अपरा एकादशी और वैशाख पूर्णिमा से सजा मई का महीना रहेगा बेहद खास, जानें व्रत–त्योहारों की सही तिथि!

अपरा एकादशी और वैशाख पूर्णिमा से सजा मई का महीना रहेगा बेहद खास, जानें व्रत–त्योहारों की सही तिथि!

मई 2025: वर्ष 2025 में एक कदम और आगे बढ़ते हुए हम मई के महीने में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं। अब जल्द ही हम अप्रैल से विदा लेकर मई माह का स्वागत करेंगे। वैसे तो, साल के हर महीने की अपनी ख़ासियत होती है जो उसे सबसे अलग और विशिष्ट बनाती है जैसे कि जनवरी में मकर संक्रांति व सकट चौथ का पर्व हो, फरवरी में बसंत पंचमी और मार्च अपने साथ होली के रंग लेकर आता है। इसी क्रम को मई 2025 भी बरकरार रखेगा और ऐसे में, आपके मन में यह जानने की उत्सुकता होगी कि यह महीना करियर, नौकरी, विवाह, प्रेम जीवन, व्यापार और पारिवारिक जीवन में किस तरह के परिणाम देगा? तो आपको इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे एस्ट्रोसेज एआई के मई 2025 के इस विशेष ब्लॉग में। 

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एस्ट्रोसेज एआई का यह ख़ास ब्लॉग न सिर्फ़ आपके मन में उठने वाले सवालों और जिज्ञासाओं को शांत करेगा, बल्कि मई 2025 में पड़ने वाले व्रत, त्योहार,ग्रहण, गोचर और बैंक अवकाशों की तिथियों के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, इस महीने में शादी-विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए कब-कब मुहूर्त उपलब्ध हैं? इसकी भी आपको सूची प्रदान करेंगे। तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस विशेष लेख की।

मई 2025 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना 

ग्रेगोरियन कैलेंडर में मई साल का पांचवां महीना होता है और इस माह में गर्मी से सब परेशान नज़र आते हैं। बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार, मई 2025 का आगाज़ मृगशिरा नक्षत्र के अंतर्गत शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी तिथि अर्थात 01 मई 2025, गुरुवार के दिन होगा। वहीं, मई माह का समापन अश्‍लेषा नक्षत्र के तहत शुक्‍ल पक्ष की षष्‍ठी तिथि यानी कि 31 मई 2025, शनिवार के दिन हो जाएगा। मई 2025 का पंचांग जानने के बाद अब हम चर्चा करेंगे इस माह में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों के बारे में। 

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मई 2025 के व्रत एवं त्योहार 

साल 2025 के मई में अनेक व्रतों और त्योहारों को मनाया जाएगा जिनकी संपूर्ण सूची आपको नीचे दी जा रही है।         

तिथिदिनत्योहार व व्रत
08 मई 2025गुरुवारमोहिनी एकादशी
09 मई 2025शुक्रवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
12 मई 2025सोमवारवैशाख पूर्णिमा व्रत
15 मई 2025गुरुवारवृष संक्रांति
16 मई 2025शुक्रवारसंकष्टी चतुर्थी
23 मई 2025शुक्रवारअपरा एकादशी
24 मई 2025शनिवारप्रदोष व्रत (कृष्ण)
25 मई 2025रविवारमासिक शिवरात्रि
27 मई 2025मंगलवारज्येष्ठ अमावस्या

मई 2025 का धार्मिक महत्व

एक वर्ष में आने वाले सभी बारह महीनों का अपना महत्व होता है न सिर्फ़ धार्मिक बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी। इसी क्रम में, मई 2025 का भी धार्मिक रूप से अत्यंत महत्व है। अगर हम हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस महीने का पंचांग देखें, तो मई के महीने की शुरुआत वैशाख माह के तहत होगी जिसको बहुत शुभ माना गया है। वहीं, इसकी समाप्ति ज्येष्ठ माह के अंतर्गत होगी और हिंदू धर्म में इन दोनों महीनों को ही विशेष स्थान प्राप्त है। पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा तिथि के बाद वैशाख मास शुरू होता है। सामान्य शब्दों में कहें तो, वैशाख हिंदू वर्ष का दूसरा महीना होता है। बता दें कि साल 2025 में वैशाख का महीना 13 अप्रैल 2025 से शुरू होकर 12 मई 2025 तक चलेगा। बुद्ध पूर्णिमा के साथ वैशाख मास भी समाप्त हो जाएगा।

वैशाख मास के धार्मिक महत्व की बात करें तो, इस महीने में दान-पुण्य और गंगा स्नान करना बेहद शुभ होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किए गए दान-पुण्य और धार्मिक कार्यों से व्यक्ति को कई गुना फलों की प्राप्ति होती है। धार्मिक ग्रंथों में वैशाख माह को पाप कर्मों से मुक्ति प्रदान करने वाला कहा गया है। वैशाख को माधव मास भी कहा जाता है और यह भगवान विष्णु का ही एक नाम है इसलिए वैशाख में श्रीहरि विष्णु की पूजा विधि-विधान से की जाती है। साथ ही, विष्णु जी के साथ-साथ भगवान शिव और ब्रह्मा जी की पूजा कल्याणकारी साबित होती है। मान्यता है कि वैशाख में प्रतिदिन सुबह-सवेरे तांबे के लोटे से सूर्य देव को अर्घ्य देने से मनुष्य के सभी पाप नाश हो जाते हैं। बता दें कि बुद्ध पूर्णिमा के साथ ही वैशाख माह समाप्त हो जाएगा और ज्येष्ठ माह का आरंभ हो जाएगा। 

हिंदू वर्ष में ज्येष्ठ तीसरा महीना होता है और इस माह को भी कल्याणकारी माना जाता है। ज्येष्ठ मास को जेट के नाम से भी जाना जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में ज्येष्ठ माह सामान्य रूप से मई और जून में पड़ता है। हालांकि, साल 2025 में ज्येष्ठ के महीने की शुरुआत 13 मई 2025 को होगी और इसका समापन ज्येष्ठ पूर्णिमा के साथ 11 जून 2025 को होगा। बता दें कि हिंदू धर्म में हर महीने का नाम नक्षत्र पर आधारित होता है और इसी प्रकार, ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा पर चंद्रमा ज्येष्ठ नक्षत्र में होता है इसलिए इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है। 

सूर्य देव की पूजा-अर्चना और उनकी कृपा पाने की दृष्टि से भी ज्येष्ठ महत्वपूर्ण है। इस मास में वृषभ संक्रांति भी मनाई जाती है क्योंकि इस दौरान सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं। इस माह में सूर्य ग्रह बेहद शक्तिशाली होते हैं और इसके परिणामस्वरूप, धरती पर लोगों को गर्मी का भयंकर प्रकोप झेलना पड़ता है। इसके अलावा, ज्येष्ठ मास में सूर्य देव की ज्येष्ठा की वजह से इसे ज्येष्ठ कहा जाता है। हालांकि, यह महीना मनुष्यों को जीवन में जल का महत्व समझाता है। इस माह में आने वाले मंगलवार को हनुमान जी की पूजा फलदायी साबित होती है। दूसरी तरफ, ज्येष्ठ में निर्जला एकादशी, गंगा दशहरा और शनि जयंती जैसे बड़े पर्वों को मनाया जाता है। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं मई 2025 के बैंक अवकाशों पर।  

 

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मई 2025 के बैंक अवकाशों की संपूर्ण सूची

मई 2025 में कब-कब नहीं खुलेंगे बैंक? इसकी जानकारी भी हम आपको इस ब्लॉग में प्रदान कर रहे हैं जो कि इस प्रकार है:

तिथिदिनअवकाशराज्य 
01 मई 2025 गुरुवारमहाराष्ट्र दिवसमहाराष्ट्र
01 मई 2025गुरुवारमई दिवसअसम, बिहार, गोवा, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, पुदुचेरी
08 मई 2025गुरुवारगुरु रवींद्रनाथ जयंतीत्रिपुरा, पश्चिम बंगाल
12 मई 2025सोमवारबुद्ध पूर्णिमाअंडमान और निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश,  झारखंड, जम्मू-कश्मीर,  महाराष्ट्र, उड़ीसा, मिजोरम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल
16 मई 2025शुक्रवारराज्य दिवससिक्किम 
26 मई 2025सोमवारकाजी नजरूल इस्लाम जयंतीत्रिपुरा
29 मई 2025गुरुवारमहाराणा प्रताप जयंतीहरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान
30 मई 2025शुक्रवारश्री गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी दिवसपंजाब

मई 2025 में मनाये जाने वाले व्रत-त्योहारों का धार्मिक महत्व

मोहिनी एकादशी व्रत (08 मई 2025, गुरुवार): एक वर्ष में 24 एकादशी आती है और प्रत्येक का अपना महत्व होता है। इन एकादशी में से एक मोहिनी एकादशी है जिसे बहुत शुभ और फलदायी माना गया है। मोहिनी एकादशी हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को आती है और इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा और उनके लिए व्रत किया जाता है। इस एकादशी पर उपवास करने से भक्तों को मोहमाया के बंधन से मुक्ति मिलती है।

प्रदोष व्रत (शुक्ल) (09 मई 2025, शुक्रवार): सनातन धर्म में किए जाने वाले व्रतों में से एक प्रदोष व्रत है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत करने का विधान है। यह व्रत माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत से जातक को दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, सच्चे मन से प्रदोष व्रत करने वाले भक्त को मनचाहा आशीर्वाद मिलता है। 

वैशाख पूर्णिमा व्रत (12 मई 2025, सोमवार): वैशाख पूर्णिमा वर्ष में एक बार आती है और इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा और सत्य विनायक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह की पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन धार्मिक कार्यों के साथ-साथ दान-पुण्य करना शुभ होता है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा के दिन हुआ था इसलिए बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए वैशाख पूर्णिमा का दिन ख़ास महत्व रखता है। वह बुद्ध पूर्णिमा को बहुत धूमधाम से मनाते हैं और इस दिन धर्मराज की पूजा भक्ति भाव से की जाती है। 

वृषभ संक्रांति (15 मई 2025, गुरुवार): सूर्य देव जब एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस घटना को संक्रांति के नाम से जाना जाता है। हालांकि, एक वर्ष में कुल 12 बार सूर्य अपनी राशि बदलते हैं। इस प्रकार, वर्षभर में कुल 12 बार संक्रांति आती हैं और इनमें से मकर संक्रांति को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। पंचांग के अनुसार, जब सूर्य ग्रह मेष राशि से वृषभ राशि में गोचर करते हैं, तो इसे वृषभ संक्रांति कहा जाता है। बता दें कि जब-जब सूर्य अपनी राशि परिवर्तन करते हैं, वह दिन सभी तरह के शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ होता है। 

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संकष्टी चतुर्थी (16 मई 2025, शुक्रवार): प्रथम पूज्य भगवान गणेश को संकष्टी चतुर्थी समर्पित होती है और यह हिंदू धर्म का एक प्रसिद्ध व्रत है। हालांकि, संकष्टी चतुर्थी का अर्थ संकट को हरने वाली चतुर्थी से होता है। हिंदू धर्म में श्रीगणेश को अपने भक्तों का कल्याण करने वाला और उनके कष्टों और दुखों को हरने वाला माना गया है इसलिए इनकी कृपा पाने के लिए भक्त संकष्टी चतुर्थी का व्रत करते हैं। 

अपरा एकादशी (23 मई 2025, शुक्रवार): अपरा एकादशी को अत्यंत शुभ और पावन माना गया है। यह अजला एकादशी के नाम से भी जानी जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अपरा एकादशी हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारस यानी कि ग्यारहवीं तिथि पर आती है और इस दिन ही भक्तों द्वारा अपरा एकादशी का व्रत किया जाता है। ऐसा कहते हैं कि इस एकादशी का व्रत करने से धन-धान्य और अपार पुण्य प्राप्त होता है। जो जातक अपरा एकादशी का व्रत करता है, उनको केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन के समान फल की प्राप्ति होती है। 

मासिक शिवरात्रि (25 मई 2025, रविवार): सनातन धर्म में महाशिवरात्रि और मासिक शिवरात्रि दोनों महत्वपूर्ण मानी जाती है जहां महाशिवरात्रि वर्ष में एक बार आती है, तो वहीं मासिक शिवरात्रि हर महीने आती है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है। पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। इस शिवरात्रि से जुड़ी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने वाले भक्त के जीवन से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो जाता है। 

ज्येष्ठ अमावस्या (27 मई 2025, मंगलवार): अमावस्या पितरों की शांति, तर्पण और दान-पुण्य जैसे धार्मिक कार्यों के लिए बहुत शुभ होती है। इन्हीं में से एक है ज्येष्ठ माह में आने वाली अमावस्या। ज्येष्ठ के महीने में आने के कारण इसे ज्येष्ठ अमावस्या कहा जाता है और इस दिन शनि जयंती का पर्व भी मनाया जाता है जिससे इस तिथि का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। वहीं, उत्तर भारत में सुहागिन महिलाएं ज्येष्ठ अमावस्या के दिन अपने पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री का व्रत करती हैं।       

मई 2025 में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर 

वैदिक ज्योतिष में हर महीने कोई न कोई ग्रह अपनी राशि, दशा, चाल या स्थिति में बदलाव करता है और इसका असर सभी राशियों, मानव जीवन और देश-दुनिया पर पड़ता है। ऐसे में, मई का महीना बहुत ख़ास माना जाएगा क्योंकि इस दौरान छः बड़े ग्रह अपना राशि परिवर्तन करेंगे जबकि सिर्फ़ एक ग्रह अपनी चाल में बदलाव करेगा। तो आइए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मई 2025 में कब और कौन सा ग्रह अपनी चाल में बदलाव करेगा।    ,                   

बुध का मेष राशि में गोचर (07 मई 2025): ग्रहों के युवराज के नाम से प्रसिद्ध बुध ग्रह 07 मई 2025 की रात 03 बजकर 53 मिनट पर मंगल की राशि मेष में गोचर कर जाएंगे। 

सूर्य का वृषभ राशि में गोचर (14 मई 2025): सूर्य को नवग्रहों का जनक कहा जाता है जो कभी अस्त, वक्री या मार्गी नहीं होते हैं। अब यह 14 मई 2025 की रात 11 बजकर 51 मिनट पर शुक्र की राशि वृषभ में प्रवेश करने जा रहे हैं।

बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर (15 मई 2025): ज्ञान के कारक ग्रह कहे जाने वाले गुरु ग्रह 15 मई 2025 की रात 02 बजकर 30 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे। इस गोचर का प्रभाव लंबे समय तक मनुष्य जीवन पर बना रहेगा। 

राहु का कुंभ राशि में गोचर (18 मई 2025): राहु को पापी ग्रह का दर्जा प्राप्त है जो एक क्रूर ग्रह माना गया है। अब राहु देव 18 मई 2025 की शाम 05 बजकर 08 मिनट पर शनि की राशि कुंभ में प्रवेश करने जा रहे हैं। 

केतु का सिंह राशि में गोचर (18 मई 2025): छाया ग्रह केतु को अशुभ और पापी ग्रह माना जाता और अब यह जल्द ही 18 मई 2025 की शाम 05 बजकर 08 मिनट पर सूर्य देव के आधिपत्य वाली राशि सिंह में गोचर करने जा रहे हैं। 

बुध मेष राशि में अस्‍त (18 मई 2025): 18 मई 2025 को होने वाली तीसरी बड़ी ज्योतिषीय घटना के अंतर्गत बुध की स्थिति में परिवर्तन होगा। बता दें कि राहु-केतु के बाद बुध महाराज 18 मई 2025 की रात 12 बजकर 13 मिनट पर मेष राशि में अस्‍त हो जाएंगे। 

बुध का वृषभ राशि में गोचर (23 मई 2025): मई 2025 में बुध एक बार फिर अपनी स्थिति में बदलाव करेंगे और इसी क्रम में, बुध महाराज अपनी अस्त अवस्था में 23 मई 2025 की दोपहर 12 बजकर 48 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर करेंगे।

शुक्र का मेष राशि में गोचर (31 मई 2025): प्रेम एवं ऐश्वर्य के कारक ग्रह के रूप में शुक्र देव 31 मई 2025 की सुबह  11 बजकर 17 मिनट पर मेष राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इस गोचर का असर संसार सहित विश्व पर दिखाई दे सकता है। 

नोट: मई 2025 के दौरान कोई ग्रहण नहीं लगेगा।  

चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको रूबरू करवाते हैं मई 2025 के शुभ मुहूर्तों से।   

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मई 2025 में मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त  

सबसे पहले हम बात करेंगे विवाह मुहूर्त की, जो जातक मई 2025 में विवाह के लिए तिथियां एवं मुहूर्त देख रहे हैं, तो उन्हें हम विवाह के शुभ मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं।

मई 2025 में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त

दिनांक एवं दिननक्षत्रतिथिमुहूर्त का समय
01 मई 2025, गुरुवार मृगशिरापंचमीसुबह 11 बजकर 23 मिनट से दोपहर 02 बजकर 21 मिनट तक 
05 मई 2025, सोमवारमाघनवमीरात 08 बजकर 28 मिनट से अगली सुबह 05 बजकर 54 मिनट तक
06 मई 2025, मंगलवारमाघनवमी, दशमीसुबह 05 बजकर 54 मिनट से दोपहर 03 बजकर 51 मिनट तक
8 मई 2025, गुरुवारउत्तराफाल्गुनी, हस्तद्वादशी दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से सुबह 05 बजकर 52 मिनट तक
09 मई 2025, शुक्रवारहस्तद्वादशी, त्रयोदशीसुबह 05 बजकर 52 मिनट से रात 12 बजकर 08 मिनट तक
10 मई 2025, शनिवार स्वाति चतुर्दशीसुबह 03 बजकर 15 मिनट से अगली सुबह 04 बजकर 01 मिनट तक 
14 मई 2025, बुधवारअनुराधाद्वितीयासुबह 06 बजकर 34 मिनट से सुबह 11 बजकर 46 मिनट तक
15 मई 2025, गुरुवारमूलचतुर्थीसुबह 04 बजकर 02 मिनट से अगली सुबह 05 बजकर 26 मिनट तक 
16 मई 2025, शुक्रवारमूलचतुर्थीसुबह 05 बजकर 49 मिनट से शाम 04 बजकर 07 मिनट तक
17 मई 2025, शनिवारउत्तराषाढ़ा पंचमीशाम 05 बजकर 43 मिनट से अगली सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक 
18 मई 2025, रविवारउत्तराषाढ़ाषष्ठीशाम 05 बजकर 48 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक
22 मई 2025, गुरुवारउत्तराभाद्रपदएकादशीरात 01 बजकर 11 मिनट से सुबह 05 बजकर 46 मिनट तक
23 मई 2025, शुक्रवारउत्तराभाद्रपद, रेवतीएकादशी, द्वादशीसुबह 05 बजकर 46 मिनट से अगली सुबह 05 बजकर 46 मिनट तक
24 मई 2025, शनिवार रेवतीद्वादशीसुबह 05 बजकर 22 मिनट से सुबह 08 बजकर 22 मिनट तक 
27 मई 2025, मंगलवाररोहिणी, मृगशीर्षप्रतिपदाशाम 06 बजकर 44 मिनट से अगली सुबह 05 बजकर 45 मिनट तक
28 मई 2025, बुधवारमृगशीर्षद्वितीयासुबह 05 बजकर 45 मिनट से शाम 07 बजकर 08 मिनट तक

मई 2025 में मुंडन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त

तिथिदिनमुहूर्त 
14 मई 2025बुधवार11:47:24 से 29:31:14
15 मई 2025गुरुवार05:30:37 से 14:08:04
19 मई 2025सोमवार06:14:48 से 29:28:25
28 मई 2025बुधवार05:24:42 से 24:30:22

अप्रैल 2025 में अन्नप्राशन संस्कार के शुभ मुहूर्त

अगर आप अपनी संतान का अन्नप्राशन संस्कार संपन्न करने का मन बना रहे हैं, लेकिन कोई शुभ मुहूर्त आपको मिल नहीं रहा है, तो यहां हम आपको मई 2025 में उपलब्ध अन्नप्राशन संस्कार के शुभ मुहूर्तों की संपूर्ण सूची प्रदान कर रहे हैं।

तिथिमुहूर्त 
1 मई 202513:29-15:46
9 मई 202519:50-22:09
14 मई 202507:03-12:38
19 मई 202519:11-23:34
28 मई 202509:22-18:3620:54-22:58

मई 2025 में कर्णवेध संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त

मई 2025 में जो माता-पिता अपनी संतान का कर्णवेध संस्कार संपन्न करना चाहते हैं, उनके लिए हम कर्णवेध संस्कार के शुभ मुहूर्त लेकर आये हैं। 

तिथिमुहूर्त
1 मई, 2025 13:29-15:46
2 मई, 202515:42-20:18
3 मई, 202507:06-13:2115:38-19:59
4 मई, 202506:46-08:42
9 मई, 202506:27-08:22 10:37-17:31
10 मई, 2025 06:23-08:18 10:33-19:46
14 मई, 202507:03-12:38
23 मई, 202516:36-18:55
24 मई, 202507:23-11:5814:16-18:51
25 मई, 202507:19-11:54
28 मई, 202509:22-18:36
31 मई, 202506:56-11:3113:48-18:24

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मई मासिक भविष्यवाणी 2025: 12 राशियों का भविष्यफल 

मेष राशि 

मई मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, यह महीना सामान्य तौर पर आपके लिए मिले-जुले परिणाम देने……(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि 

मई मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, यह महीना सामान्य तौर पर आपके लिए बेहतर परिणाम देता……(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

मई मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, यह महीना सामान्य तौर पर आपके लिए औसत लेवल के परिणाम…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि 

मई 2025 का महीना सामान्य तौर पर आपके लिए औसत से कुछ हद तक बेहतर परिणाम भी दे सकता…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि 

मई मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, मई 2025 का महीना सामान्य तौर पर आपके लिए मिले-जुले…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों! मई 2025 का महीना सामान्य तौर पर आपके लिए मिले जुले या औसत लेवल के …(विस्तार से पढ़ें)

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

तुला राशि 

मई 2025 का महीना सामान्य तौर पर आपके लिए औसत लेवल के परिणाम या फ़िर मिले-जुले परिणाम…(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

मई मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, यह महीना आपको काफी हद तक अनुकूल परिणाम दे सकता,…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि 

मई मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, मई 2025 का महीना सामान्य तौर पर आपके लिए मिले-जुले …(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि 

मई मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, मई 2025 का महीना सामान्य तौर पर आपके लिए एवरेज से…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि 

मई मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, मई 2025 का महीना सामान्य तौर पर आपके लिए काफी हद तक…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

मई मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, यह महीना सामान्य तौर पर आपके लिए औसत लेवल के परिणाम…(विस्तार से पढ़ें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. साल 2025 में अपरा एकादशी कब है?  

इस व्रत अपरा एकादशी 23 मई 2025 को होगी।   

2. क्या मई 2025 में कोई ग्रहण लगेगा? 

नहीं, साल 2025 के मई महीने में कोई ग्रहण नहीं लगने जा रहा है।

3. सूर्य का वृषभ राशि में गोचर कब होगा?  

वर्ष 2025 में सूर्य 14 मई 2025 को वृषभ राशि में गोचर करेंगे।