बुध कर्क राशि में वक्री: ज्योतिष की दुनिया में हर ग्रह का अपना अलग स्थान है और यह इंसान के जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों पर आधिपत्य रखते हैं। इसी क्रम में, ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध ग्रह को एक ऐसे ग्रह का दर्जा प्राप्त है जो हर व्यक्ति की ज़िन्दगी को गहराई से प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। कुंडली में बुध की मज़बूत स्थिति जातक को तेज़ बुद्धि, मज़बूत संचार कौशल और व्यापार में सफलता प्रदान करती है। वहीं, इनकी कमज़ोर अवस्था जातक को अपनी बात या भावनाएं दूसरे के सामने रखने में असमर्थ बनाती हैं। साथ ही, जातक को हकलाने की समस्या परेशान करने लगती है। इस प्रकार हम अंदाज़ा लगा सकते हैं कि बुध ग्रह हमारे जीवन में कितने मायने रखते हैं इसलिए इनकी चाल या स्थिति में होने वाला हर परिवर्तन विशेष माना जाता है। अब यह जल्द ही कर्क राशि में वक्री होने जा रहे हैं।

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एस्ट्रोसेज एआई का आज का यह ब्लॉग आपको “बुध कर्क राशि में वक्री” से संबंधित सारी जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि और समय आदि। अगर आप भी यह जानने के लिए उत्साहित हैं कि कर्क राशि में वक्री होकर बुध किन राशियों के जीवन में सौभाग्य लेकर आएंगे और किन राशियों के लिए यह परेशानी बढ़ाने का काम करेंगे? किन राशियों पर होगी धन की बरसात और किन्हें करना होगा आर्थिक संकट का सामना? इस तरह के सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस लेख में प्राप्त होंगे। साथ ही, बुध कर्क राशि में वक्री के दौरान आप कौन से उपाय अपनाकर बुध के अशुभ प्रभावों से बच सकते हैं, यह भी हम आपको बताएंगे। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं बुध वक्री के बारे में सब कुछ।
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बुध कर्क राशि में वक्री: तिथि और समय
तर्क-वितर्क, संवाद और बुद्धि के कारक ग्रह बुध सौरमंडल के सबसे छोटे ग्रह हैं और यह अपनी तेज़ रफ़्तार के लिए जाने जाते हैं। बुध की तीव्र गति की वजह से इनका गोचर हर 23 से 27 दिन में होता है और साथ ही, यह जल्दी-जल्दी अस्त, वक्री और मार्गी होते हैं। ऐसे में, अब बुध महाराज अपने शत्रु चंद्रमा की राशि कर्क में 18 जुलाई 2025 की सुबह 09 बजकर 45 मिनट पर वक्री होने जा रहे हैं। बता दें कि ग्रह के वक्री होने को शुभ नहीं माना जाता है और यहाँ बुध देव अपनी शत्रु राशि में वक्री हो रहे हैं जो कि एक कमज़ोर स्थिति कही जा सकती है। ऐसे में, इनकी वक्री चाल का असर सभी राशियों समेत विश्व पर भी दिखाई दे सकता है। इस प्रकार, यह अवधि कुछ राशियों के लिए शुभ रहेगी और कुछ के लिए अशुभ। लेकिन, इससे पहले हम बात करेंगे वक्री चाल के बारे में।
क्या होता है ग्रह का वक्री होना?
हम सभी इस बात को भली-भांति जानते हैं कि ग्रह अस्त, उदय, वक्री और मार्गी होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं किसे कहते हैं वक्री ग्रह? तो बता दें कि ज्योतिष के अनुसार, किसी ग्रह का वक्री होना उस घटना को कहा जाता है जब कोई ग्रह अपने परिक्रमा पथ पर आगे बढ़ने के बजाय पीछे की तरफ यानी कि उल्टा चलता हुआ प्रतीत होता है। इसको ही ग्रह का वक्री होना कहते हैं। हालांकि, वास्तव में कोई ग्रह वक्री नहीं होता है, परंतु वह दूर से देखने पर उल्टा चलता हुआ नज़र आता है। वैदिक ज्योतिष की मानें तो, ग्रह की वक्री चाल जातकों के जीवन को काफ़ी प्रभावित करती है।
चलिए अब नज़र डालते हैं मनुष्य जीवन पर बुध ग्रह के प्रभाव के बारे में।
कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर
मनुष्य जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर बुध ग्रह का प्रभाव
बुध ग्रह की शुभ और अशुभ स्थिति व्यक्ति के जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करती है, कैसे? आइए जानते हैं।
करियर पर बुध का प्रभाव:
करियर में बुध ग्रह को महत्वपूर्ण माना जाता है और किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में इनकी स्थिति व्यापार में सफल होने की आपकी क्षमता, फैसले लेने और सोच-विचार करने के तरीके को दर्शाती है। बुध देव की शुभ स्थिति जातक को नेटवर्किंग, डाटा और लेखन के क्षेत्र में कामयाबी दिला सकती है। वहीं, इस ग्रह की दुर्बल अवस्था के चलते आप सबके सामने अपनी बात रखने या अपने काम को समय पर पूरा करने में नाकाम रह सकते हैं।
आर्थिक जीवन पर बुध का प्रभाव:
अगर हम बात करें आर्थिक जीवन की तो, बुध ग्रह की स्थिति ख़ास हो जाती है क्योंकि बुध महाराज धन से जुड़े मामलों में संचार और कागज़ी कामों आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन, जब कभी बुध वक्री अवस्था में होते हैं, तो जातक को धन के संबंध में किसी भी तरह के फैसले लेने और बेकार की खरीदारी करने से बचना चाहिए। इस दौरान पैसों को लेकर सावधानी बरतें, अन्यथा आप छलकपट का शिकार हो सकते हैं।
प्रेम जीवन पर बुध ग्रह का प्रभाव
बुध ग्रह जब मार्गी अवस्था में होते हैं, तब जातक का संचार कौशल काफ़ी अच्छा रहता है। इन लोगों का प्रेम जीवन पार्टनर के साथ हंसी-ख़ुशी से गुलज़ार रहता है। साथ ही, आप एक-दूसरे से खुलकर बात करते हुए दिखाई देते हैं, परंतु बुध देव के वक्री होने की अवधि में आपके रिश्ते में जीवनसाथी के साथ बहस होने के साथ-साथ ग़लतफहमी जन्म ले सकती है। इसके अलावा, इस दौरान आप दोनों बेकार के वाद-विवाद में भी पड़ सकते हैं।
वैवाहिक जीवन पर बुध का प्रभाव:
बुध की वक्री अवस्था उन लोगों के लिए समस्याओं का कारण बनती है जो विवाह के योग्य होते हैं और विवाह करना चाहते हैं। बता दें कि यदि आप विवाह के बंधन में बंध जाते हैं, तो बुध देव की कृपा से साथी और आपके बीच आपसी तालमेल और संचार कौशल मज़बूत होता है। साथ ही, आप दोनों एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और आप अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से निभाते हैं।
स्वास्थ्य पर बुध का प्रभाव
स्वास्थ्य को प्रभावित करने के लिए सिर्फ़ बुध ग्रह की स्थिति पर्याप्त नहीं होती है, बल्कि यह किस ग्रह को देख रहे हैं और किसके साथ युति का निर्माण कर रहे हैं, इसे भी देखा जाता है। बुध मित्र ग्रहों के साथ बैठे होने पर आपको अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देते हैं और छोटे-मोटे रोग भी एक-दो दिन बाद दूर हो जाते हैं जबकि अशुभ बुध आपकी वाणी को प्रभावित करता है।
अब हम आपको अवगत करवाते हैं बुध महाराज अलग-अलग भावों में कैसे परिणाम देते हैं।
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विभिन्न भावों पर बुध ग्रह का प्रभाव
कुंडली के अलग-अलग भावों में बुध ग्रह से मिलने वाले परिणाम भिन्न-भिन्न होते हैं जो कि इस प्रकार हैं:
केंद्र भावों (प्रथम, चौथा, सातवां और दसवां) पर प्रभाव
प्रथम भाव: कुंडली के लग्न भाव में उपस्थित बुध महाराज आपके सोच-विचार करने, दूसरों से बात करने और खुद को सही तरीके से पेश करने की क्षमता को मज़बूत करते हैं। आपका आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और वहीं, दुर्बल बुध के प्रभाव से आप खुद पर संदेह करते हैं।
चौथा भाव: बुध देव के चौथे भाव में मौजूद होने पर आपकी तार्किक सोच और घर-परिवार को लेकर भावनाओं में टकराव देखने को मिल सकता है। ऐसे में, अलगाव की भावना जन्म ले सकती है।
सातवां भाव: जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह सातवें भाव में बैठे होते हैं, उनके लिए यह स्थिति आपके सबसे करीबी रिश्ते को संभालने और आपके द्वारा इस दिशा में किए जाने वाले प्रयासों का प्रतिनिधित्व करती है।
दसवां भाव: दसवें भाव में बुध महाराज की स्थिति आपके पेशेवर जीवन की दशा और दिशा को निर्धारित करती है। मज़बूत बुध सामने वाले को अपनी बात समझाने की कला आपको प्रदान करते हैं और वहीं, अशुभ बुध अपनी बात रखने में परेशानी की तरफ इशारा करती है।
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कमज़ोर बुध के पांच संकेत
- बुध के दुर्बल होने पर जातक हकलाने लगता है और अपनी बात सही से दूसरों के सामने नहीं रख पाता है।
- बालों का झड़ना और नाख़ूनों का टूटना बुध के अशुभ होने का संकेत होता है।
- करियर के क्षेत्र में मिलने वाली असफलता और व्यापार में हानि होने की वजह बुध देव की अशुभ स्थिति होती है।
- घर-परिवार की महिला रिश्तेदारों जैसे बहन, बुआ, मौसी और साली के साथ रिश्ते बिगड़ने का कारण कमज़ोर बुध होता है।
- दोस्तों के साथ वाद-विवाद और मतभेद के लिए भी बुध ग्रह की नकारात्मक स्थिति जिम्मेदार होती है।
अब हम आपको बताने जा रहे हैं बुध ग्रह को मज़बूत करने के उपाय।
बुध कर्क राशि में वक्री: सरल और प्रभावी उपाय
- बुधवार के दिन व्रत करने और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से बुध ग्रह बलवान होते हैं। साथ ही, गणेश जी को मूंग के लड्डू प्रसाद के रूप में भोग लगाएं।
- बुध ग्रह से सकारात्मक परिणाम पाने के लिए आप पन्ना रत्न अंगूठी में जड़वाकर पहन सकते हैं। लेकिन, ऐसा किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेने के बाद ही करें।
- कुंडली में बुध को मज़बूत करने के लिए बुधवर के दिन हरी रंग की वस्तुओं का दान करें। साथ ही, गाय को हरा चारा खिलाएं।
- बुधवार को बुध देव की पूजा के दौरान बुध ग्रह के बीज मंत्र “ॐ बुं बुधाय नमः” का जाप करना फलदायी रहेगा।
- बुध महाराज की कृपा पाने के लिए बुध देव की पूजा के बाद बुध स्तोत्र का पाठ करें।
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बुध कर्क राशि में वक्री: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न.
बुध महाराज कर्क राशि में 18 जुलाई 2025 को वक्री हो जाएंगे।
राशि चक्र की चौथी राशि कर्क के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं।
जब कोई ग्रह दूर से देखने पर उल्टा चलता हुआ प्रतीत होता है, तो इसे ही ग्रह का वक्री होना कहा जाता है।