श्रावण अमावस्या 2025: पूर्णिमा, एकादशी की तरह ही अमावस्या तिथि को भी हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी क्रम में, सावन माह की अमावस्या का अत्यंत महत्व है जिसे श्रावण अमावस्या और हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। नारद पुराण में कहा गया है कि श्रावण अमावस्या पर दान, यज्ञ-हवन, देव पूजा, वृक्षारोपण और पितृ तर्पण करने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं, सावन में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है इसलिए हरियाली अमावस्या पर इनकी पूजा से जातक की मनोकामना शीघ्र पूर्ण होती है। साथ ही, यह तिथि कुंवारी कन्याओं के लिए भी खास होती है क्योंकि शिवजी और माँ पार्वती के पूजन से उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।

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श्रावण अमावस्या या हरियाली अमावस्या का व्रत करने से सुहागिन स्त्रियों को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। कुंडली में मौजूद अशुभ दोषों से राहत के लिए भी यह तिथि फलदायी साबित होती है। अगर आपको भी श्रावण अमावस्या 2025 के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, तो आप चिंता न करें क्योंकि एस्ट्रोसेज एआई का यह ब्लॉग आपको श्रावण अमावस्या के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, हरियाली अमावस्या की तिथि, महत्व, कथा और पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिन किए जाने वाले उपाय के बारे में भी बताएगा। आइए बिना देर किए शुरुआत करते हैं श्रावण अमावस्या के इस ब्लॉग की।
श्रावण अमावस्या 2025: तिथि एवं शुभ मुहूर्त
हम यह बात भली-भांति जानते हैं कि सावन माह भगवान शिव को बेहद प्रिय है इसलिए इस महीने में आने वाली प्रत्येक तिथि का अपना अलग महत्व होता है, चाहे वह चतुर्दशी, पूर्णिमा या अमावस्या तिथि हो। बता दें कि सावन माह की अमावस्या को श्रावण अमावस्या, हरियाली अमावस्या, गटारी अमावस्या, चितलगी अमावस्या और चुक्कला अमावस्या भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग में यह अमावस्या सावन माह में आती है जबकि अंग्रेजी कैलेंडर में जुलाई-अगस्त में पड़ती है और दान-स्नान, यज्ञ और पितृ तर्पण जैसे धार्मिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ होती है। चलिए अब हम आपको अवगत करवाते हैं हरियाली अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में।
श्रावण अमावस्या की तिथि: 24 जुलाई 2025, गुरुवार
श्रावण अमावस्या तिथि का आरंभ: 24 जुलाई 2025 की रात 02 बजकर 31 मिनट से,
श्रावण अमावस्या तिथि समाप्त: 25 जुलाई 2025 की रात 12 बजकर 43 मिनट तक।
अब हम आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं इस दिन बनने वाले शुभ योग के बारे में।
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श्रावण अमावस्या 2025 पर इस शुभ योग में करें पूजा
वैसे तो, हर रोज़ अनेक शुभ योग और राजयोग बनते हैं, लेकिन जब किसी विशेष तिथि पर कोई शुभ योग बनता है, तो उस तिथि का महत्व बढ़ जाता है। इस प्रकार, श्रावण अमावस्या 2025 पर बेहद शुभ माने जाने वाले हर्शण योग का निर्माण हो रहा है जो 24 जुलाई 2025 की सुबह 09 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। यह योग ख़ुशी और आनंद के लिए जाना जाता है और इस दौरान किए गए कार्यों में सफलता और सकारात्मक फल देता है। हर्शण योग सभी तरह के शुभ कार्यों के लिए उत्तम होता है। इसके अलावा, श्रावण अमावस्या पर कर्क राशि में सूर्य और शुक्र युति कर रहे होंगे, लेकिन इसे दांपत्य जीवन के लिए शुभ नहीं कहा जा सकता है।
श्रावण अमावस्या का धार्मिक महत्व
धार्मिक दृष्टि से श्रावण अमावस्या को विशेष माना जाता है और सावन में पड़ने के कारण इस अमावस्या के महत्व में कई गुना वृद्धि हो जाती है। ऐसे में, यह तिथि भगवान शिव को प्रसन्न करने के साथ-साथ उनकी कृपा पाने के लिए श्रेष्ठ होती है। शास्त्रों के अनुसार, श्रावण अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा और स्नान-दान करना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि महादेव की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इस दिन पवित्र जलाशयों और कुंडों में स्नान करने के बाद दान करना बहुत फलदायी सिद्ध होता है। यह दिन पेड़-पौधे लगाने के लिए बहुत उपयुक्त होता है।
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श्रावण अमावस्या या हरियाली अमावस्या पर विशेष रूप से तुलसी और पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास होता है और श्रावण अमावस्या पर इनके पूजन से देवी-देवताओं की कृपा आप पर बनी रहती है। वहीं बात करें पितृ पूजन की तो, प्रत्येक अमावस्या की तरह श्रावण अमावस्या पितृ तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए श्रेष्ठ होती है। वर्ष भर आने वाली 12 अमावस्या में से कुछ विशेष माह में आने वाली अमावस्या का अपना अलग महत्व होता है, इन्हीं में से एक है श्रावण अमावस्या। इस तिथि पर श्राद्ध, पितृ कर्म और पितृ शांति पूजा करना कल्याणकारी माना गया है।
हरियाली अमावस्या का महत्व
सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है और इस दिन नए पेड़-पौधे लगाने की परंपरा है। हरियाली अमावस्या को मानसून आगमन का प्रतीक माना जाता है क्योंकि इस दिन से बारिश की शुरुआत हो जाती है। इसके आधार पर कृषि कैसी रहेगी, इस बात की गणना की जाती है। हरियाली अमावस्या पर प्रकृति में चारों तरफ हरियाली छाई रहती है और इसे हरियाली तीज से ठीक तीन दिन पहले मनाया जाता है।
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बता दें कि श्रावण हिंदू वर्ष का पांचवां महीना होता है और इस पूरे माह में भगवान शिव की आराधना भक्तिभाव से की जाती है। हिंदू धर्मग्रंथों में प्रकृति में भगवान का वास माना जाता है, फिर चाहे वह पेड़-पौधे और नदी-तालाब हो। इसी क्रम में, पीपल के पेड़ में त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु महेश) वास करते हैं इसलिए हरियाली अमावस्या पर पीपल और तुलसी की पूजा करने का विधान है क्योंकि तुलसी विष्णु जी को प्रिय है।
आइए अब जानते हैं श्रावण अमावस्या की पूजा विधि के बारे में।
श्रावण अमावस्या 2025 की पूजा विधि
- श्रावण अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व उठें और पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा करना आपके लिए संभव न हो, तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- स्नान से निवृत्त होने के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मंदिर में दीपक जलाने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। यदि व्रत करना हो, तो व्रत का संकल्प करें।
- अब शिव जी और माँ पार्वती की विधि पूर्वक उपासना करें और माता का श्रृंगार करें।
- अमावस्या तिथि पितरों से जुड़े कार्यों को करने के लिए उत्तम होती है इसलिए इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और दान अवश्य करें।
- श्रावण अमावस्या पर भगवान का ध्यान करें और धार्मिक कार्यों में समय बिताएं।
- सावन माह में आने की वजह से श्रावण अमावस्या पर रुद्राभिषेक करने को शुभ माना गया है। ऐसा करने से आपको भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
- अमावस्या की रात्रि में जागरण और शिव पुराण का पाठ करना चाहिए।
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श्रावण अमावस्या 2025 पर इन कार्यों को करने से बचें
- पितृ दोष के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए श्रावण अमावस्या पर नाख़ून और बाल नहीं काटने चाहिए।
- श्रावण अमावस्या के दिन बाल धोने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से कुंडली में नकारात्मक प्रभाव जन्म ले सकते हैं।
- इस दिन शुभ एवं मांगलिक कार्यों से बचना चाहिए और न ही वाहन जैसे कार, स्कूटी आदि खरीदना चाहिए।
- श्रावण अमावस्या पर झूठ बोलने और लालच करने से बचें।
- इसके अलावा, इस दिन तुलसी, बेलपत्र और पीपल के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
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श्रावण अमावस्या पर ज़रूर करें ये उपाय
- श्रावण अमावस्या पर पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करते हुए सूत लपेटना चाहिए।
- जीवन से दुख दूर करने के लिए इस अमावस्या पर भगवान शिव को काले तिल अर्पित करें।
- आरोग्यता की प्राप्ति के लिए श्रावण अमावस्या पर आंवले के वृक्ष की पूजा करें।
- इस अमावस्या पर भगवान शिव को मालपुए का भोग लगाएं। ऐसा करने से दुखों का अंत होता है।
- श्रावण अमावस्या पर चंदन का लेप लगाने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
साल 2025 में श्रावण अमावस्या 24 जुलाई, गुरुवार को पड़ेगी।
इस दिन पेड़-पौधे लगाएं और भगवान शिव की पूजा करें।
हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में कुल 12 अमावस्या तिथि आती है।