भाई-बहन के रिश्ते का सबसे प्यारा और पवित्र पर्व है रक्षाबंधन। यह सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि स्नेह, विश्वास और सुरक्षा का वादा है, जो बहन अपने भाई की कलाई पर बांधती है। हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाले यह पर्व, पारंपरिक भावना और आधुनिक रिश्तों का सुंदर मेल है। राखी की डोरी में लिपटे होते हैं बचपन की शरारतें, साथ बिताए हुए लम्हे और एक दूसरे के लिए अटूट प्रेम। यह दिन हमें याद दिलाता है कि चाहे दूरियां हो या मतभेद, भाई-बहन का बंधन हर परिस्थिति में मजबूत बना रहता है।

आइए जानते हैं रक्षाबंधन 2025 की तिथि, मुहूर्त इस दिन क्या करें क्या न करें, राशि अनुसार उपाय व और भी बहुत कुछ।
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रक्षाबंधन 2025: तिथि व मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत 08 अगस्त की दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 09 अगस्त की दोपहर 01 बजकर 26 मिनट पर होगा। ऐसे में, उदया तिथि के अनुसार, रक्षाबंधन का त्योहार 09 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन 2025 शुभ मुहूर्त: 09 अगस्त 2025 की सुबह 05 बजकर 46 मिनट से दोपहर 01 बजकर 26 मिनट तक।
अवधि :7 घंटे 40 मिनट
पंचांग
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 46 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 06 मिनट पर
चंद्रोदय: शाम 07 बजकर 21 मिनट पर
चन्द्रास्त: चन्द्रास्त नहीं
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 04 मिनट तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 40 मिनट से 03 बजकर 33 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 07 बजकर 06 मिनट से 07 बजकर 27 मिनट तक
निशिता मुहूर्त: रात 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
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रक्षाबंधन 2025 पर क्या करें और क्या न करें
ये कार्य जरूर करें
- सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और दिन की शुरुआत पवित्रता से करें।
- राखी बांधने से पहले पूजा थाली तैयार करें। थाली में राखी, अक्षत, रोली, मिठाई और दीपक रखें।
- राखी बांधते समय दिशा का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान भाई का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए जबकि बहन का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।
- बहनों को भाई की कलाई पर राखी बांधते वक्त तीन गांठ लगानी चाहिए।
- भाई की आरती करें और तिलक लगाएं। इसके बाद राखी बांधे और मिठाई खिलाएं।
- राखी बांधते समय भाई के सिर पर कपड़ा जरूर रखें।
- भाई बहन को उपहार दें। उपहार प्रेम और सम्मान का प्रतीक होता है।
- जरूरतमंदों को दान दें। इस दिन दान पुण्य का विशेष महत्व है।
- रक्षाबंधन पर भाई की कलाई में राखी बांधने से पहले माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा जरूर करें।
- रक्षासूत्र यानी राखी घर के देवताओं को भी अर्पित करें। विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण या अपने इष्टदेव को।
- अगर भाई दूर है, तो राखी पोस्ट या ऑनलाइन भेजें।
इन कामों को करने से बचें
- राखी बिना मुहूर्त के न बांधे। अशुभ समय या भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए।
- भाई की बाईं कलाई में राखी न बांधें।
- झूठ बोलकर या बहस करके राखी का त्योहार न मनाएं। यह प्रेम और समझ का पर्व है न कि मतभेद का।
- भोजन से पहले राखी न बांधे। पहले पूजा और राखी का कार्यक्रम करें, फिर भोजन करें।
- नशे या मांसाहार से दूर रहें। यह पर्व सात्विकता और पवित्रता का प्रतीक है।
- राखी बांधने के बाद थाली को यूं ही न छोड़ें। पूजा की थाली को आदरपूर्वक समेटें।
- भाई-बहन एक दूसरे को उपहार में रुमाल, तौलिया, परफ्यूम और नुकीली चीजें नहीं देना चाहिए।
- भाई का तिलक करते वक्त टूटे चावल का उपयोग न करें।
- इस दिन भाई या बहन को काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए न ही इस रंग का इस्तेमाल करना चाहिए।
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राखी बांधते समय कितनी गांठ बांधनी चाहिए और क्यों?
राखी बांधते समय सामान्यतः: तीन गांठें बांधने की परंपरा मानी जाती है। पहली गांठ- रक्षा का संकल्प यह गांठ भाई की लंबी उम्र, सुरक्षा और सुख-समृद्धि के लिए बांधी जाती है। दूसरी गांठ- प्रेम और विश्वास का प्रतीक यह भाई-बहन के रिश्ते में अटूट प्रेम, सम्मान और भरोसे की भावना को दर्शाती है। तीसरी गांठ- धर्म और नैतिकता का बंधन यह गांठ भाई को उसके कर्तव्यों की याद दिलाती है कि वह जीवन में धर्म, सत्य और मर्यादा के मार्ग पर चलें और बहन की हर परिस्थिति में रक्षा करें।
गांठें बांधते समय बहन मौन रूप से रक्षा, प्रेम और सद्बुद्धि का आशीर्वाद देती है। यह एक तरह से ऊर्जा का संकल्प बंधन होता है, जिससे नकारात्मक शक्तियां दूर रहें और भाई सुरक्षित रहे। कुछ परंपराओं में पांच गांठें भी बांधी जाती है, जो पंचतत्व और पांच देवताओं को समर्पित होती हैं। गांठ बांधते समय कोई शुभ मंत्र ‘ॐ रक्षं च रक्षाय’ स्वाहा का मन ही मन जाप करना चाहिए। गांठें धीरे-धीरे और श्रद्धा से बांधें, कोई जल्दबाजी न करें।
रक्षाबंधन पर विशेष रक्षा मंत्र
- “ॐ येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥”
- “रक्षासूत्रं शुभं दत्तं भुक्तिमुक्तिफलप्रदं। चीरयित्वा पवित्रेण बद्धं चास्तु सुते रणे॥”
- “चिरंजीवी भव। आयुष्मान् भव। विजयी भव। सर्वसंपदां प्राप्तिर्भवतु।”
राखी बांधने से पहले भाई को तिलक लगाएं, आरती करें। फिर धीरे से राखी बांधते हुए उपरोक्त रक्षा मंत्रों में से कोई भी एक बोलें। मन में भाई की कुशलता और सुरक्षा की भावना रखें।
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रक्षाबंधन 2025 पर राशि अनुसार किस रंग की राखी बांधें?
मेष राशि
भाई की कलाई पर लाल रंग की राखी बांधें। इसके साथ ही, पांच गुड़ और धनिया के दाने भाई को खिलाएं। ऐसा करने से, भाई-बहन में सामंजस्य बढ़ेगा और क्रोध कम होगा।
वृषभ राशि
भाई की कलाई पर चांदी के तार वाली सफेद राखी बांधे। बहन भाई को दही और मिश्री खिलाएं। ऐसा करने से पारिवारिक स्थिरता और आर्थिक प्रगति होगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों को हरे रंग की राखी का प्रयोग करना चाहिए। साथ ही, भाई को हरी इलायची या हरे मूंग का दान करना चाहिए। ऐसा करने से, भाई की बुद्धि तेज होगी और रिश्ते में स्पष्टता आएगी।
कर्क राशि
चांदी की राखी या सफेद रंग की राखी बांधे। इसके साथ ही भाई को खीर या सफेद मिठाई खिलाएं। ऐसा करने से भावनात्मक मजबूती और मानसिक शांति मिलेगी।
सिंह राशि
सुनहरे रंग की राखी या केसरिया रंग की राखी बांधे। भाई को गुड़ और गाय का घी मिलाकर खिलाएं। ऐसा करने से सम्मान, आत्मबल और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होगी।
कन्या राशि
हरे या हल्के पीले रंग की राखी बांधें। भाई को फल, खासकर सेब या केला भेंट करें। ऐसा करने से रोगों से रक्षा और मानसिक एकाग्रता में लाभ होगा।
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तुला राशि
तुला राशि के जातकों को अपने भाई को गुलाबी या सिल्वर रंग की राखी बांधनी चाहिए और भाई को खीर या बताशे खिलाना चाहिए। ऐसा करने से रिश्तों में संतुलन और मधुरता बनी रहेगी।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि की बहनें अपने भाई को लाल और मावे की राखी बांधनी चाहिए। साथ ही, भाई को लाल चंदन या लाल फल दें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा और साहस में वृद्धि होगी।
धनु राशि
पीले रंग की राखी या हल्दी से बनी राखी बांधें। साथ ही, भाई को बेसन की मिठाई खिलाएं। ऐसा करने से, भाग्य का साथ मिलेगा और पढ़ाई या करियर में लाभ होगा।
मकर राशि
नीले या स्लेटी रंग की राखी बांधें। भाई को तिल या तिल से बनी मिठाई दें। ऐसा करने से कार्यक्षेत्र में उन्नति और स्थायित्व मिलेगा।
कुंभ राशि
नीले या काले रंग की राखी बांधें। साथ ही, भाई को काले तिल और गुड़ का सेवन कराएं। ऐसा करने से दुर्भाग्य से बचाव और आकस्मिक लाभ की संभावना बढ़ जाती है।
मीन राशि
मीन राशि की बहनों को अपने भाइयों को पीले, हल्दी वाले धागे की राखी बांधनी चाहिए। साथ ही, बाई को केसर युक्त दूध या मिठाई खिलानी चाहिए। ऐसा करने से आध्यात्मिक प्रगति और रिश्तों में सच्चाई बनी रहेगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
साल 2025 में 09 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा।
राखी बिना मुहूर्त के न बांधें। अशुभ समय या भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए।
ॐ येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।