सालों बाद महाशिवरात्रि पर बनेगा ये दुर्लभ संयोग, शिव पूजा से मिलेगा सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद!

महाशिवरात्रि 2025 भोलेशंकर के भक्तों के लिए भक्ति का महापर्व होता है जिसका इंतज़ार उन्हें साल भर रहता है। इस दिन शिवजी के भक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत करते हैं और शिव-गौरी की विधि-विधान से आराधना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि महादेव महाशिवरात्रि के दिन धरती पर मौजूद सभी शिवलिंग में वास करते हैं इसलिए महाशिवरात्रि पर शिव पूजा से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। 

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एस्ट्रोसेज एआई का यह विशेष ब्लॉग आपको महाशिवरात्रि 2025 के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि एवं समय आदि। साथ ही, कौन सा समय होगा शिव पूजा के लिए श्रेष्ठ और कैसे करें इनकी पूजा? किन कामों को महाशिवरात्रि पर करने से बचें? इन सबके बारे में हम इस लेख में विस्तार से बात करेंगे। इसके अलावा, महाशिवरात्रि पर किये जाने वाले उपायों से भी आपको अवगत करवाएंगे। तो चलिए शुरुआत करते है महाशिवरात्रि स्पेशल इस ब्लॉग की। 

महाशिवरात्रि 2025: तिथि एवं समय 

सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक महाशिवरात्रि है। वैसे तो, हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि आती है, लेकिन फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। महाशिवरात्रि का महत्व साल भर में आने वाली सभी मासिक शिवरात्रि तिथियों से कहीं अधिक है। यह भगवान शंकर और आदिशक्ति माता पार्वती के विवाह की शुभ रात्रि होती है। वर्ष 2025 में महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी और इस बार की महाशिवरात्रि बेहद ख़ास होने वाली है। आइए नज़र डालते हैं महाशिवरात्रि पर पूजा के शुभ मुहूर्त पर।  

महाशिवरात्रि तिथि: 26 फरवरी 2025, बुधवार

चतुर्दशी तिथि का आरंभ: 26 फरवरी 2025 की सुबह 11 बजकर 11 मिनट पर 

चतुर्दशी तिथि की समाप्ति: 27 फरवरी 2025 की सुबह 08 बजकर 57 मिनट तक

निशीथ काल पूजा मुहूर्त: रात 12 बजकर 08 मिनट से रात 12 बजकर 58 मिनट तक

अवधि: 0 घंटे 50 मिनट

महाशिवरात्रि पारण मुहूर्त: सुबह 06 बजकर 49 मिनट से 08 बजकर 57 मिनट तक, 27 फरवरी को

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महाशिवरात्रि 2025 पर बन रहा है ये दुर्लभ संयोग 

साल 2025 की महाशिवरात्रि बहुत शुभ होने वाली है क्योंकि इस दिन सालों के बाद एक दुर्लभ योग बनने जा रहा है। हम सभी जानते हैं कि 144 साल बाद प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है और अब महाशिवरात्रि के दिन यानी कि 26 फरवरी 2025 को महाकुंभ का आखिरी शाही स्नान किया जाएगा। बता दें कि प्रयागराज में महाकुंभ और महाशिवरात्रि पर शाही स्नान का संयोग वर्षों बाद बन रहा है इसलिए इस दिन का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। 

महाशिवरात्रि 2025 का धार्मिक महत्व 

महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक पवित्र हिंदू त्योहार है। इस दिन शिव जी के भक्त भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। महाशिवरात्रि पर देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। अगर हम बात करें महाशिवरात्रि के धार्मिक महत्व की, तो इस पर्व के साथ कई मान्यताएं जुड़ी हैं जिसमें से एक हैं कि महाशिवरात्रि पर पहली बार शिवलिंग रूप में शिव जी प्रकट हुए थे। दूसरी मान्यता के अनुसार, महादेव और देवी पार्वती का विवाह महाशिवरात्रि की रात संपन्न हुआ था।

आध्यात्मिक रूप से, महाशिवरात्रि पर शिव पूजन से भक्तों के जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त महाशिवरात्रि के दिन सच्चे मन से शिव पूजन एवं व्रत करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस व्रत के प्रभाव से विवाहितों को सुख- सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, जो जातक अविवाहित होते हैं, उनकी जल्द ही शादी के योग बनते हैं। घर-परिवार में भी सुख-समृद्धि आती है और सदैव बरकत बनी रहती है। चलिए अब जानते हैं महाशिवरात्रि 2025 का ज्योतिषीय महत्व। 

ज्योतिषीय दृष्टि से महाशिवरात्रि 

बता दें कि भगवान शिव ही चतुर्दशी तिथि के स्वामी हैं इसलिए हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि व्रत किया जाता है। ज्योतिष में भी यह तिथि अत्यंत शुभ मानी गई है। इस समय सूर्य उत्तरायण होते हैं और ऋतुओं में भी परिवर्तन हो रहा होता है। 

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ज्योतिष की मानें तो, महाशिवरात्रि के अवसर पर अर्थात चतुर्दशी तिथि पर चंद्रमा कमज़ोर स्थिति में होता हैं। हम सब जानते हैं कि भगवान शिव ने चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण किया हुआ है इसलिए शिवजी की आराधना से जातक का चंद्रमा मज़बूत होता है जो कि मन के कारक कहे गए हैं। सामान्य शब्दों में कहें, तो शिव पूजन से व्यक्ति की इच्छा-शक्ति मज़बूत होती है।

महाशिवरात्रि 2025 पर इस विधि से करें शिव पूजा

  • महाशिवरात्रि पर भक्त प्रातः काल उठकर स्नान करें और भगवान शिव के सामने व्रत का संकल्प लें।
  • सर्वप्रथम पूजा के लिए एक चौकी की स्थापना करें और उसके ऊपर पीला या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इस पर थोड़े चावल रखें और फिर भगवान शिव की प्रतिमा या मूर्ति रखें।
  • अब एक मिट्टी या तांबे का कलश लेकर स्वास्तिक बनाएं और इस कलश में थोड़ा गंगाजल एवं जल मिलाने के बाद इसमें सुपारी, सिक्का एवं हल्दी की गांठ डालें। 
  • इसके बाद, शिव जी के सामने दीपक जलाएं और एक छोटे शिवलिंग को स्थापित करें। 
  • अब शिवलिंग का जल और उसके बाद दूध तथा पंचामृत से अभिषेक करें।
  • इसके पश्चात शिवलिंग को स्वच्छ करके उस पर बेलपत्र, धतूरा और फल-फूल आदि चढ़ाएं। 
  • अब शिव कथा पढ़ें और कपूर से भगवान शिव की आरती करें। साथ ही, प्रसाद का भोग लगाएं। 
  • अंत में भगवान शिव से अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना करें। 

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

इन चीज़ों के बिना महाशिवरात्रि पर अधूरी है भगवान शिव की पूजा

हिंदू धर्म के सभी देव-देवताओं में महादेव को सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले भगवान कहा जाता है जो कि भक्त के सच्चे हृदय से शिवलिंग पर जल चढ़ाने मात्र से ही प्रसन्न हो जाते हैं और उसके सभी मनोरथ पूर्ण करते हैं। लेकिन, यहाँ हम आपको उन चीज़ों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें महाशिवरात्रि की पूजा में जरूर शामिल करना चाहिए। 

बेलपत्र: भोलेबाबा को बेलपत्र अति प्रिय है। कहते हैं कि बेलपत्र में शिव जी, माता पार्वती और माता लक्ष्मी का वास होता है इसलिए शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्त के जीवन को खुशियों से भर देते हैं।

धतूरा: महाशिवरात्रि पर शिव पूजन करते समय भोलेनाथ को धतूरा अवश्य अर्पित करें क्योंकि शिव जी को धतूरा बहुत पसंद है। ऐसा करने से महादेव आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करेंगे।

केसर: भगवान शिव को महाशिवरात्रि के दिन लाल केसर जरूर चढ़ाएं। महाशिवरात्रि पर भोलेबाबा को लाल केसर अर्पित करने से आपके इच्छाएं पूरी होती हैं। 

शमी का फूल: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा करते समय शिव जी को शमी का पत्ता और फूल चढ़ाने चाहिए। ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग पर शमी का फूल चढ़ाने से भोलेनाथ आपको मनचाहा वरदान देते हैं।

शहद: महाशिवरात्रि पर महादेव की पूजा में शहद को भी शामिल करें और उन्हें अर्पित करें। शहद की मिठास से प्रसन्न होकर महादेव आपके जीवन को खुशियों से भर देंगे और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देंगे। 

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महाशिवरात्रि पर शिव जी को जरूर लगाएं इन 5 चीज़ों का भोग 

  1. ठंडाई: भगवान शिव को ठंडाई और भांग बहुत प्रिय है इसलिए महाशिवरात्रि पर शिव को ठंडाई में भांग मिलकर भोग लगाएं। ऐसा करने से महादेव जल्द प्रसन्न होते हैं।
  2. मखाने की खीर: महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को मखाने की खीर का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं। इससे आपको शिव जी की कृपा प्राप्त होगी। 
  3. हलवा: महाशिवरात्रि पर शिव जी का आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें सूजी या कुट्टू के आटे का हलवा बनाकर अर्पित करें। 
  4. मालपुआ: मालपुआ भी शिव शंकर को अत्यंत प्रिय है इसलिए महाशिवरात्रि पर मालपुआ में थोड़ी भांग मिलाकर शिव जी को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं। 
  5. लस्सी: महाशिवरात्रि पर शिव जी को लस्सी का भोग लगाने से आपको महादेव का आशीर्वाद मिलता है। हालांकि, मीठी लस्सी में थोड़ी भांग मिलाकर भगवान शंकर को भोग लगाएं। 

महाशिवरात्रि 2025 पर क्या करें?

  1. शिवलिंग पर हमेशा एक-एक करने जल या दूध चढ़ाना चाहिए और कभी भी एक साथ दोनों चीज़ों को न चढ़ाएं।
  2. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय शिव जी और माता पार्वती का ध्यान करें। 
  3. शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए सदैव लोटे का इस्तेमाल करें। 
  4. शिव जी का अभिषेक करते समय शिव मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए।
  5. अभिषेक के बाद शिवलिंग पर धतूरा, भांग, बेलपत्र, गंगाजल, दूध शहद एवं दही चढ़ानी चाहिए।

 महाशिवरात्रि पर क्या न करें?

  • महाशिवरात्रि 2025 पर घर में शांति बनाए रखें और किसी भी तरह के विवाद से बचें। 
  • शिवलिंग पर जल अर्पित समय कनेर,कमल और केतकी के फूलों को अर्पित करने से बचें। 
  • सिंदूर या श्रृंगार की सामग्री भी शिवलिंग पर चढ़ाने से बचें। 
  • महाशिवरात्रि के अवसर पर तामसिक भोजन के सेवन से परहेज़ करें और न ही मदिरापान करें। 
  • ध्यान रखें कि शिवलिंग पर भूल से भी शंख से जल न चढ़ाएं।
  • महाशिवरात्रि का व्रत करने वाले जातक इस दिन सोने से बचें। 
  • शिवलिंग पर काले तिल या फिर टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाएं। 

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महाशिवरात्रि से जुड़ी पौराणिक कथा

धर्मग्रंथों में वर्णित कथा के अनुसार, एक बार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर निषादराज अपने कुत्ते के साथ शिकार के लिए निकला था। लेकिन, वह निराश था क्योंकि उस दिन उसे कोई शिकार नहीं मिला था। थकान और भूख-प्यास से चूर होकर वह एक तालाब किनारे बैठ गया जहां बेल के वृक्ष के नीचे शिवलिंग रखा था। निषादराज ने अपने शरीर को थोड़ा आराम देने के लिए कुछ बेलपत्र तोड़े जो टूट कर शिवलिंग पर भी गिर गए। इसके पश्चात, उसने अपने हाथों को साफ करने के लिए तालाब का जल छिड़का जिसकी कुछ बूंदे शिवलिंग पर भी जाकर गिर गई । 

इस दौरान उसके धनुष का एक तीर नीचे जा गिरा जिसे उठाने के लिए जब वह झुका, तो शिवलिंग के सामने नतमस्तक भी हो गया। इस तरह निषादराज ने जाने-अनजाने में शिवरात्रि पर शिव-पूजन को पूरा कर लिया। जब मृत्यु के पश्चात निषादराज को यमराज के दूत लेने के लिए आए, तो शिवगणों ने उसकी मृत्यु से रक्षा की और उन्हें भगा दिया। महाशिवरात्रि पर शिव पूजा का निषादराज को शुभ फल मिला और तब से ही शिवरात्रि पर शिव पूजन किया जाने लगा। 

महाशिवरात्रि पर राशि अनुसार करें ये उपाय, मिलेगी शिव जी की कृपा 

मेष राशि: मेष राशि के जातक भगवान शिव को कच्चा दूध, चंदन और शहद अर्पित करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

वृषभ राशि: महाशिवरात्रि पर शिव जी को चमेली के फूल और बेल के पत्ते चढ़ाएं। साथ ही, आप ‘ॐ नागेश्वराय नमः’ मंत्र का जाप करें।

मिथुन राशि: इस राशि के जातक शिव पूजा में महादेव को धतूरा और गन्ने का रस अर्पित करें।

कर्क राशि: कर्क राशि वाले महाशिवरात्रि पर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें और रुद्राभिषेक करें।

सिंह राशि: महाशिवरात्रि के दिन आप शिवलिंग पर कनेर के फूल चढ़ाएं। साथ ही, शिव चालीसा का पाठ करें।

कन्या राशि: कन्या राशि के जातक महाशिवरात्रि पर शिवशंकर की कृपा पाने के लिए बेलपत्र चढ़ाने के साथ-साथ पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें।

तुला राशि: आप महाशिवरात्रि के दिन भोलेबाबा को दही, घी और शहद के साथ केसर अर्पित करें।

वृश्चिक राशि: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर आप रुद्राष्टकम का जाप करें।

धनु राशि: धनु राशि के जातक इस दिन शिव पंचाक्षर स्तोत्र और शिवाष्टक का पाठ करें।

मकर राशि: शिव जी का आशीर्वाद पाने के लिए आप शिवलिंग पर तिल का तेल और बेल के फल चढ़ाएं।

कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातक महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें। संभव हो, तो आप ग्यारह ब्राह्मणों को भोजन करवाएं।

मीन राशि: मीन राशि वाले महाशिवरात्रि के दिन शिव जी को केतकी के फूल अर्पित करें। साथ ही, मंदिर में सफेद वस्त्र का दान करें। 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

1. 2025 में महाशिवरात्रि कब है?

इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। 

2. महाशिवरात्रि कब मनाई जाती है?

पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है।

3. महाशिवरात्रि पर क्या करें?

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। 

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