कर्क राशि में बुध होंगे अस्त, इन 3 राशियों के बिगड़ सकते हैं बने-बनाए काम, हो जाएं सावधान!

कर्क राशि में बुध अस्त, इन 3 राशियों के बिगड़ सकते हैं बने-बनाए काम, हो जाएं सावधान!

बुध कर्क राशि में अस्त: धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से बुध ग्रह को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह संसार और मनुष्य जीवन दोनों को प्रभावित करने की अपार क्षमता रखते हैं। ज्योतिष शास्त्र में बुध देव बुद्धि, वाणी और संचार कौशल के प्रमुख ग्रह माने गए हैं और सौरमंडल में ग्रहों के जनक सूर्य के सबसे नज़दीक स्थित हैं। बात करें इनके व्यक्तित्व की तो, बुध महाराज बेहद आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी हैं और यह अपनी मधुर वाणी से किसी को भी मोहित कर सकते हैं। हालांकि, बुध ग्रह धन और भाग्य से भी जुड़े हैं। अब बुध देव जल्द ही कर्क राशि में अस्त होने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष लेख में हम “बुध कर्क राशि में अस्त” के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही, बुध की अस्त अवस्था कैसे संसार और राशियों को प्रभावित करेगी? किन उपायों की सहायता से आप बुध अस्त के दुष्प्रभावों से बच सकेंगे? इससे भी हम आपको अवगत करवाएंगे। तो चलिए बिना देर किए हम शुरुआत करते हैं इस लेख की।  

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बात करें बुध ग्रह की तो, ज्योतिष में बुध महाराज को युवा, असामान्य क्षमताओं से पूर्ण और बुद्धिमान ग्रह के रूप में वर्णित किया गया है। दूसरी तरफ, इनका स्वभाव बहुत शांत माना गया है और यह तीव्र गति से चलते हैं इसलिए इन्हें अपना राशि परिवर्तन करने और चाल या दशा में बदलाव करने में ज्यादा समय नहीं लगता है। बुध ग्रह का प्रभाव मनुष्य के बातचीत की क्षमता से लेकर प्राथमिक शिक्षा और करियर को भी प्रभावित करता है। राशि चक्र में इन्हें मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व प्राप्त हैं। ऐसे में, बुध ग्रह का अस्त होना देश-दुनिया और मनुष्य जीवन को प्रभावित करेगा। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं बुध अस्त की तिथि और समय। 

बुध कर्क राशि में अस्त: तिथि और समय 

बुध ग्रह को नवग्रहों में “ग्रहों के युवराज” का दर्जा प्राप्त है और इनके तेज़ गति से चलने की वजह से बुध महाराज का गोचर हर 23 से 27 दिन में होता है। साथ ही, यह जल्दी-जल्दी वक्री, मार्गी, उदय और अस्त होते हैं। इसी क्रम में, बुध ग्रह अब 24 जुलाई 2025 की शाम 07 बजकर 42 मिनट पर चंद्र देव की राशि में कर्क में अस्त हो जाएंगे। कर्क राशि में वैसे भी बुध की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं होती है क्योंकि यह इनके शत्रु चंद्रमा की राशि है। ऐसे में, अब बुध महाराज का कर्क राशि में अस्त होना निश्चित रूप से संसार और सभी राशियों के जातकों के जीवन में कुछ बड़े बदलाव लेकर आ सकता है। हालांकि, बुध अस्त के प्रभावों को जानने से पहले आपके लिए अस्त अवस्था के बारे में जानना आवश्यक है।

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ग्रह के अस्‍त होने का क्‍या मतलब है?

ज्योतिष के अनुसार, सूर्य देव के अलावा प्रत्येक ग्रह की चाल, दशा और स्थिति समय-समय पर बदलती है। इसी में से एक है ग्रह का अस्त होना। आपके मन में सवाल उठ रहे होंगे कि ग्रह का अस्त होना किसे कहते हैं? तो बता दें कि ज्योतिष की दृष्टि में जब कोई ग्रह अपने पथ पर परिक्रमा करते हुए सूर्य के इतने करीब चला जाता है कि वह सूर्य के तेज़ और तपन से प्रभावहीन हो जाता है। साथ ही, वह अपनी सारी शक्तियों को खोकर कमज़ोर हो जाता है और इसे ही, ग्रह की अस्त अवस्था कहा जाता है। 

हालांकि, हर ग्रह सूर्य से एक निश्चित डिग्री पर जाकर अस्त हो जाता है। बात करें इन ग्रहों के अस्त होने की डिग्री की, तो चंद्रमा 12 अंश पर, मंगल 07 अंश पर, बुध 13 अंश पर, गुरु देव 11 अंश पर, शनि महाराज 15 अंश पर और शुक्र ग्रह 9 अंश पर अस्त हो जाते हैं। सरल शब्दों में कहें तो, जब-जब कोई ग्रह सूर्य की परिधि में इस अंश तक पहुँच जाता है, तो वह कमज़ोर होकर अस्त हो जाता है। इसी प्रकार, अगर कोई ग्रह सूर्य के साथ उपस्थित है, लेकिन उसे 15 डिग्री की दूरी पर है तो उसे उदित कहा जाएगा। वहीं, सूर्य से 08 डिग्री की दूरी मध्यम उदित और 7 डिग्री से कम की दूरी होने पर बुध ग्रह को छोड़कर सभी ग्रह अस्त माने जाते हैं। हालांकि, सूर्य के करीब स्थित होने के कारण बुध ग्रह ज्यादातर अस्त अवस्था में रहते हैं।  

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

ज्योतिषीय दृष्टि से बुध ग्रह 

  • सौरमंडल में बुध को सबसे छोटा ग्रह माना जाता है जो कि एक शुभ ग्रह है। 
  • जैसे सूर्य को राजा, चंद्रमा को रानी, मंगल को सेनापति और गुरु को मंत्री का पद प्राप्त है। ऐसे में, बुध देव को “ग्रहों के राजकुमार” की उपाधि प्राप्त है। 
  • यह बुद्धि, संचार कौशल, वाणी, संवाद, अकाउंट, व्यापार, गणित और तर्क के कारक ग्रह हैं। 
  • बुध एक द्विस्वभाव ग्रह है यानी कि कुंडली में यह जिस ग्रह के साथ बैठे होते हैं, उसी के अनुसार आपको फल प्रदान करते हैं। 
  • अगर यह शुभ ग्रह के साथ मौजूद होंगे, तो आपको सकारात्मक परिणाम देंगे जबकि पापी ग्रहों के साथ स्थित होने पर बुध देव से मिलने वाले परिणाम नकारात्मक होंगे।
  • बुध ग्रह काल पुरुष कुंडली में कन्या और मिथुन राशि के अधिपति देव हैं।
  • हालांकि, कन्या राशि में बुध महाराज उच्च अवस्था में होते हैं और मीन राशि में नीच के होते हैं।
  • बात करें नक्षत्रों की, तो इन्हें 27 नक्षत्रों में ज्येष्ठा, रेवती और अश्लेषा नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 
  • सूर्य और शुक्र के साथ बुध देव के मित्रवत संबंध है जबकि यह मंगल ग्रह एवं चंद्र देव के शत्रु माने जाते हैं। वहीं, इनके गुरु और शनि के साथ तटस्थ संबंध है। 
  • बुध ग्रह की महादशा 17 वर्षों तक चलती है। 

मज़बूत बुध का जीवन पर प्रभाव 

  • कुंडली में बुध ग्रह के अनुकूल या उच्च राशि में होने पर जातक अपने विचारों को आसानी से दूसरे के सामने रखने में सक्षम होता है और इनकी वाणी भी प्रभावशाली होती है। बुध देव के आशीर्वाद से व्यक्ति बुद्धिमान, विश्लेषणात्मक और सरल स्वभाव का बनता है।
  • बुध देव के लाभकारी होने से जातक ज्ञानी और तर्कशास्त्र में माहिर होता है। ऐसे जातक राजनीति में महारत हासिल करता है और इन्हें वाद-विवाद में हराना बेहद मुश्किल होता है।
  • जिन जातकों की कुंडली में बुध महाराज शुभ स्थिति में होते हैं, उनको अच्छे स्वास्थ्य, वाणी में मिठास और ज्ञान की प्राप्ति होती है। 
  • इनकी कृपा से व्यक्ति का संचार कौशल बेहतर होता है और उनकी बातों से अन्य लोग आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं।
  • अगर बुध कमज़ोर या दुर्बल अवस्था में होते हैं, तो ऐसा इंसान बहुत चालाक और तेज़ होता है। इनके प्रभाव से व्यक्ति झूठा, दिखावा करने वाला  और धोखेबाज़ बनता है। इन जातकों को दूसरों से किए वादे भूलने में समय नहीं लगता है। 

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बुध ग्रह का शुभ अंक और रंग 

ज्योतिष में हर ग्रह को समर्पित एक दिन और अंक होता है। साथ ही, प्रत्येक ग्रह का अपना प्रिय रंग होता है। अगर किसी ग्रह को मज़बूत करना हो या प्रसन्न करना हो या फिर ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति प्राप्त करनी हो, तो उस ग्रह से जुड़े अंक, रंग और दिन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

बात करें बुध ग्रह की, तो ज्योतिष में बुध का प्रिय रंग हरा माना गया है और इन्हें समर्पित दिन बुधवार है। ऐसे में, यदि आप बुध को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो आपको बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े ज्यादा से ज्यादा पहनने चाहिए। बुधवार के दिन बुध देव की पूजा-अर्चना और व्रत करना फलदायी माना जाता है। जब कुंडली में किसी इंसान पर बुध की महादशा चल रही हो, तो बुधवार के दिन बुध ग्रह के लिए व्रत और पूजन करने से सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होती है। दूसरी तरफ, अंकों में बुध महाराज का संबंध अंक 05 से है और यह उत्तर दिशा को नियंत्रित करते हैं।

बुध कर्क राशि में अस्त के दौरान आज़माएं लाल किताब के ये उपाय 

दुर्गा पूजन

बुध ग्रह को मज़बूत करने के लिए बुधवार के दिन देवी दुर्गा के मंदिर जाएं और उन्हें हरे रंग की चूड़ियां अर्पित करें। साथ ही, इस दिन “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:” मंत्र का जाप करना फलदायी साबित होगा। 

इन महिलाओं का करें सम्मान

जो जातक बुध ग्रह से शुभ परिणाम पाना चाहते हैं, उन्हें बेटी, बहन, बुआ और साली आदि के साथ रिश्ते अच्छे बनाकर रखने चाहिए। साथ ही, उनके सम्मान करें और बुधवार के दिन उन्हें कुछ मीठा खिलाएं। 

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नाक छिदवाएं

ऐसे जातक जिनकी जन्म कुंडली में बुध ग्रह आठवें भाव में विराजमान होते हैं या फिर पीड़ित अवस्था में होते हैं, उन्हें बुधवार के दिन नाक छिदवानी चाहिए। साथ ही, अगले 43 दिन तक नाक में चांदी पहनकर रखनी चाहिए। 

मूंग का दान 

जो लोग बुध ग्रह को बलवान करना चाहते हैं, उनके लिए साबुत हरे मूंग का दान करना शुभ साबित होगा। 

तुलसी का सेवन करें 

बुध देव से सकारात्मक परिणाम पाने के लिए बुधवार को तुलसी की पत्ती का धोकर सेवन करें क्योंकि ऐसा करना अच्छा माना जाता है। 

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बुध कर्क राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि की कुंडली में बुध ग्रह तीसरे और छठे भाव के स्वामी होते हैं और बुध ग्रह… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी होते… (विस्तार से पढ़ें) 

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों की कुंडली में बुध ग्रह उनके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ… (विस्तार से पढ़ें) 

कर्क राशि

कर्क राशि की कुंडली में बुध ग्रह तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और बुध… (विस्तार से पढ़ें) 

सिंह राशि

सिंह राशि के लिए बुध ग्रह दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और बुध ग्रह …(विस्तार से पढ़ें)  

कन्या राशि

कन्या राशि की कुंडली में बुध ग्रह लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ दशम …(विस्तार से पढ़ें) 

तुला राशि

तुला राशि की कुंडली में बुध ग्रह भाग्य तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और यह…(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

बुध ग्रह आपकी कुंडली में अष्टम तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और बुध ग्रह आपके…(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

धनु राशि  की कुंडली में बुध ग्रह सातवें तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और यह…(विस्तार से पढ़ें) 

मकर राशि

मकर राशि के लिए बुध ग्रह छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी होते हैं और बुध ग्रह…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि की कुंडली में बुध ग्रह पंचम तथा अष्टम भाव के स्वामी होते हैं और बुध ग्रह …(विस्तार से पढ़ें) 

मीन राशि

मीन राशि के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में चौथे तथा सप्तम भाव के स्वामी होते हैं और…(विस्तार से पढ़ें) 

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. बुध कर्क राशि में अस्त कब होंगे?

चंद्र देव की राशि कर्क में बुध ग्रह 24 जुलाई 2025 को अस्त हो जाएंगे।

2. बुध ग्रह कौन हैं?

ज्योतिष में बुध को ग्रहों का युवराज माना जाता है जो बुद्धि, वाणी, व्यापार और तर्क आदि को नियंत्रित करते हैं। 

3. बुध के साथ चंद्रमा के संबंध कैसे हैं?

बुध ग्रह चंद्र देव के साथ शत्रुता का भाव रखते हैं।