सूर्य की राशि में पधारेंगे मंगल, इन 4 राशियों की भर देंगे जेब; जीवन भी बनेगा सुख-शांति से पूर्ण!

सूर्य की राशि में पधारेंगे मंगल, इन 4 राशियों की भर देंगे जेब; जीवन भी बनेगा सुख-शांति से पूर्ण!

एस्ट्रोसेज एआई आपके लिए “मंगल का सिंह राशि में गोचर” का यह विशेष ब्लॉग लेकर आया है जिसके अंतर्गत आपको मंगल गोचर से जुड़ी समस्त जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि और समय आदि। मंगल महाराज को वैदिक ज्योतिष में महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है जिन्हें लाल ग्रह और युद्ध के देवता के नाम से भी जाना जाता है। अब यह जल्द ही अपनी राशि में परिवर्तन करने जा रहे हैं। यह बात हम भली-भांति जानते हैं कि मंगल ग्रह की चाल, स्थिति या राशि में होने वाला बदलाव राशियों सहित पूरे संसार को प्रभावित करता है। ऐसे में, इस लेख में हम आपको मंगल गोचर के साथ-साथ मनुष्य जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में भी बताएंगे। यदि आपकी कुंडली में मंगल कमज़ोर हैं, तो आप कैसे स्वयं को गोचर के नकारात्मक प्रभाव से बचा सकते हैं? इस बारे में भी हम विस्तार से बात करेंगे। 

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सिर्फ इतना ही नहीं, मंगल महाराज की कुंडली में स्थिति मनुष्य जीवन को कैसे प्रभावित करती है? किस तरह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में परिणाम देती है? इस बारे में भी हम विस्तार से चर्चा करेंगे। बता दें कि मंगल का सिंह राशि में गोचर का यह लेख विशेष रूप से हमारे अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों द्वारा मंगल ग्रह और अन्य ग्रहों की स्थिति के आधार पर तैयार किया गया है जिससे आप मंगल गोचर से शुभ परिणाम प्राप्त कर सकें। तो आइए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं मंगल गोचर के बारे में सब कुछ विस्तार से। 

मंगल का सिंह राशि में गोचर: तिथि और समय 

ज्योतिष की दुनिया में मंगल देव साहस, पराक्रम और सेना के कारक ग्रह माने गए हैं। यह हर 45 दिनों के बाद अपनी राशि में बदलाव करते हैं और इसी क्रम में, अब यह 07 जून 2025 की रात 01 बजकर 33 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि मंगल देव उग्र स्वभाव के ग्रह हैं जो अब कर्क राशि से निकलकर सूर्य देव की राशि में जा रहे हैं। सूर्य देव और मंगल ग्रह दोनों को उग्र ग्रह माना जाता है और ऐसे में, मंगल का सिंह राशि में गोचर जातकों को अच्छे परिणाम दे सकता है। 

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सिंह राशि में होगी मंगल-केतु की युति 

मंगल महाराज जब सिंह राशि में गोचर कर जाएंगे, तब वहां पहले से केतु देव मौजूद होंगे। बता दें कि केतु सिंह राशि में 18 मई 2025 से विराजमान हैं और अब यह अगले एक साल यही रहेंगे। ऐसे में, मंगल और केतु दोनों ग्रह एक साथ सिंह राशि में युति का निर्माण करेंगे जिसे बेहद खतरनाक माना जाएगा। इसका असर दुनिया पर नकारात्मक रूप से दिखाई दे सकता है और ऐसे में, देश-दुनिया में युद्ध और हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही, राष्ट्रीय स्तर पर भी तनाव में वृद्धि देखने को मिल सकती है। इस राशि में मंगल ग्रह 45 दिनों तक रहेंगे और इस प्रकार, केतु और मंगल की युति का प्रभाव संसार पर बना रहेगा। 

सिंह राशि में मंगल ग्रह का प्रभाव 

मंगल उग्र स्वभाव के ग्रह हैं और इनका यह गोचर सिंह राशि में होगा जिसके अधिपति देव सूर्य हैं। यह भी मंगल की तरह उग्र ग्रह हैं। ऐसे में, जिन जातकों का जन्म सिंह राशि में मंगल के तहत होता है, इन लोगों पर सबकी नज़रें बनी रहती हैं और यह अपने आकर्षण से दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम होते हैं। 

सिंह राशि में मंगल के अंतर्गत जन्म लेने वाले जातकों की रुचि राजनीति, व्यापार, मनोरंजन और कला से संबंधित क्षेत्रों में होती है। इन क्षेत्रों से जुड़ना आपके लिए फलदायी साबित होता है। लेकिन, इन लोगों को थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता होती है क्योंकि इनकी लोकप्रियता कभी-कभी इनके लिए मुसीबत बन सकती है। ऐसे में, यह जातक अहंकारी और गुस्सैल बन सकते हैं।

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ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व 

वैदिक ज्योतिष में मंगल देव को महत्वपूर्ण माना जाता है जो उग्र स्वभाव के पुरुष ग्रह हैं। यह ऊर्जा, सेना, पराक्रम, भाई, भूमि, शक्ति और साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं। मंगल ग्रह व्यक्ति के भीतर प्रेरणा, दृढ़ संकल्प और जुनून को दर्शाता है। साथ ही, एक इंसान अपने जीवन के लक्ष्यों को कैसे हासिल करता है और वह अपने कार्य कैसे करते हैं? आपकी शारीरिक ऊर्जा का स्तर क्या है? इसके अलावा, यह व्यक्ति में क्रोध और आक्रामकता को भी नियंत्रित करते हैं। राशि चक्र में मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशि पर आधिपत्य प्राप्त है। यह मकर राशि में उच्च अवस्था में होते हैं और इनकी नीच राशि कर्क है। सभी 27 नक्षत्रों में मंगल देव चित्रा, धनिष्ठा और मृगशिरा नक्षत्र के अधिपति देव हैं। 

धार्मिक दृष्टि से मंगल ग्रह 

धार्मिक दृष्टि से मंगल ग्रह को विशेष स्थान प्राप्त है और इन्हें सप्ताह में मंगलवार का दिन समर्पित है। यह दिन नए काम को शुरू करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। शायद ही आप जानते होंगे कि ‘मंगल’ ग्रह के नाम पर ही मंगलवार का नाम रखा गया है। साथ ही, हनुमान जी के पूजन से भी मंगल देव प्रसन्न होते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मंगल ग्रह पृथ्वी के पुत्र कहे गए हैं इसलिए इन्हें भौम पुत्र के नाम से भी जाना जाता है। शिव पुराण में वर्णन मिलता है कि भगवान शिव की पसीने की बूंद से मंगल देव का जन्म हुआ था और इसके पश्चात, मंगल ग्रह आकाश में देवता के रूप में स्थापित हो गए थे। 

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कमज़ोर मंगल होने के संकेत 

किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल देव कमज़ोर होते हैं, तो जातक को अपने जीवन में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जो इस प्रकार हैं:

  • कुंडली में मंगल कमजोर होने पर जातक के विवाह में देरी होती है। साथ ही, रिश्ते की बात बनते-बनते टूट जाना और शादी-विवाह में समस्याएं पैदा होने लगती हैं। 
  • कुंडली में मंगल कमजोर होने पर जातक का स्वास्थ्य नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है। ऐसे में, वह ज्यादातर समय थकान महसूस करता है और किसी भी काम में मन नहीं लगता है। पाचन के साथ-साथ हर दूसरे दिन आपको स्वास्थ्य समस्याएं परेशान करती रहती हैं।
  • मंगल के दुर्बल होने पर जातक को भावनात्मक रूप से उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है।  ऐसे में, आपको तनाव या अवसाद जैसी समस्या बनी रह सकती है। 
  • ऐसा माना जाता है कि मंगल के अशुभ प्रभाव के कारण व्यक्ति को आंखों, फोड़े-फुंसी, पथरी और ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्या घेर सकती है।
  • जब मंगल ग्रह पीड़ित होते हैं, तो जातक के जीवन में आर्थिक समस्याओं में वृद्धि होती है जिसके चलते आपको कर्ज़ और जमीन-जायदाद से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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मंगल का सिंह राशि में गोचर: सरल और प्रभावी प्रभाव 

हनुमान पूजा

कुंडली में उपस्थित मंगल दोष की शांति के लिए भगवान हनुमानजी की पूजा सबसे सरल और प्रभावित उपाय है। मंगलवार के दिन सुबह स्नान करके हनुमान मंदिर जाएं और उन्हें लाल फूल, सिंदूर और चमेली के तेल का चोला चढ़ाएं। आप “ॐ हनुमंते नमः” मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। 

लाल रंग की वस्तुओं का दान

मंगल देव से शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए मंगलवार के दिन लाल रंग की वस्तुओं जैसे कि मसूर की दाल, लाल वस्त्र, तांबे का बर्तन, लाल चंदन और गुड़ आदि का दान करना फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से मंगल ग्रह प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

मंगल ग्रह के लिए मंत्र जाप

मंगल ग्रह को मज़बूत करने के लिए मंगल देव से जुड़े मंत्रों का जाप करना चाहिए। मंगलवार के दिन आप “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का चंदन की माला से 108 बार जाप करें। ऐसा करने से मंगल ग्रह की ऊर्जा संतुलित होती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। 

मंगल यंत्र की स्थापना एवं पूजा 

कुंडली से मंगल दोष के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए मंगलवार के दिन घर के पूजा स्थान पर शुभ मुहूर्त में मंगल यंत्र की स्थापना करें। रोज़ाना सुबह मंगल यंत्र की पूजा करें और मंगल ग्रह के मंत्रों का जाप करें। 

मंगलवार का व्रत करें 

मंगल ग्रह को बलवान करने के लिए मंगलवार के दिन व्रत करें और इस दौरान नमक का सेवन न करें और फलाहार करें। साथ ही, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण करें। 

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मंगल का सिंह राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष राशि

मंगल आपकी कुंडली में आपकी लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके … (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

मंगल आपकी कुंडली में सातवें तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं। वर्तमान समय में … (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मंगल आपकी कुंडली में छठे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके … (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

वैसे तो मंगल आपके हितैषी ग्रह माने गए हैं। ज्योतिष की भाषा में इस योगकारक ग्रह कहा… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

मंगल आपकी कुंडली में भाग्य भाव तथा चतुर्थ भाव के स्वामी होने के कारण… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

मंगल आपकी कुंडली में तीसरे तथा आठवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह … (विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके …(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

मंगल आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके छठे भाव के भी स्वामी होते हैं  और …(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

मंगल आपकी कुंडली में पांचवें तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में … (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मंगल आपकी कुंडली में चौथे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं। वर्तमान में मंगल … (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

मंगल आपकी कुंडली में तीसरे तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा भाग्य भाव के स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में मंगल आपके…(विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मंगल का सिंह राशि में गोचर कब होगा?

मंगल ग्रह 07 जून 2025 को सिंह राशि में गोचर करेंगे। 

सिंह राशि का स्वामी कौन है?

ज्योतिष में सिंह राशि के अधिपति देव सूर्य ग्रह हैं। 

राहु और मंगल की युति से कौन सा योग बनता है?

ज्योतिष शास्त्र में मंगल और राहु की युति से अंगारक योग बनता है।