि, सूर्य गोचर के कुछ दिन बाद ही बुध दूसरी राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इन तीनों ग्रहों के मिथुन राशि में होने से कौन से योग बनेंगे? चलिए जानते हैं। 

सूर्य के मिथुन राशि में गोचर से बनेंगे ये शुभ-अशुभ योग

बुध देव की राशि मिथुन में सूर्य का गोचर होने से अनेक शुभ योग बनेंगे जिनके बारे में आगे बात करेंगे। 15 जून 2025 को जब सूर्य मिथुन राशि में आएंगे, तो वहाँ पहले से मौजूद बुध के साथ युति करेंगे। ऐसे में, सूर्य और बुध की युति से बेहद शुभ माने जाने वाले बुधादित्य योग का निर्माण होगा। सिर्फ़ इतना ही नहीं, मिथुन राशि में सूर्य, बुध और गुरु ग्रह के एक साथ बैठे होने से त्रिग्रही योग भी बनेगा। 

लेकिन अगर हम नकारात्मक पक्ष की बात करें तो, मिथुन राशि में बुध और गुरु दोनों ग्रह एक साथ होंगे और ऐसे में, एक अशुभ योग केंद्राधिपति दोष का भी निर्माण होगा। इस दोष के प्रभाव से गुरु और बुध जातकों को अपनी पूरी क्षमता के साथ परिणाम नहीं दे पाएंगे। शादी-विवाह में जातकों को देरी का सामना करना पड़ सकता है।

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मनुष्य जीवन पर सूर्य ग्रह का प्रभाव

ज्योतिष के साथ-साथ मनुष्य जीवन को भी सूर्य ग्रह अत्यधिक प्रभावित करता है और ऐसे में, हम आपको मानव जीवन में सूर्य का महत्व नीचे बताने जा रहे हैं। 

व्यक्तित्व

कुंडली में सूर्य महाराज की किसी विशेष राशि और भाव में स्थिति जातक के व्यक्तित्व के गुणों को प्रभावित करती है। साथ ही, व्यक्ति को स्वयं के बारे में जानने-समझने में भी योगदान देती है।

करियर

यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति मज़बूत होती है, तो वह जातक को करियर के क्षेत्र में ऐसे रास्ते पर लेकर जा सकती है जो आपके जीवन में सफलता लेकर आता है, विशेष रूप से नेतृत्व या सरकार  से जुड़े क्षेत्रों में। 

सामाजिक स्थिति और मान-सम्मान

सूर्य देव को मान-सम्मान का कारक माना जाता है और ऐसे में, सूर्य देव के बलवान होने पर जातक को समाज में प्रसिद्धि और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। साथ ही, सामाजिक छवि को भी सूर्य ग्रह मज़बूत बनाते हैं। 

स्वास्थ्य

ज्योतिष की मानें तो, सूर्य महाराज जीवन शक्ति और स्वास्थ्य को भी नियंत्रित करते हैं। कुंडली में सूर्य शुभ होने पर जातक को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है और आपकी ऊर्जा का स्तर भी उच्च रहता है। 

पिता से संबंध

अगर कुंडली में सूर्य ग्रह शुभ या मज़बूत स्थिति में होते हैं, तो यह आपके पिता या पिता समान लोगों जैसे कि गुरुओं आदि के साथ आपके रिश्ते को मज़बूत बनाते हैं। साथ ही, आपको जीवन के हर क्षेत्र में उनका साथ मिलता है। 

आध्यात्मिक प्रगति

हम सभी इस बात को भली-भांति जानते हैं कि सूर्य देव आत्मा के कारक ग्रह हैं इसलिए कुंडली में इनकी मज़बूत स्थिति आपको अध्यात्म के मार्ग पर लेकर जाने में भी सक्षम होती है।

सरकारी प्रभाव

सूर्य महाराज सरकार और सत्ता को भी नियंत्रित करते हैं। जिन जातकों की कुंडली में सूर्य बलवान होते हैं, वह राजनीति या सरकारी क्षेत्रों से संबंधित हो सकते हैं। 

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कुंडली में सूर्य के मज़बूत और कमज़ोर होने के संकेत

ज्योतिष शास्त्र में 12 भावों की स्थिति के आधार पर जातकों के प्रश्नों के जवाब दिए जाते हैं। इन बारह भावों में से सूर्य ग्रह लग्न भाव के कारक हैं। लग्न भाव से किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व, मानसिकता, ऊर्जा, सम्मान, आशा आदि के बारे में जाना जाता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य महाराज की स्थिति इन भावों में से किसी भाव में मज़बूत होती है, तो उस भाव से मिलने वाले परिणामों में वृद्धि होगी। इसके अलावा, प्रशासन, अधिकारी, मंत्री आदि पदों पर आसीन लोगों से भी आपको अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। 

ऐसे जातक जिनकी कुंडली में सूर्य देव अशुभ या दुर्बल अवस्था में होते हैं, तो वह उस भाव से मिलने वाले परिणामों को कमज़ोर कर देंगे जिसके वह स्वामी हैं। सामान्य रूप से, सूर्य महाराज के कमज़ोर होने पर जातक अधिकतर उदास रहता है और उसमें आत्मविश्वास की कमी रहती है। वह क्रोधी, अहंकारी, महत्वाकांक्षी, ईर्ष्यालु और आत्म केंद्रित स्वभाव का हो सकता है। सूर्य आत्मा और स्वयं का कारक ग्रह होने के कारण आपके आत्मविश्वास को कमज़ोर कर देता है।

इन उपायों को करने से मिलेगा सूर्य देव का आशीर्वाद 

सूर्य को जल अर्पित करें 

कुंडली में सूर्य महाराज को बलवान करने के लिए सूर्य देव को जल चढ़ाना सबसे प्रभावी उपाय है। रोज़ाना सुबह सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें लाल फूल, अक्षत और रोली डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। इस दौरान भगवान सूर्य के मंत्र “ऊं सूर्याय नमः” का जाप करें। 

आदित्य हृदय स्तोत्र

आदित्य हृदय स्तोत्र को अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है और इस स्तोत्र की प्राप्ति भगवान राम को ऋषि अगस्त्य से हुई थी। नियमित रूप से आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से सूर्य देव की कृपा आप पर बनी रहती है। साथ ही, जीवन में आने वाली समस्याओं का निवारण होता है।

रविवार का व्रत और दान करें

भगवान सूर्य को रविवार का दिन समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि जो जातक रविवार का व्रत करता है और सूर्य पूजा करता है, उससे सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही, रविवार को तांबा, गेहूं, माणिक्य, लाल वस्त्र और गुड़ जैसी वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है। 

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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

सूर्य आपकी कुंडली में पंचम भाव का स्वामी होते हैं और वर्तमान में ये… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

सूर्य आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में ये आपके दूसरे… (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

सूर्य आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होते हैं और सूर्य का मिथुन… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

सूर्य आपकी कुंडली में धन भाव के स्वामी होकर आपके द्वाद्वश भाव में गोचर… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सूर्य आपके लग्न या राशि के स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में सूर्य का मिथुन राशि में… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और द्वादश भाव के स्वामी… (विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

सूर्य आपके लाभेश होकर भाग्य भाव में गोचर करने वाले हैं। वैसे तो सामान्य तौर… (विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

दशम भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके अष्टम भाव में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर… (विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

भाग्य भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके सप्तम भाव में गोचर… (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

सूर्य आपके अष्टमेश होते हैं और वर्तमान में ये आपके छठे भाव में… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

सप्तमेश सूर्य आपके पंचम भाव में गोचर करने वाले हैं। सामान्य तौर… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

सूर्य आपके छठे भाव के स्वामी होकर आपके चतुर्थ भाव में गोचर कर… (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर कब होगा?

सूर्य महाराज 15 जून 2025 को वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। 

सूर्य का गोचर कितने दिनों में होता है?

सूर्य ग्रह का राशि परिवर्तन हर 30 दिनों यानी कि एक महीने में होता है। 

मिथुन राशि किसकी है?

बुध ग्रह मिथुन राशि के अधिपति देव है।